क्या आपने कभी सोचा है कि आपके गली‑मुहल्ले की साफ़‑सफ़ाई किसके हाथ में है? असल में यह सबका काम है – घर से बाहर निकलने वाला हर व्यक्ति. जब हम रोज़मर्रा की छोटी‑छोटी बातों को समझते हैं, तो शहर खुद ही चमकता है.
साफ़ वातावरण में रहने से बीमारियों का खतरा घटता है। हवा में धूल कम रहती है और जल स्रोत भी सुरक्षित रहते हैं. बच्चे स्कूल में ज्यादा ध्यान देते हैं, क्योंकि गंदे कूड़े‑कचरे से नज़रें हटती नहीं. आर्थिक रूप से भी फायदा होता है; पर्यटन बढ़ता है और स्थानीय व्यवसायों को नया ग्राहक मिलता है.
सरकारी योजनाओं के साथ अगर नागरिक खुद कदम उठाएँ तो सफ़ाई की गति दो गुनी हो जाती है। कई शहरों में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ जैसी पहलें शुरू हुई हैं, लेकिन उनका असर तभी दिखता है जब हम घर‑घर से कचरा अलग करें और डस्टबिन को भर दें.
1. कुड़ेदान का सही उपयोग: कचरे को प्लास्टिक, जैविक, धातु व इलेक्ट्रॉनिक में अलग‑अलग डालें. इससे रीसाइकलिंग आसान होती है और लैंडफ़िल कम भरते हैं.
2. सड़क पर कूड़ा न फेंके: अगर रास्ते में कुछ गिर जाए तो तुरंत उठाएँ या पास के डस्टबिन में डालें. यह छोटा काम बड़े बदलाव का हिस्सा बनता है.
3. पानी बचाने की आदत: पानी को लीक नहीं होने दें, नल बंद रखें और बारिश के पानी को संग्रहित करके पौधों में उपयोग करें. साफ़ जल स्रोत से शहर की स्वच्छता बढ़ती है.
4. स्थानीय स्वच्छता कार्यक्रम में हिस्सा लें: वार्षिक सफाई ड्राइव या पड़ोस‑स्तर पर आयोजित क्लीन‑अप इवेंट्स में मदद करें. टीम वर्क से बड़ी गंदगी भी जल्दी हट जाती है.
5. प्लास्टिक का कम उपयोग: reusable बैग, बोतल और कप खरीदें. प्लास्टिक कचरा नदियों तक नहीं पहुँचता तो समुद्र‑जीवन सुरक्षित रहता है.
इन छोटे-छोटे कदमों को अपनाकर आप न सिर्फ अपने मोहल्ले को साफ रखेंगे, बल्कि पूरे शहर में स्वच्छता की लहर भी पैदा करेंगे. याद रखें, एक साफ़ सुथरा शहर बनाना कोई बड़े प्रोजेक्ट नहीं, बस रोज़ के छोटे‑छोटे निर्णयों का परिणाम है.
अंत में यह समझें कि सफाई केवल सरकार या निगमों की ज़िम्मेदारी नहीं है; हर नागरिक को अपने हिस्से का योगदान देना चाहिए. जब सभी मिलकर प्रयास करेंगे तो स्वच्छ शहर सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि वास्तविकता बन जाएगा.
इंदौर लगातार आठवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में भारत का सबसे स्वच्छ शहर बना। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में विजेताओं को सम्मानित किया। इस बार नवी मुंबई और सूरत ने भी टॉप में जगह बनाई जबकि हरियाणा का करनाल पहली बार चर्चा में रहा।
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