वित्त वर्ष 2024 (FY24) का पूरा बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 22 या 23 जुलाई 2024 को प्रस्तुत किया जाने की संभावना है। हर बार की तरह, इस बार भी करदाताओं को बजट से काफी उम्मीदें हैं। खासतौर पर, नए टैक्स सिस्टम को अपनाने वाले करदाता टैक्स राहत उपायों की मांग कर रहे हैं।
अनुमान है कि सरकार मध्यम वर्गीय परिवारों की खपत बढ़ाने पर जोर दे सकती है, जिससे जीडीपी के पहले से मजबूत आंकड़ों को और बढ़ावा मिलेगा। यह समय की जरूरत भी है, क्योंकि आर्थिक वृद्धि में मध्यम वर्ग की खपत का बड़ा योगदान होता है।
नए टैक्स सिस्टम को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए कुछ बदलाव संभावित हैं। इनमें से एक है स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाना। वर्तमान में यह डिडक्शन सीमित है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसे बढ़ाने से खासतौर पर नौकरीपेशा वर्ग को बड़ा फायदा मिलेगा।
इसके अलावा, निवेश आधारित कटौतियों को भी नए टैक्स सिस्टम में शामिल किया जा सकता है। पहले से पुराने टैक्स सिस्टम में धारा 80सी के तहत अत्यधिक मांग थी, और इस तरह की कटौतियाँ करदाताओं को नए टैक्स सिस्टम की ओर आकर्षित कर सकती हैं।
व्यवसाय और पेशेवर करदाताओं को टैक्स सिस्टम बदलने में अधिक लचीलापन देने पर भी विचार हो सकता है। इससे वे अपनी आय और खर्चों के अनुसार सबसे उपयुक्त योजना चुन सकते हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अतिरिक्त लाभ भी नए टैक्स सिस्टम में शामिल किए जा सकते हैं। इससे करदाता भविष्य के लिए सुरक्षित महसूस कर सकेंगे और उनके दीर्घकालिक वित्तीय स्वास्थ्य में सुधार होगा।
बच्चों की शिक्षा के संबंध में भी कुछ कटौतियाँ और लाभ प्रदान किए जा सकते हैं, जिससे माता-पिता की शिक्षा खर्च को कम किया जा सके।
वित्तीय वृद्धि के अन्य उपाय भी सरकार द्वारा पेश किए जा सकते हैं, जिससे करदाता अधिक निवेश कर सकें और अपनी आय को बढ़ा सकें।
न तो नई टैक्स प्रणाली से जुड़े करदाताओं की उम्मीदों को नजरअंदाज किया जा सकता है और न ही उनके दीर्घकालिक वित्तीय स्वास्थ्य को अनदेखा किया जा सकता है। जैसा कि विशेषज्ञ Ritika Nayyar ने सुझाया, स्टैंडर्ड डिडक्शन की राशि में वृद्धि और धारा 80C जैसी कटौतियों को शामिल करना नए टैक्स सिस्टम को अधिक आकर्षक बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। अब सारी आँखें वित्त मंत्री पर हैं कि वे इन मांगों को कैसे पूरा करती हैं और करदाताओं को कितना राहत प्रदान करती हैं।