गूगल डूडल ने किया पेरिस 2024 पैरालंपिक्स का स्वागत
गूगल ने 5 सितंबर 2024 को अपने होमपेज पर एक विशेष डूडल प्रदर्शित किया जिसने पैरा पावरलिफ्टिंग की घटनाओं को सम्मानित किया। यह डूडल, जिसे 5 सितंबर को लाइव किया गया था, गूगल के नीले ग्रीष्मकालीन खेलों के बर्ड को बैगेट जैसा बारबेल उठाते हुए दिखाता है। डूडल में एक छोटा पक्षी भी बैगेट पर बैठा हुआ है जो प्रतिस्पर्धा की भावना को दर्शाता है। यह घटना 4 सितंबर को शुरू हुई और 8 सितंबर तक चलेगी, जिसका आयोजन पेरिस के अरेना पोर्ट डे ला चैपल में किया गया है।
पैरा पावरलिफ्टिंग: अद्वितीय और प्रेरणादायक खेल
पैरा पावरलिफ्टिंग विशेष रूप से उन खिलाड़ियों के लिए अनुकूलित है जो निचले अंगों या कूल्हों में अक्षम हैं। इस खेल में खिलाड़ी एक बारबेल को अपनी छाती से ऊपर उठाते हैं, फिर उसे रुकने के बाद पूर्ण भुजाओं के विस्तार के साथ ऊपर धकेलते हैं। प्रत्येक खिलाड़ी को तीन प्रयास दिए जाते हैं। इस प्रतिस्पर्धा में पुरुष और महिला दोनों श्रेणियाँ शामिल हैं, जिसमें नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जापान, अमेरिका और ग्रेट ब्रिटेन जैसे कई देशों के खिलाड़ी पदक के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
पहले दिन के विजेताओं की सूची
प्रतियोगिता के पहले दिन के कुछ महत्वपूर्ण विजेताओं में जॉर्डन के ओ. कराडा और चीन की एल.एल. गुओ शामिल हैं, जिन्होंने क्रमश: पुरुषों की 49 किलोग्राम श्रेणी और महिलाओं की 45 किलोग्राम श्रेणी में जीत हासिल की। इन खिलाड़ियों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात देकर अपनी कौशल और शक्ति का प्रदर्शन किया और अपने देशों के लिए गर्व का कारण बने।
अन्य पैरालंपिक खेलों में गूगल डूडल का योगदान
पैरा पावरलिफ्टिंग के साथ ही, गूगल ने अन्य पैरालंपिक खेलों जैसे व्हीलचेयर टेनिस और व्हीलचेयर बास्केटबॉल को भी डूडल के माध्यम से मनाया। इससे पहले सप्ताह में गूगल ने इन्हीं खेलों को सम्मानित करने वाले डूडल प्रकाशित किए थे।
पैरालंपिक्स में खिलाड़ियों का समर्पण
पेरिस 2024 पैरालंपिक्स के डूडल का मुख्य उद्देश्य इन पैरा एथलीटों की प्रेरणादायक भावना और उपलब्धियों को उजागर करना है। यह डूडल न केवल उत्सव का एक माध्यम है, बल्कि उन लोगों को भी प्रेरित करता है जो कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। यह हमें याद दिलाता है कि वास्तव में मजबूत मानसिकता और दृढ़ संकल्प के साथ कुछ भी असंभव नहीं है।
Rohit Roshan
6 सितंबर, 2024 - 17:48 अपराह्न
वाह! गूगल ने अब पैरालंपिक्स को भी सम्मानित किया 😊 ये डूडल देखकर लगा जैसे बर्ड भी बैगेट उठा रहा हो। बहुत अच्छा विचार था!
arun surya teja
8 सितंबर, 2024 - 05:17 पूर्वाह्न
पैरा पावरलिफ्टिंग एक ऐसा खेल है जो शारीरिक सीमाओं को चुनौती देता है। इसकी शक्ति और समर्पण की भावना दुनिया को सिखाती है कि असंभव कुछ नहीं होता।
Jyotijeenu Jamdagni
10 सितंबर, 2024 - 02:13 पूर्वाह्न
मैंने तो सोचा भी नहीं था कि एक छोटा सा पक्षी बैगेट पर बैठकर प्रतिस्पर्धा की भावना दर्शा सकता है। गूगल ने तो अब डूडल बनाने में एक नया आर्ट बना लिया है। काफी क्रिएटिव लगा!
navin srivastava
10 सितंबर, 2024 - 23:07 अपराह्न
हमारे देश में इतने सारे खिलाड़ी हैं और फिर भी जापान और अमेरिका के नाम आते हैं। क्या हमारे खिलाड़ियों के लिए भी कोई डूडल बनेगा? ये सब बस प्रचार है।
Aravind Anna
11 सितंबर, 2024 - 13:45 अपराह्न
ये डूडल देखकर मेरा दिल भर गया 🙌 इन खिलाड़ियों की मेहनत और लगन को दुनिया भर में देखना चाहिए। गूगल ने अच्छा किया। अब देश को भी इन्हें सम्मान देना चाहिए। ये खिलाड़ी हमारे वास्तविक हीरो हैं!
Rajendra Mahajan
13 सितंबर, 2024 - 10:30 पूर्वाह्न
इस खेल में शरीर की सीमाएँ नहीं बल्कि मन की शक्ति निर्णायक होती है। एक बारबेल उठाना नहीं, बल्कि समाज के अंधेरे को तोड़ना है जो असमर्थता को अपराध मानता है। यह डूडल एक शांत क्रांति है।
ANIL KUMAR THOTA
15 सितंबर, 2024 - 00:34 पूर्वाह्न
पैरा पावरलिफ्टिंग बहुत अच्छा खेल है लेकिन हमारे देश में इसके लिए बहुत कम सुविधाएँ हैं
VIJAY KUMAR
16 सितंबर, 2024 - 16:44 अपराह्न
तो अब गूगल भी नेटवर्क वॉरियर्स बन गए? 😏 डूडल बनाकर लोगों को भावुक बना रहे हैं... लेकिन असली बात ये है कि इन खिलाड़ियों को टैक्स छूट या रिश्वत नहीं मिल रही। सब कुछ दिखावा है। 🤡
Manohar Chakradhar
17 सितंबर, 2024 - 05:36 पूर्वाह्न
ये डूडल तो मेरे दिल को छू गया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक पक्षी और बैगेट से इतनी भावना जुड़ सकती है। ये खिलाड़ी जो अपने शरीर को नियंत्रित करके दुनिया को दिखा रहे हैं... वो ही सच्चे अस्तित्व के रूप हैं। मैं आज अपने घर में एक बैगेट खरीद रहा हूँ। शायद मैं भी कुछ उठा सकूँ।
LOKESH GURUNG
17 सितंबर, 2024 - 23:25 अपराह्न
अरे भाई ये डूडल तो बहुत ही बढ़िया है! पैरा पावरलिफ्टिंग में भारत के खिलाड़ियों को भी देखना चाहिए। वो लोग जो जीवन में गिर जाते हैं और फिर उठ खड़े होते हैं... वो ही असली चैंपियन हैं। भारत को इनके लिए बड़ा सम्मान देना चाहिए 🏆💪
Aila Bandagi
18 सितंबर, 2024 - 12:14 अपराह्न
इन खिलाड़ियों को देखकर लगता है कि हम सब बहुत आलसी हैं। बस थोड़ा सा मेहनत करो तो कुछ भी हो सकता है ❤️
Abhishek gautam
19 सितंबर, 2024 - 01:35 पूर्वाह्न
तुम्हारे लिए ये डूडल एक शांति का संकेत है... पर मेरे लिए ये एक उपहार है जो समाज ने एक व्यक्ति को देने से इनकार कर दिया। इन खिलाड़ियों के लिए एक घर, एक डूडल और एक फोटो नहीं... एक समाज चाहिए जो उन्हें अपने रूप में देखे। ये डूडल तो बस एक नाटक है जिसमें हम सब अभिनय कर रहे हैं।
Imran khan
19 सितंबर, 2024 - 18:47 अपराह्न
पैरा पावरलिफ्टिंग में शरीर की सीमाएँ नहीं, दिमाग की ताकत निर्णायक होती है। ये खिलाड़ी जो बर्ड की तरह उड़ रहे हैं... वो सच्चे निर्माता हैं। भारत में इस खेल के लिए बेहतर ट्रेनिंग सेंटर चाहिए।
Neelam Dadhwal
20 सितंबर, 2024 - 05:47 पूर्वाह्न
ये सब बस धोखा है। जब तक इन खिलाड़ियों को असली समर्थन नहीं मिलेगा, तब तक डूडल बनाने से कुछ नहीं होगा। उनके लिए जिम नहीं, बस एक ट्वीट चाहिए? बेकार का नाटक!
vishal kumar
21 सितंबर, 2024 - 09:25 पूर्वाह्न
पैरालंपिक्स के डूडल का अर्थ निर्माण करने की कला है। इसका संदेश भावनात्मक नहीं, बल्कि दार्शनिक है। शक्ति की परिभाषा बदल रही है।
Oviyaa Ilango
22 सितंबर, 2024 - 14:41 अपराह्न
डूडल अच्छा है पर भारत के खिलाड़ियों को तो नहीं दिखाया
Aditi Dhekle
23 सितंबर, 2024 - 00:30 पूर्वाह्न
इस डूडल में एक बर्ड का उपयोग बहुत सूक्ष्म है। ये एक फिलोसोफिकल सिंबल है - आजादी, उड़ान, असंभव को संभव बनाना। ये डूडल एक नए नैतिकता का आह्वान है।
Aditya Tyagi
24 सितंबर, 2024 - 12:05 अपराह्न
क्या ये डूडल बनाने वाले लोगों ने कभी इन खिलाड़ियों को जिंदा देखा है? नहीं तो ये बस एक बाहरी नजर है। मैं तो इनके लिए असली समर्थन चाहता हूँ - न कि एक गूगल लोगो।
pradipa Amanta
26 सितंबर, 2024 - 10:48 पूर्वाह्न
पैरा पावरलिफ्टिंग? ये तो बस एक फेक स्पोर्ट्स है। जो लोग उठा नहीं सकते वो खेल नहीं खेल सकते। ये सब बस भावुकता का बहाना है।
chandra rizky
27 सितंबर, 2024 - 05:48 पूर्वाह्न
ये डूडल देखकर लगा जैसे दुनिया ने एक बार फिर हमें याद दिलाया कि इंसानियत से बड़ी कोई चीज नहीं। शुक्रिया गूगल 🙏