जब नोवाक जॉकोविच, सर्बियाई टेनिस दिग्गज और 24‑बार ग्रैंड स्लैम विजेता, ने 22 मई 1987 को जन्म लिया, तो कोई नहीं सोच सकता था कि वह 38 साल की उम्र में भी कोर्ट पर राज करेगा। 27 मई 2025 को पेरिस के कोर्ट फ़िलिप चैत्रियर पर शुरू हुए फ़्रेंच ओपन 2025पेरिस में जॉकोविच ने मौसम की कठिन परिस्थितियों—भारी हवा और बारिश—के बीच, अमेरिकी खिलाड़ी मैकेंज़ी मैकडॉनल्ड को 6-3, 6-3, 6-3 से नॉक‑आउट कर दिया। यह जीत न सिर्फ़ जॉकोविच की फिटनेस का सबूत थी, बल्कि उनके 25वें ग्रैंड स्लैम के सपने की नींव भी रखी।
2025 का संस्करण टूर पर कई कारणों से गौरतलब था। यह साल रोलैंड गैरोस के 100 वर्षीय जश्न का भाग था, जब 1925 में यह टूर्नामेंट अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए खुला और ग्रैंड स्लैम का दर्जा पाया। इस ऐतिहासिक एडीशन में, जॉकोविच का नाम कई शर्तों से जुड़ा था: पिछले साल का बायाँ घुटना चोट (टॉर्न मेनिस्कस) और पेरिस में 2024 के फर्स्ट‑राउंड से बाहर होना। फिर भी, जॉकोविच ने जीनिवा में अपना 100वां ATP शीर्षक लेकर अपनी कॉन्फिडेंस को दोबारा सर किया। इस जीत ने दुनिया भर के टेनिस प्रशंसकों को आश्चर्यचकित किया, क्योंकि अब वह 25वें ग्रैंड स्लैम के कगार पर था—एक ऐसा आंकड़ा जो अब तक किसी ने नहीं छुआ।
मैच शुरू होते ही धुंध और तेज़ हवाएं कोर्ट को घेर लीं। जॉकोविच ने लम्बी बाजू वाले अंडरशर्ट पहना, जबकि मैकडॉनल्ड ने अपने कैलिफ़ोर्निया मूल के तेज़ सॉलो को दिखाने की कोशिश की। दोनो खिलाड़ियों ने पहला सेट लगभग बराबर खेला, लेकिन 3‑2 के स्कोर पर मैकडॉनल्ड ने लव‑40 पर पहला ब्रेक पॉइंट बनाया। तभी जॉकोविच ने तीन तेज़ सर्व किया—120 mph, 123 mph, और 122 mph—और सर्वाइव हुए। “वह इसे एक वीडियो‑गेम जैसा बना देता है,” मैकडॉनल्ड ने इंटर्व्यू में कहा। “मैं उसे अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं देख पा रहा था, लेकिन अगर मैं उसे धक्का देता, तो वह और बेहतर करता।”
मैच की कुल अवधि 1 घंटा 58 मिनट थी, और कोर्ट पर लगातार रेन डिलेज़ के कारण क्यूरींग सिस्टम भी अंत में बंद किया गया। जॉकोविच ने बाद में कहा: “मैं यहाँ फिर से भावनाओं से भरा हूँ। ऑलिम्पिक की यादें अभी भी मेरे साथ हैं।”
पहले राउंड के बाद, जॉकोविच ने दो और आसान जीतें दर्ज कीं: दूसरे राउंड में फ्रेंच खिलाड़ी कोरेंटिन माउटे को 6‑3, 6‑2, 7‑6(7) से और तीसरे राउंड में सर्बिया के बडजावियन फिलिप मिसोलिक को 6‑3, 6‑4, 6‑2 से। चौथे राउंड में उन्होंने लंदन के कैमरन नार्री को 6‑2, 6‑3, 6‑2 के स्कोर से हराया।
इन जीतों ने जॉकोविच को फ्रेंच ओपन के इतिहास में एक नया पायदान पर पहुंचा दिया। वह रफ़ाल नडाल के बाद दूसरी हस्ती बन गए जो रोलैंड गैरोस पर 100 मैच जीत चुके हैं, और यह उपलब्धि रॉजर्स फ़ेडरर के क्वार्टरफ़ाइनल रिकॉर्ड (19) को भी तोड़ती है। हालांकि, क्वार्टरफ़ाइनल में वह तीसरे सीड अलेक्जेंडर ज़वेराव के सामने 6‑4, 6‑2, 4‑6, 6‑6 के स्कोर से हार गये, जो 3 घंटे 17 मिनट का ग्रिपिंग मुकाबला था।
आख़िरकार, इस टूर का खिताब युवा स्पेनिश स्टार कार्लोस अलकाराज़ ने जैनिक सिन्नर को 4‑6, 6‑7(4‑7), 6‑4, 7‑6(7‑3), 7‑6(10‑2) जैसे पांच सेट के अद्भुत खेल से बचाते हुए अपने हाथ में ले लिया।
टेनिस विश्लेषक अनीता शाह ने कहा: “जॉकोविच का 2025 का फ्रेंच ओपन एक माँचे‑पुस्तक के समान रहा—बड़ी रफ़्तार, कमेज़ सुस्त मौसम और फिर भी एक सरल जीत। वह 25वें ग्रैंड स्लैम के करीब है, लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह अपनी शारीरिक स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित करना पड़ेगा।”
एक और टिप्पणी मिली पुरानी टेनिस दिग्गज के पास से: “रोलैंड गैरोस पर उनका अनुभव बेमिसाल है, लेकिन अब उम्र का सवाल सामने है। यदि वह इस साल नहीं, तो अगला साल एक और महान मोड़ हो सकता है।”
संक्षेप में, जॉकोविच की इस जीत ने न केवल उनके ரசிகों के दिल को जीता, बल्कि यह भी दिखाया कि ग्रैंड स्लैम के इतिहास में कौन‑सी नई सीमाएँ स्थापित की जा सकती हैं। आगे क्या होगा, यह अब बाक़ी समय में तय होगा, पर एक बात स्पष्ट है—उन्हें हमेशा याद किया जाएगा, चाहे वह फ्रेंच ओपन 2025 हो या 2030 के किसी भी मंच पर।
जॉकोविच का प्रभाव बहुत बड़ा है—उनकी निरंतर जीत ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है और यह साबित किया कि उम्र के साथ भी शीर्ष स्तर पर प्रतिस्पर्धा संभव है। उनके दृढ़ता भरे प्रदर्शन ने कई नई संभावनाओं को उजागर किया।
रात के समय तेज़ हवा और हल्की बारिश ने कोर्ट को फिसलन भरा बना दिया, जिससे कई खेल में सर्विस गति और रिटर्न रणनीतियों में बदलाव आया। कुछ मैचों में क्यूरींग सिस्टम को भी देर तक बंद करना पड़ा।
ज़वेराव ने अपने तेज़ बैकहैंड और प्रभावी सर्विस रिटर्न से जॉकोविच को कई महत्वपूर्ण पॉइंट पर दबाव में डाला। विशेषकर चौथे सेट में टाई‑ब्रेक तक पहुँचते‑पहुंचते वह कुशलता से मैट्रिक्स पर हावी रहे।
अलकाराज़ की लगातार जीत युवा स्पेनिश खिलाड़ियों को नई दिशा देगी और यूरोपीय टेनिस सर्किट में प्रतिस्पर्धा को और तीखा बना देगी। यह उनके करियर को भी एक नई ऊँचाई पर ले जाएगा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि जॉकोविच के पास तकनीकी, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक सभी पहलू हों। यदि वह अपनी चोटों का अच्छी तरह प्रबंधन कर पाते हैं, तो 25वें ग्रैंड स्लैम की संभावना वास्तव में मौजूद है।
subhashree mohapatra
6 अक्तूबर, 2025 - 04:27 पूर्वाह्न
जॉकोविच की तेज़ जीत सिर्फ़ एक कट्टर सर्व की धोखा है, असली खेल तो क्लासिक मैट्रिक्स में नहीं दिखता। पुरानी पीढ़ी के आंकड़े देखते हो तो लगता है कि ये उम्र भर का फंदा है।