दिल्ली ने अपने इतिहास में दर्ज की सबसे अधिक गर्मी
दिल्ली के नागरिकों ने आज एक ऐसा दिन देखा जो उनके जीवनकाल में पहले कभी नहीं देखा था। दिल्ली ने 52.3 डिग्री सेल्सियस का तापमान रिकॉर्ड किया, जिससे शहर की धरती आग की तरह धधक उठी। यह तापमान मंगेशपुर में 2:30 बजे मैप गया। इस तापमान ने सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए और दिल्ली को इतिहास में सबसे अधिक गर्मी वाले स्थान के रूप में स्थापित कर दिया।
राजस्थान से उठी गर्म हवाओं का प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, इस अत्यधिक तापमान के पीछे मुख्य कारण राजस्थान से आने वाली गर्म हवाएं हैं। राजस्थान की तपती धरती और वहाँ की धूप ने दिल्ली के तापमान को नया ऊँचाई पर पहुंचा दिया है। इसके चलते दिल्ली का मौसम पूरी तरह से बदल गया और लोगों को असहनीय गर्मी का सामना करना पड़ा।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने पहले ही दिल्ली और अन्य भारतीय राज्यों में गर्मी की चेतावनी जारी कर दी थी। पिछले कुछ दिनों से लगातार तापमान में वृद्धि हो रही थी, लेकिन आज का दिन सभी के लिए एक चौंकाने वाला साबित हुआ। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक भीषण गर्मी का यह दौर जारी रह सकता है।
शाम को बारिश से मिली राहत
दिनभर की तपती गर्मी के बाद शाम को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बारिश के कारण लोगों को थोड़ी राहत मिली। लेकिन फिर भी, दिनभर की गर्मी का प्रभाव अभी भी जगह-जगह महसूस हो रहा है।
अन्य क्षेत्रों में अधिक तापमान की स्थिति
नजफगढ़, मंगेशपुर और नरेला में लगातार बहुत अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा है। ये जगहें पहले से ही गर्म हवाओं की चाप में हैं और सबसे अधिक तापमान का असर इन्हीं क्षेत्रों में देखने को मिला है। इसके साथ ही, राजस्थान के फलोदी और चुरू में भी मौसम ने अपने क्रूर रूप दिखाया है।
सीधे सूर्यप्रकाश और छांव की कमी
विशेषज्ञ बताते हैं कि खुले क्षेत्रों में सीधे सूर्यप्रकाश और छांव की कमी के कारण तापमान और भी अधिक बढ़ गया है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इस भीषण गर्मी में बाहर निकलने से बचें और अपने शरीर को हाइड्रेट रखें। किसी भी प्रकार की चंद्रिक गतिविधियों से बचना ही बेहतर है।
गर्मी से बचाव के उपाय
गर्मी से बचने के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं जैसे कि दिनभर पर्याप्त पानी पिएं, हल्के और सूती कपड़े पहनें, छांव में रहें और धूप से बचाव करें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि उन्हें गर्मी से जल्दी थकावट और बीमारी हो सकती है।
गर्मी के साथ कैसे निपटें
इस प्रकार की भीषण गर्मी के दौरान राहत पाने के लिए अपने घर को ठंडा रखने के लिए एयर कूलर या एसी का उपयोग करें। अगर बाहर जाना बहुत जरूरी हो तो सिर को ढककर जाएं और धूप से बचने के लिए छतरी का प्रयोग करें। यह सुनिश्चित करें कि बाहर से आने के बाद तुरंत तरल पदार्थों का सेवन करें।
उम्मीद है कि मौसम विभाग की अगले कुछ दिनों के पूर्वानुमानों के अनुसार तापमान में कुछ गिरावट आएगी और दिल्ली के नागरिकों को इस गर्मी से राहत मिलेगी।
Aila Bandagi
30 मई, 2024 - 02:57 पूर्वाह्न
ये तो बस गर्मी नहीं, बल्कि जिंदगी का टेस्ट है। पानी पियो, छांव में रहो, और अपने आप को नुकसान नहीं पहुंचाओ। बच्चों और बुजुर्गों के लिए खास ध्यान रखो।
Abhishek gautam
30 मई, 2024 - 11:59 पूर्वाह्न
अगर हम इस तरह के तापमान को इतिहास का एक बिंदु मान लें, तो यह सिर्फ एक मौसमी घटना नहीं, बल्कि सभी व्यवस्थाओं के अस्तित्व के लिए एक संकेत है। हमने प्रकृति के साथ जो समझौता किया, वो टूट चुका है। हम अपने अहंकार के आधार पर जी रहे हैं, और अब प्रकृति हमें याद दिला रही है कि वो किसकी है।
Imran khan
30 मई, 2024 - 12:31 अपराह्न
मंगेशपुर में 52.3 डिग्री? वाह। मैंने तो गुजरात में 49.5 देखा था, और लगा जैसे आग लग गई हो। ये तो अब बस बुरा नहीं, बल्कि बहुत बुरा हो गया है। घर में ठंडा रखो, बाहर न जाओ, और अगर जाना ही है तो चश्मा और हेलमेट जरूर पहनो।
Neelam Dadhwal
30 मई, 2024 - 18:30 अपराह्न
ये सब बस एक धोखा है। गर्मी तो हमेशा से थी, लेकिन अब लोगों को डराने के लिए नंबर बढ़ा दिए जा रहे हैं। ये सब राजनीति है। कौन फायदा उठा रहा है? एयर कंडीशनर कंपनियां? बिजली कंपनियां? ये नंबर तो बस एक बड़ा बाजारी नाटक है।
Sumit singh
31 मई, 2024 - 03:00 पूर्वाह्न
ये गर्मी तो अब बस इंसान के लिए नहीं... ये भगवान के लिए भी बहुत ज्यादा है 😅🔥 अगर तुम्हारा एसी चल रहा है तो तुम जी रहे हो। अगर नहीं चल रहा तो तुम बस इंतजार कर रहे हो कि कब मरोगे।
fathima muskan
1 जून, 2024 - 01:22 पूर्वाह्न
क्या तुम्हें लगता है ये बस मौसम की गलती है? नहीं भाई, ये तो जीवन का अंतिम संकेत है। वो लोग जो इंटरनेट पर जाकर बोलते हैं 'अभी तो गर्मी आई है', वो जानते ही नहीं कि अगले 5 साल में दिल्ली का नाम ही बदल जाएगा - 'नेक्स्ट डेसर्ट'। और हां, ये सब ड्रोन्स और सैटेलाइट्स से नियंत्रित हो रहा है। अमेरिका ने ये सब शुरू कर दिया है।
Devi Trias
1 जून, 2024 - 20:16 अपराह्न
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अधिकतम तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस का रिकॉर्ड अभी तक किसी भी मान्यता प्राप्त मौसम स्टेशन द्वारा प्राप्त नहीं हुआ है। यह असंभव है क्योंकि जलवायु विज्ञान के अनुसार, भूमि के तापमान और हवा के तापमान में अंतर होता है। कृपया स्रोतों की पुष्टि करें।
Kiran Meher
2 जून, 2024 - 21:18 अपराह्न
भाई ये तो बस एक दिन की बात है... अगले हफ्ते तक ये गर्मी भूल जाएगी। बस एक बात याद रखो - पानी पियो, आराम करो, और खुद को जिंदा रखो। तुम जितना बेहतर रहोगे, उतना ही दुनिया बेहतर होगी। जय हिंद 🙏
Tejas Bhosale
3 जून, 2024 - 10:05 पूर्वाह्न
अल्बेडो इफेक्ट और यूर्बन हीट आइलैंड इफेक्ट के कारण इंडियन मेट्रोपॉलिस के लिए 50+ डिग्री एक लॉजिकल आउटकम है। ट्रांसपोर्ट एमिशन्स + बिल्डिंग मैटीरियल्स + लैंड यूज चेंज = थर्मल लूप एक्सिस्टेंस। डिक्लाइन इज इनेविटेबल।
Asish Barman
3 जून, 2024 - 13:50 अपराह्न
52.3? ये नंबर तो फेक है। मैंने अपने घर के थर्मामीटर पर 48.5 देखा था और वो भी बाहर नहीं, अंदर। ये लोग ज्यादा बात करने के लिए नंबर बढ़ा देते हैं। असली गर्मी तो बिजली कट जाने पर आती है।
Abhishek Sarkar
4 जून, 2024 - 13:56 अपराह्न
हर साल यही बात होती है। गर्मी बढ़ रही है - लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि ये सब इंसानों के अपने जीवन शैली की वजह से हो रहा है? हम बिजली के लिए जितना बिजली खा रहे हैं, उसकी वजह से बादल बनने की क्षमता कम हो रही है। हम खुद अपने आप को बर्बाद कर रहे हैं। और फिर भी लोग बोलते हैं 'ये मौसम है'।
Niharika Malhotra
4 जून, 2024 - 20:56 अपराह्न
इस गर्मी के बीच भी, हम एक दूसरे की मदद कर सकते हैं। अगर आपके पास एसी है, तो उसके आसपास बैठे लोगों को आमंत्रित करें। अगर आपके पास पानी है, तो उसे बांटें। ये गर्मी हमें अलग कर रही है, लेकिन हम इसे एकता का अवसर बना सकते हैं। शांति से रहो।
Baldev Patwari
6 जून, 2024 - 16:41 अपराह्न
ये तो बस एक बड़ा बाजारी धोखा है। किसी ने अपने एसी का बिल बढ़ाना चाहा तो इतना बड़ा नंबर निकाल दिया। मैंने देखा है - बाहर 45 है, अंदर 40। बाकी सब फेक न्यूज है। और अब तो बिजली भी कट रही है। तो फिर ये तापमान क्यों बढ़ रहा है? शायद एसी बंद हो गया है।
harshita kumari
7 जून, 2024 - 04:17 पूर्वाह्न
सुनो ये गर्मी अचानक नहीं आई है यार... ये तो लोगों ने अपने घरों के बाहर ट्री नहीं लगाए तो ये हुआ। हमने बारिश के लिए नहीं देखा बल्कि इमारतें बनाईं। अब जब तापमान बढ़ रहा है तो लोग बोल रहे हैं कि ये भगवान का क्रोध है। नहीं भाई, ये तो हमारी लापरवाही है। अगली बार एक पेड़ लगा देना।