भारतीय शेयर बाजार ने 3 जून, 2024 को एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड हासिल किया जब महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाओं ने निवेशकों का मनोबल बढ़ाया। अनुमानित चुनाव परिणामों के आधार पर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की संभावित जीत ने बाजार को नई ऊँचाइयों पर पहुंचा दिया। वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, राजनीतिक स्थिरता बाजार में स्थायी सकारात्मक प्रभाव डालने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के निफ्टी 50 इंडेक्स में 733.20 अंकों यानी 3.25% की वृद्धि हुई और यह 23,263.90 पर बंद हुआ। इसके साथ ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के सेंसेक्स में 2,507.47 अंकों यानी 3.39% की वृद्धि हुई और यह 76,468.78 पर पहुंच गया। इस उल्लेखनीय वृद्धि के पीछे प्रमुख कारण रहा – निवेशकों का राजनीतिक स्थिरता के प्रति विश्वास।
बैंक Nifty इंडेक्स ने भी अपनी नई ऊँचाई हासिल की, 51,106.15 पर बंद हुआ। बैंकिंग स्टॉक्स, जैसे कि बैंक ऑफ बड़ौदा, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नैशनल बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक और आईसीआईसीआई बैंक में बढ़ोतरी देखी गई। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और ऊर्जा क्षेत्र में अधिकतम लाभ देखा गया। रियल एस्टेट और वित्तीय सेवाओं से जुड़े स्टॉक्स में भी बढ़ोतरी हुई।
विशेष रूप से, रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के शेयर 400 रुपये के पार चले गए। पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के शेयरों में 9.9% की वृद्धि हुई, जबकि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 8 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण को पार कर लिया।
विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत के संकेतों ने निवेशकों के आत्मविश्वास को बहाल किया है, और निकट भविष्य में बाजार के और अधिक सकारात्मक रहने की सम्भावना है। VIX, जो बाजार की अनिश्चितता को मापता है, 19% गिरकर 19.78 पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 1,613.24 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 2,114.17 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
हालांकि बाजार की मौजूदा दिशा बहुत ही सकारात्मक है, लेकिन दीर्घकालिक सफलता के लिए निगरानी और सावधानी की आवश्यकता होगी। भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि की आशाएं और राजनीतिक स्थिरता का प्रभाव इस समय बाजार में देखी जा रही सकारात्मकता के मुख्य कारण हैं। भविष्य में, निवेशकों को वैश्विक घटनाओं और घरेलू मार्केट की सूक्ष्मताओं पर नजर बनाए रखनी होगी।