संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) एडवांस्ड के परिणाम रविवार को घोषित किए गए। इस वर्ष IIT दिल्ली ज़ोन के वेद लाहोटी ने 360 में से 355 अंक प्राप्त कर शीर्ष स्थान हासिल किया है, जिससे वे इस प्रतियोगी परीक्षा के टॉपर बन गए हैं। परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत, धैर्य और लगातार अभ्यास की आवश्यकता होती है, और वेद लाहोटी की सफलता इसके सभी मानकों पर खरी उतरती है।
इस वर्ष परीक्षा में कुल 48,248 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की, जिसमें 7,964 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। IIT बॉम्बे ज़ोन की द्विजा धर्मेशकुमार पटेल ने 360 में से 322 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया रैंक 7 हासिल की है, जिससे वह शीर्ष महिला उम्मीदवार बनी हैं।
शीर्ष 10 उम्मीदवारों की सूची में अन्य उम्मीदवार भी शामिल हैं जैसे कि Aditya (IIT दिल्ली ज़ोन), Bhogalpalli Sandesh (IIT मद्रास ज़ोन), Rhythm Kedia (IIT रुड़की ज़ोन), Putti Kushal Kumar (IIT मद्रास ज़ोन), Rajdeep Mishra (IIT बॉम्बे ज़ोन), Koduri Tejeswar (IIT मद्रास ज़ोन), Dhruvi Hemant Doshi (IIT बॉम्बे ज़ोन) और Alladabona SSDB Sidhvik Suhas (IIT मद्रास ज़ोन)।
IIT बॉम्बे की शीर्ष महिला उम्मीदवार द्विजा धर्मेशकुमार पटेल ने अपने महत्वपूर्ण अंक अर्जित कर न केवल लड़कियों के लिए बल्कि सभी उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा का कार्य किया है।
सफलता के पीछे की कहानी
वेद लाहोटी की इस सफलता के पीछे उनकी निरंतर मेहनत और संगठित अध्ययन प्रणाली का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने न केवल अपने समय का सही उपयोग किया, बल्कि एक संतुलित दिनचर्या भी बनाए रखी, जिसे उन्होंने अपना उद्देश्य बना लिया था।
वेद कहते हैं कि उनके इस सफलता की कहानी में परिवार का बहुत योगदान रहा, जिन्होंने हर कदम पर उनका समर्थन किया। उनके माता-पिता ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और हर छोटी-बड़ी आवश्यकता का ध्यान रखा, जिससे वे बड़े आत्मविश्वास के साथ अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सके।
परीक्षा प्रणाली और तयारी
JEE Advanced की परीक्षा देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। यह परीक्षा IIT में प्रवेश के लिए होती है और इसमें उत्तीर्ण होने के लिए गहन तकनीकी ज्ञान और समस्या समाधान की क्षमता की आवश्यकता होती है। इस परीक्षा के लिए हर साल लाखों छात्र प्रयास करते हैं, लेकिन केवल चंद ही इसमें सफल हो पाते हैं।
इस परीक्षा की तैयारी में सफलता पाने के लिए सही रणनीति और उसे लागू करने की क्षमता का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वेद बताते हैं कि उन्होंने नियमित समय पर अध्ययन करना, मॉक टेस्ट्स देना और पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को सुलझाना अपनी दिनचर्या में शामिल किया, जिससे वे अपनी गलतियों को सुधार सके और अपनी कमजोरी को दूर कर सके।
इसके साथ ही, वेद मानते हैं कि परीक्षा की तैयारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना उतना ही जरूरी है जितना की पढ़ाई करना। उन्होंने योग और ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाया, जिससे वे तनाव मुक्त रह सके और ध्यान केंद्रित कर सके।
परिणाम और आगे की प्रक्रिया
परिणाम की घोषणा के बाद, अब उम्मीदवार अपना परिणाम आधिकारिक वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने लॉगिन विवरण का उपयोग करना होगा। अब जबकि परिणाम आ गए हैं, उम्मीदवार अपनी अगले पड़ाव की ओर बढ़ सकते हैं, जो कि IIT में प्रवेश की प्रक्रिया है।
JEE Advanced के बाद अब उम्मीदवारों को काउंसलिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा, जहां उन्हें अपनी पसंद के कॉलेज और ब्रांच का चयन करना होगा। इसके बाद, मेरिट के आधार पर सीटों का आवंटन किया जाएगा।
सफलता के लिए गंभीर प्रयास और एक निर्धारित मानसिकता की आवश्यकता होती है, और वेद लाहोटी की इस सफलता की कहानी इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। उनकी इस सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि उनके सभी चाहने वालों को गर्व से भर दिया है।
लेख निष्कर्ष
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) एडवांस्ड के परिणामों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मेहनत और समर्पण से हर मंजिल हासिल की जा सकती है। इस परीक्षा के टॉपर वेद लाहोटी ने अपने कठिन परिश्रम और समर्पण से यह उपलब्धि हासिल की है। उनके साथ अन्य सफल उम्मीदवारों ने भी इस परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इन सभी ने एक मिसाल कायम की है और आने वाली पीढ़ी को प्रेरित किया है।
harshita kumari
10 जून, 2024 - 18:43 अपराह्न
ये सब टॉपर्स की कहानियाँ सुनकर लगता है जैसे कोई जादू है जिससे बच्चे 355/360 ला लेते हैं लेकिन असलियत ये है कि जिनके पास पैसे हैं वो अपने बच्चों को दिल्ली में एक लक्ज़री कोचिंग में डाल देते हैं जहाँ हर दिन 15 घंटे पढ़ाया जाता है और घर पर नौकर खाना बनाता है और माँ-पिता केवल दो बार दिन में बोलते हैं तो बच्चा बोलना भूल जाता है और बस एग्जाम देने लगता है और फिर दुनिया उसे जीनियस कहती है और मैं जो घर पर भाई के साथ एक कमरे में रहकर बिजली बंद होने पर टॉर्च के नीचे पढ़ता था मैं क्या हूँ अपराधी
SIVA K P
11 जून, 2024 - 01:51 पूर्वाह्न
355 अंक? ओह बहुत बढ़िया बॉय तुमने जो अंक लिए उसमें से 5 अंक भी तुम्हारे पापा के जाल में फँसकर मिले होंगे जिन्होंने इंटरव्यू में एक बार गुरु जी को चाय पिला दी थी और बाकी तो बस रैंक बनाने के लिए बनाई गई लिस्ट है जिसमें एक बच्चे को टॉप करने के लिए बोला जाता है ताकि इंडिया का नाम रोशन हो
Neelam Khan
11 जून, 2024 - 22:11 अपराह्न
वेद और द्विजा दोनों ने अद्भुत काम किया है और ये दिखाता है कि अगर तुम्हारे अंदर इच्छाशक्ति है तो कोई भी बाधा तुम्हें रोक नहीं सकती अगर तुम भी इस रास्ते पर चल रहे हो तो बस रुको मत अपने दिन के लिए छोटी जीत बनाओ और धीरे-धीरे बड़ी जीत आएगी तुम अकेले नहीं हो और तुम्हारी मेहनत देखी जा रही है
Jitender j Jitender
13 जून, 2024 - 00:27 पूर्वाह्न
जीईई एडवांस्ड के लिए सिस्टमेटिक लर्निंग और कॉग्निटिव रिसोर्स मैनेजमेंट की जरूरत होती है जिसमें एक नियमित स्टडी स्केड्यूल और मेटाकॉग्निशन बेस्ड रिवीजन टेक्निक्स शामिल हैं और वेद ने इन्हें एक्सेलेंटली इम्प्लीमेंट किया है जिससे उनकी एक्यूरेसी और टाइम मैनेजमेंट स्किल्स में ऑप्टिमाइजेशन हुआ है और ये एक एडवांस्ड लर्निंग आर्किटेक्चर का उदाहरण है जिसे अन्य छात्रों को फॉलो करना चाहिए
Jitendra Singh
14 जून, 2024 - 11:52 पूर्वाह्न
इन लोगों की सफलता का एकमात्र कारण ये है कि वे अपने जीवन को एक विज्ञान की तरह डिज़ाइन कर लेते हैं जबकि बाकी लोग अपनी जिंदगी को एक अंधेरे बर्तन में रखकर इंतज़ार करते हैं कि कोई देवता आएगा और उन्हें राहत देगा और फिर वे इसे सफलता का नाम दे देते हैं और अपनी आलस्य को भाग्य कह देते हैं
VENKATESAN.J VENKAT
16 जून, 2024 - 02:19 पूर्वाह्न
ये सब लोग बस एक तरह के रोबोट हैं जिन्होंने अपनी इंसानियत बेच दी है ताकि एक टॉपर का खिताब मिल जाए और इस देश में जिनके पास नहीं है उनके बच्चे तो बस घर पर रोते हैं और अपने दिमाग को बर्बाद करते हैं क्योंकि ये सिस्टम बना ही ऐसा है कि जिसके पास पैसा है वो जीतता है और बाकी सब बस एक आँख बंद करके देखते हैं
Amiya Ranjan
17 जून, 2024 - 18:31 अपराह्न
लड़कियों को टॉप करने दो लेकिन फिर भी उनकी शादी के बाद कौन उनकी जिम्मेदारी लेगा जब वो घर पर बैठकर बच्चे पालेंगी और उनका इंजीनियरिंग डिग्री बस एक डेकोरेशन हो जाएगा
vamsi Krishna
19 जून, 2024 - 10:37 पूर्वाह्न
355/360? ये तो बस एक बेवकूफ़ ट्रिक है जिसमें कोचिंग वाले बच्चों को बताते हैं कि अगर तुम इन 50 टॉपिक्स को याद कर लोगे तो तुम टॉप कर जाओगे बाकी सब बस ट्रेनिंग और रट्टा है जिसमें कोई बुद्धि नहीं बस रट्टा
Narendra chourasia
19 जून, 2024 - 14:11 अपराह्न
क्या आपने कभी सोचा है कि ये सब टॉपर्स की इन बहुत सारी इंटरव्यू कहानियाँ कौन लिख रहा है? क्या ये सब एक प्रचार अभियान है? क्या ये लोग असल में इतने खुश हैं? या ये सब बस एक बड़ा धोखा है जिसमें आपको बताया जा रहा है कि आपको भी ऐसा ही करना चाहिए जबकि आपके पास वो साधन नहीं हैं जो उनके पास हैं और फिर आप खुद को असफल कह देते हैं
Mohit Parjapat
20 जून, 2024 - 21:54 अपराह्न
भारत की जिंदगी बदल रही है और ये लड़के और लड़कियाँ जो टॉप कर रहे हैं वो हमारे भविष्य के नायक हैं जिन्होंने अपने आप को एक वैश्विक लेवल पर ला दिया है और अब ये देश का नाम रोशन कर रहे हैं जिसे हम सब गर्व से देखें और इनके लिए दिल से धन्यवाद दें क्योंकि ये हमारे सपनों को असलियत बना रहे हैं 🇮🇳🔥
vishal kumar
21 जून, 2024 - 12:50 अपराह्न
सफलता की व्यवस्था एक अनुक्रमिक और विवेकपूर्ण अध्ययन के आधार पर स्थापित होती है जिसमें बाह्य उत्तेजनाओं का न्यूनीकरण और आंतरिक एकाग्रता का विकास शामिल है और वेद लाहोटी के मामले में यह दर्शाया गया है कि एक नियमित अध्ययन विधि और आत्म-नियंत्रण के साथ लंबी अवधि के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है
Oviyaa Ilango
23 जून, 2024 - 07:07 पूर्वाह्न
टॉपर्स की तैयारी एक उच्च शिक्षा के नियमों का पालन करती है जिसे निम्न स्तर के शिक्षण व्यवस्था में अनुकरण नहीं किया जा सकता और इसलिए यह वास्तविकता है कि यह सफलता एक विशिष्ट वर्ग के लिए ही संभव है