Jacob Bethell फिट: IPL 2025 में RCB को बड़ा बूस्ट

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Jacob Bethell फिट: IPL 2025 में RCB को बड़ा बूस्ट

RCB को नई ऊर्जा: फिट हुए Jacob Bethell, दो मैचों में ही बना दी पहचान

आरसीबी को वह खबर मिल गई जिसका इंतजार था—इंग्लैंड के युवा ऑलराउंडर Jacob Bethell पूरी तरह फिट हैं और आईपीएल 2025 की रेस में फिर से उतरने को तैयार हैं। 21 साल के इस लेफ्ट हैंड बैटर और स्लो लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर ने डेब्यू सीजन में भले ही केवल दो मैच खेले, लेकिन स्ट्राइक-रेट 171.79 के साथ तुरंत बता दिया कि वह फ्रेंचाइज़ी के लिए वैल्यू जोड़ते हैं। चेन्नई के खिलाफ 33 गेंद में 55 उनकी पहचान वाली पारी रही, जिसमें उन्होंने शॉट-सेलेक्शन और टेंपो कंट्रोल दोनों का अच्छा संतुलन दिखाया। दिल्ली के खिलाफ 6 गेंद पर 12 रन की कैमियो ने भी टीम को तेज शुरुआत दी।

बेथेल ने 27 अप्रैल 2025 को दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ अरुण जेटली स्टेडियम में अपना आईपीएल डेब्यू किया। शुरुआती झिझक के बिना उन्होंने स्ट्राइक घुमाई, गैप्स निकाले और जैसे ही गेंद थोड़ी छोटी मिली, बैक-फुट गेम से बाउंड्री ढूंढ ली। इसके बाद चेन्नई के खिलाफ उनकी हाफ-सेंचुरी ने साफ किया कि वह केवल प्रोमिस नहीं, डिलीवरी भी करते हैं। कुल मिलाकर दो मैचों में 67 रन, औसत 33.50, स्ट्राइक-रेट 171.79, एक पचासा, नौ चौके और तीन छक्के—यह छोटे सैंपल में बड़े असर वाले नंबर हैं।

आरसीबी का माहौल उनके लिए नया था, पर उन्होंने इसे जल्दी पकड़ा। टीम के साथियों के साथ कैमिस्ट्री, ड्रेसेसिंग रूम में उनकी ऊर्जा और मैदान पर उनकी एथलेटिसिज़्म—इन सबने उन्हें तुरंत पसंदीदा बना दिया। यही वजह रही कि जब 23 मई को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ लीग मैच के बाद उन्हें इंग्लैंड की ड्यूटी के लिए लौटना पड़ा, तो कैंप में इमोशनल गुडबाय दिखा। फ्रेंचाइज़ी ने उनकी मौजूदगी को ऑन और ऑफ द फील्ड दोनों जगह मिस किया।

इंग्लैंड ने उन्हें राष्ट्रीय दायित्व के लिए बुलाया और 24 मई 2025 को वह भारत से रवाना हुए। आरसीबी ने इसके बाद न्यूज़ीलैंड के विकेटकीपर-बल्लेबाज़ टिम सीफर्ट को 2 करोड़ रुपए में टेम्पररी रिप्लेसमेंट के रूप में रोप-इन किया। सीफर्ट ने टीम को बैकअप दिया, मगर टीम मैनेजमेंट की रणनीति में बेथेल की प्रोफाइल—लेफ्ट-हैंड पावर, स्पिन-हिटिंग और पार्ट-टाइम ऑर्थोडॉक्स स्पिन—एक अलग गहराई जोड़ती है।

कौन हैं बेथेल, RCB की योजना क्या कहती है

बार्बाडोस में जन्मे और इंग्लैंड में तराशे गए बेथेल इंग्लैंड अंडर-19, इंग्लैंड लायंस और काउंटी सर्किट में वॉरिकशायर के लिए खेलते रहे हैं। घरेलू टी20 इकोसिस्टम में उन्होंने बर्मिंघम फीनिक्स और वेल्श फायर के साथ द हंड्रेड में, मेलबर्न रेनेगेड्स के साथ बिग बैश में और पार्ल रॉयल्स के साथ SA20 में भी अनुभव लिया। यह मल्टी-लीग एक्सपीरियंस उन्हें फ्रेंचाइज़ी टी20 के टेम्पो, मैचअप और फेज-बेस्ड बैटिंग की समझ देता है—यही वह चीज है जो आईपीएल में तुरंत काम आती है।

आरसीबी के लिए बेथेल की सबसे बड़ी वैल्यू है—फ्लोटिंग रोल। वह टॉप-ऑर्डर में पावरप्ले का फायदा उठा सकते हैं, या फिर नंबर 4-5 पर आकर मिडल ओवर्स में स्पिन पर प्रेशर बना सकते हैं। उनकी लेफ्ट-हैंडेडनेस टीम को लेफ्ट-राइट बैलेंस देती है, जिससे विपक्षी कप्तान को अपने ऑफ-स्पिनर या लेग-स्पिनर के ओवर्स का टाइमिंग बदलना पड़ता है। छोटे बाउंड्री वाले मैदानों पर उनका बैक-फुट गेम और स्वीप वेरिएशन काफी प्रभावी रहता है।

गेंदबाजी में उनकी स्लो लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स आरसीबी को छठा विकल्प देती है। कप्तान के लिए यह राहत की बात होती है कि एक-दो ओवर मिडल फेज में उनसे निकलवा कर मेन बोलर्स को रोटेट किया जा सके। यह खासकर तब काम आता है जब पिच पर थोड़ी पकड़ हो या फिर विरोधी टीम में कई राइट-हैंडर्स हों।

टीम मैनेजमेंट के हिसाब से यह फिटनेस अपडेट बड़ा स्ट्रैटेजिक प्लस है। कारण साफ है—बेंगलुरु की कंडीशंस में हाई-स्कोरिंग गेम्स आम हैं। ऐसे में स्ट्राइक-रेट 160+ प्रोफाइल वाले बैटर, जो साथ में कुछ ओवर डाल दें, स्क्वाड बैलेंस को अपग्रेड करते हैं। ऊपर से युवा उम्र में तेज रिकवरी और फील्डिंग में एक्स्ट्रा यार्ड—ये सब T20 में फर्क डालते हैं।

अब बात यह कि आरसीबी उन्हें कहां फिट करेगी? शुरुआती मैचों में दिखा कि वह पारी बनाने के बजाय टेंपो सेट करना पसंद करते हैं। यानी नंबर 3-4 वह पॉकेट हो सकती है जहां टीम उनसे 20-25 गेंद में 35-40 रन के इम्पैक्ट की उम्मीद करेगी। अगर पावरप्ले में विकेट जल्दी गिरा, तो वह गैप-फाइंडिंग मोड में खेल सकते हैं; अगर शुरुआत अच्छी हुई, तो वह रेट ऊपर खींचते हैं।

टीम को उनसे यह भी मिलता है:

  • लेफ्ट-राइट कॉम्बिनेशन से विपक्षी के फिंगर-स्पिनर्स की लाइन-लेंथ बिगड़ती है।
  • मिडल ओवर्स में बाउंड्री प्रतिशत बढ़ता है, जिससे डेथ तक नेट रन रेट का प्रेशर नहीं बनता।
  • पार्ट-टाइम स्पिन से एक-दो महत्वपूर्ण ओवर निकलाना, खासकर जब मेन स्पिनर का दिन खराब हो।
  • डीप में एथलेटिक फील्डिंग—कटऑफ और रन-सेविंग जो 10-12 रन बचा सकती है।

बेथेल की आरसीबी यात्रा के बीच में ब्रेक आना उनकी गलती नहीं था—नेशनल टीम का बुलावा प्राथमिकता है। लेकिन उनके जाते समय जिस तरह से ड्रेसिंग रूम ने उन्हें विदाई दी, वह बताता है कि फ्रेंचाइज़ी में उनका रिस्पेक्ट कितना जल्दी बना। उन्होंने खुद भी बताया कि टीम ने पहले दिन से उन्हें वैल्यू दिया, और विदेशी व भारतीय खिलाड़ियों के साथ तालमेल बहुत सहज रहा।

फिटनेस क्लियर होने के बाद आगे का रोडमैप क्या? उपलब्धता खिड़की इंग्लैंड के कार्यक्रम पर निर्भर करेगी, पर आरसीबी ने जो देखा है, उसके आधार पर योजनाएं साफ हैं—उन्हें मिडल-ऑर्डर के कोर में रखा जाए, और बॉलिंग से फ्लेक्सिबिलिटी बनाई जाए। नेट्स में उनकी वर्कलोड मैनेजमेंट पर फोकस रहेगा ताकि मैच डे पर वे ताजा रहें। अगर इंग्लैंड से उपयुक्त विंडो मिलती है, तो टीम उन्हें सीधे गेम-डे रोल में स्लॉट कर सकती है, वरना लाइट मैच सिमुलेशन और रोल-आधारित ड्रिल्स से उन्हें ट्यून किया जाएगा।

रणनीतिक तौर पर आरसीबी के लिए एक और फायदा है—उनकी प्रोफाइल विदेशी स्लॉट की समस्या हल करती है। कई बार टीमों को चार विदेशी स्लॉट में पेसर, स्पिन-ऑलराउंडर और फिनिशर फिट करने में दिक्कत आती है। बेथेल बैट-फर्स्ट प्लेयर हैं, पर उनका पार्ट-टाइम स्पिन स्क्वाड कॉम्बिनेशन को खुली सांस देता है। इससे डेथ पेसर या पावर-हिटर जैसे किसी खास रोल के लिए टीम बाकी स्लॉट्स में ज्यादा आक्रामक हो सकती है।

चेन्नई के खिलाफ 55 की पारी ने एक और बात साफ कर दी—वह बड़े मैचों से नहीं घबराते। बड़े ब्रांड के सामने, टीवी प्रेशर और भरे स्टेडियम में उनका गेम सिम्पल रहा: गलत गेंद का इंतजार, शॉट की क्लीन एक्सिक्यूशन और स्कोरबोर्ड पर लगातार दबाव। यही टेम्पलेट आईपील में टिकाऊ होता है।

टिम सीफर्ट को साइन करना आरसीबी की मजबूरी थी, और उन्होंने अच्छा पेशेवर काम किया। लेकिन स्काउटिंग यूनिट जिन स्किल्स के लिए बेथेल को लाई थी—यानी लेफ्ट-हैंड इम्पैक्ट और दो-स्किल फ्लेक्स—वह अब फिर से टीम के पास है। फिटनेस क्लीयरेंस के साथ आरसीबी को अपने मिड-टू-लेट सीजन के लिए प्लान बी और प्लान सी भी मिल जाते हैं।

आंकड़ों से परे, बेथेल की कहानी यह भी है कि कैसे एक 21 साल का खिलाड़ी अलग-अलग लीग्स में तेजी से एडजस्ट करता है और नई टीम में खुद को साबित करता है। दो मैच काफी नहीं होते, पर कभी-कभी दो मैच ही आपकी पहचान तय कर देते हैं। आरसीबी के लिए वह वैसा ही नाम बन चुके हैं—कम समय में बड़ा असर डालने वाला। अब जब वह फिट हैं, टीम चाहेगी कि यह असर और स्थायी हो।

14 टिप्पणि

Kisna Patil

Kisna Patil

6 सितंबर, 2025 - 07:19 पूर्वाह्न

ये बेथेल तो बस एक बार देख लिया तो लगा जैसे आरसीबी के लिए भगवान ने भेजा हो। दो मैच में इतना इम्पैक्ट? ये तो टीम का ट्रांसफॉर्मेशन है। बाकी सब बस बैकअप लगते हैं।

ASHOK BANJARA

ASHOK BANJARA

7 सितंबर, 2025 - 21:32 अपराह्न

इंग्लैंड के युवा ऑलराउंडर का भारतीय टी20 में तुरंत असर देखना दिलचस्प है। ये न सिर्फ बल्लेबाजी का सवाल है, बल्कि फ्लेक्सिबल बॉलिंग रोल और फील्डिंग एथलेटिस्म का भी। आईपीएल में ऐसे खिलाड़ी जिनकी एक्सपीरियंस मल्टी-लीग से आई हो, वो असली गेमचेंजर होते हैं।

Sahil Kapila

Sahil Kapila

9 सितंबर, 2025 - 02:32 पूर्वाह्न

अरे भाई ये सब बकवास है ये बेथेल को तो दिल्ली में 6 गेंद में 12 रन बनाए थे और चेन्नई में 55 बनाए तो फिर भी ये सब ट्रेंड चल रहा है ये टीम ने उसे लिया ही था तो ये तो होना ही था बस बात ये है कि अब वो वापस आएगा या नहीं

Rajveer Singh

Rajveer Singh

9 सितंबर, 2025 - 07:55 पूर्वाह्न

अब ये विदेशी खिलाड़ी लाकर हमारे बच्चों को रोक रहे हैं। भारत के युवा बल्लेबाज जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया, उनको नहीं देखा जा रहा। बेथेल तो बस एक अंग्रेज है जिसने दो मैच खेले हैं और अब उसे ही नायक बना दिया गया। ये तो लापरवाही है।

Ankit Meshram

Ankit Meshram

10 सितंबर, 2025 - 20:41 अपराह्न

फिट हो गए बेथेल। अब बस आए और दिखा दो।

Shaik Rafi

Shaik Rafi

11 सितंबर, 2025 - 10:21 पूर्वाह्न

मुझे लगता है कि बेथेल का सबसे बड़ा योगदान ये नहीं है कि वो 171 का स्ट्राइक रेट लाता है... बल्कि ये है कि वो टीम के अंदर एक नई ऊर्जा लाता है। एक युवा खिलाड़ी जो अपनी गलतियों से नहीं डरता, जो अपने अनुभव को शेयर करता है... ये वो चीज है जो टीम को लंबे समय तक आगे बढ़ाती है।

Ashmeet Kaur

Ashmeet Kaur

12 सितंबर, 2025 - 16:40 अपराह्न

मैंने देखा जब उन्होंने चेन्नई के खिलाफ वो हाफ-सेंचुरी खेली थी, उसके बाद टीम के अंदर एक नया आत्मविश्वास आया। उनकी बातचीत भी बहुत सहज थी, भारतीय खिलाड़ियों के साथ बिना किसी दूरी के। ये तो असली लीडरशिप है।

Nirmal Kumar

Nirmal Kumar

13 सितंबर, 2025 - 19:15 अपराह्न

बेथेल का एक्सपीरियंस द हंड्रेड, बिग बैश और SA20 से आया है, जो आईपीएल से काफी अलग है। उन्होंने तीनों लीग्स में अलग-अलग पिचों, अलग-अलग प्रेशर के साथ खेला है। ये तो बस एक बैटर नहीं, एक टीम का एक्सपर्ट है।

Sharmila Majumdar

Sharmila Majumdar

15 सितंबर, 2025 - 00:46 पूर्वाह्न

आरसीबी के लिए बेथेल की वैल्यू बहुत ज्यादा है लेकिन आप लोग ये भूल रहे हैं कि उन्होंने केवल दो मैच खेले हैं। अगर वो फिर से आएंगे तो भी ये देखना होगा कि क्या वो लगातार प्रदर्शन कर पाएंगे। ये सब अभी बहुत जल्दी का निर्णय है।

amrit arora

amrit arora

15 सितंबर, 2025 - 03:32 पूर्वाह्न

एक ऐसा खिलाड़ी जो अपने बल्ले से नहीं, बल्कि अपने एथलेटिक्स और टीम के साथ कैमिस्ट्री से असर डालता है, वो आधुनिक क्रिकेट का भविष्य है। बेथेल ने दो मैचों में ये सब दिखाया। आरसीबी के लिए ये फिटनेस क्लियर होना सिर्फ एक टेक्निकल बात नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और रणनीतिक जीत है। उनकी उपस्थिति से टीम का व्यवहार बदल गया है।

Ambica Sharma

Ambica Sharma

16 सितंबर, 2025 - 16:55 अपराह्न

मैं तो उन्हें देखकर रो पड़ी थी जब वो जा रहे थे... उनकी आंखों में जो भाव था... ये तो बस खिलाड़ी नहीं, एक दोस्त है। आरसीबी ने जो भी किया वो उनके लिए था।

Hitender Tanwar

Hitender Tanwar

17 सितंबर, 2025 - 02:45 पूर्वाह्न

ये सब फेक न्यूज है। दो मैच में 67 रन? बेटा ये तो किसी भी बैटर के लिए आम बात है। अब ये सब ट्रेंड क्यों चल रहा है? आरसीबी के फैन्स को अपना दिमाग लगाना चाहिए।

pritish jain

pritish jain

18 सितंबर, 2025 - 21:45 अपराह्न

बेथेल की बॉलिंग विशेषता वास्तव में आरसीबी के लिए एक गेम-चेंजर है। एक लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर जो टॉप-ऑर्डर में बल्लेबाजी भी करता है, ऐसा खिलाड़ी आईपीएल में दुर्लभ है। इसके अलावा, उनकी लेफ्ट-हैंडेडनेस ने विपक्षी के स्पिनर्स के लिए एक नया डायमेंशन जोड़ा है।

Kisna Patil

Kisna Patil

19 सितंबर, 2025 - 10:22 पूर्वाह्न

हिटेंदर के बातों में बिल्कुल भी सच नहीं है। ये बेथेल ने दो मैच में ऐसा किया जो आरसीबी के लिए सालों से देखने का सपना देख रहा था। अगर तुम्हारे लिए ये फेक है तो तुम्हारा दिमाग भी फेक है।

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