Bihar Police Constable Result 2025 घोषित: 99,690 उम्मीदवारों को शारीरिक परीक्षण के लिए चयनित

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Bihar Police Constable Result 2025 घोषित: 99,690 उम्मीदवारों को शारीरिक परीक्षण के लिए चयनित

परिणाम जारी और प्रमुख आँकड़े

Bihar Police Constable Result 2025 आधिकारिक तौर पर 26 सितंबर को Central Selection Board of Constables (CSBC) ने घोषित किया। यह परीक्षा 16 जुलाई से 3 ऑगस्ट 2025 तक कई सत्रों में आयोजित की गई थी, जिसमें कुल 1,673,586 उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा दी। राज्य ने इस बार 19,838 कांस्टेबल पदों (बिहार पुलिस और विशेष सशस्त्र पुलिस) भरने का लक्ष्य रखा था। अब लगभग 99,690 उम्मीदवार, यानी लगभग 6% आवेदनकर्ता, शारीरिक दक्षता टेस्ट (PET) और शारीरिक मानक टेस्ट (PST) के अगले चरण के लिए लिस्टेड हैं।

परिणाम PDF फॉर्मेट में csbc.bihar.gov.in की आधिकारिक साइट पर अपलोड किया गया है। उम्मीदवार अपने रॉल नंबर और पासपोर्ट साइज़ फोटो के साथ लॉगिन करके अपने अंक देख सकते हैं। साइट पर श्रेणी‑वार कट‑ऑफ़ मार्क्स भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे उम्मीदवार अपनी स्थिति तुरंत समझ सकें।

कट‑ऑफ़ और श्रेणी‑वार विवरण

कट‑ऑफ़ और श्रेणी‑वार विवरण

जनरल वर्ग के पुरुष उम्मीदवारों के लिए लिखित परीक्षा की न्यूनतम पास मार्क्स 72‑75 के बीच निर्धारित की गई हैं, जबकि महिला उम्मीदवारों के लिए 45‑50 के बीच है। यह अंतर विभिन्न शारीरिक क्षमताओं और सामाजिक मानकों को ध्यान में रखकर तय किया गया है। अन्य आरक्षण वर्गों – SC, ST, OBC‑Non‑Creamy – के लिए भी अलग‑अलग कट‑ऑफ़ की सूची जारी की गई है, जिससे प्रत्येक उम्मीदवार को स्पष्टता मिलती है कि वह किस स्तर पर है।

कुल 99,690 चयनित उम्मीदवारों में से प्रत्येक को PET और PST के लिए अलग‑अलग समय‑सारिणी और केंद्रों की सूचना आगे के आधिकारिक संवाद में भेजी जाएगी। इन परीक्षणों में शारीरिक सहनशक्ति, तेज़ी, एड़ना और ऊँचाई‑हाइट मानक जैसी कई पहलुओं की जांच की जाएगी।

भविष्य की प्रक्रिया और तैयारी के सुझाव

भविष्य की प्रक्रिया और तैयारी के सुझाव

शारीरिक परीक्षणों की तैयारी अब सबसे महत्वपूर्ण कदम बन गई है। अभ्यर्थियों को हल्के‑फुल्के वॉक‑ऑफ़ से बचते हुए नियमित जिम वर्कआउट, दौड़, पुल‑अप, और सहनशक्ति वाले व्यायाम पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। साथ ही, टेस्ट के नियमों को ध्यान से पढ़ें—जैसे कोट‑ऑफ़ ऊँचाई, वजन मानक, और समय सीमा—ताकि कोई आश्चर्य न हो।

CSBC ने यह भी कहा है कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता को प्राथमिकता दी जाएगी और किसी भी प्रकार की अनुचित कटौती या वैधता से हटकर कार्य नहीं किया जाएगा। इसलिए, उम्मीदवारों को आधिकारिक अधिसूचना पर ध्यान देना और किसी भी अनावश्यक मध्यस्थ सेवा से बचना चाहिए।

राज्य सरकार इस बड़े भर्ती अभियान के ज़रिए पुलिस कर्मियों की संख्या और गुणवत्ता दोनों को बढ़ाने का लक्ष्य रखती है, ताकि law and order बनाए रखने में बेहतर क्षमता हासिल हो सके। चयनित उम्मीदवारों को आगे के प्रशिक्षण एवं सेवा में भी उचित मार्गदर्शन मिलेगा।

6 टिप्पणि

Shaik Rafi

Shaik Rafi

27 सितंबर, 2025 - 03:05 पूर्वाह्न

इस रिजल्ट को देखकर लगता है कि बिहार पुलिस अब सिर्फ़ शारीरिक ताकत के बारे में नहीं, बल्कि एक ऐसी संस्कृति की ओर बढ़ रही है, जहाँ अनुशासन, समानता, और लगन को प्राथमिकता दी जाती है। जनरल के लिए 75 और महिलाओं के लिए 45-ये अंतर केवल भेदभाव नहीं, बल्कि वास्तविकता को स्वीकार करने का एक तरीका है। शारीरिक परीक्षा में ऊँचाई का मानक भी अगर समाज के विभिन्न भूगोल और पोषण स्तर को ध्यान में रखकर बनाया गया है, तो यह न्याय का एक अच्छा उदाहरण है। अब बस यह देखना है कि इन उम्मीदवारों को ट्रेनिंग में कितना समर्थन मिलता है।

Ashmeet Kaur

Ashmeet Kaur

28 सितंबर, 2025 - 07:47 पूर्वाह्न

मैं बिहार की एक छोटी सी गाँव की लड़की हूँ, और मैंने इस परीक्षा में भाग लिया। मेरे अंक 48 थे-और मैं चयनित हूँ। लोग कहते हैं कि महिलाओं के लिए कटऑफ़ कम है, लेकिन जब तुम रोज़ सुबह 4 बजे उठकर 5 किमी दौड़ती हो, और घर पर चाय बनाने के बाद पढ़ती हो, तो ये नंबर तुम्हारी मेहनत का प्रतिबिंब है। मैंने कभी किसी से मदद नहीं माँगी। अगर आप भी इस रास्ते पर हैं, तो डरो मत। तुम अकेली नहीं हो।

Nirmal Kumar

Nirmal Kumar

28 सितंबर, 2025 - 08:43 पूर्वाह्न

ये परिणाम देखकर लगता है कि बिहार सरकार ने सच में कुछ अच्छा किया है। 16 लाख आवेदनकर्ताओं में से 6% चयनित होना-ये एक बहुत बड़ी संख्या है। और ये कटऑफ़ भी बहुत समझदारी से निर्धारित किए गए हैं। मैंने देखा कि SC/ST के लिए भी विशिष्ट कटऑफ़ हैं, जो इस बात को दर्शाता है कि आरक्षण सिर्फ़ एक नीति नहीं, बल्कि एक समाज के भीतर के असमानता को सुधारने का एक तरीका है। अब बस यह देखना है कि इन लोगों को ट्रेनिंग के दौरान भी उतना ही सम्मान मिलता है या नहीं।

Sharmila Majumdar

Sharmila Majumdar

28 सितंबर, 2025 - 22:05 अपराह्न

आप सब ये बातें कर रहे हैं कि कटऑफ़ कैसा है, लेकिन क्या किसी ने ये जाँचा कि ये परीक्षा केंद्रों में जाने के लिए ट्रेन का टिकट कितना खर्चीला है? या फिर वो लड़कियाँ जिनके घर में शौचालय तक नहीं है, वो PET के लिए कैसे तैयार होंगी? और क्या आप जानते हैं कि जिन लोगों के नाम लिस्ट में हैं, उनमें से 30% के पास बैंक अकाउंट तक नहीं है? आप सब बस आँकड़ों को देख रहे हैं, लेकिन इन आँकड़ों के पीछे की जिंदगी को नहीं।

amrit arora

amrit arora

30 सितंबर, 2025 - 10:14 पूर्वाह्न

मैं इस बात पर गहराई से विचार कर रहा हूँ कि जब हम एक बड़े भर्ती अभियान को लेकर बात कर रहे हैं, तो हमें सिर्फ़ उत्तर देने की जगह, ये भी सोचना चाहिए कि हम किस तरह की पुलिस बनाना चाहते हैं। क्या हम बस एक ताकतवर शरीर चाहते हैं, या एक ऐसा व्यक्ति जो गरीब की आवाज़ सुन सके? क्या हम एक ऐसा अधिकारी चाहते हैं जो डर के आधार पर काम करे, या जो समझ और सहानुभूति से? ये परीक्षा केवल शारीरिक नहीं, बल्कि नैतिक और भावनात्मक दृष्टिकोण की भी परीक्षा है। अगर ये चयनित उम्मीदवार अपने अंदर की मानवता को बरकरार रख सकें, तो बिहार की पुलिस वाकई एक नया मिसाल बन सकती है।

Ambica Sharma

Ambica Sharma

30 सितंबर, 2025 - 16:52 अपराह्न

मैंने भी लिखी थी और नहीं निकली।

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