क्वांट म्यूचुअल फंड पर फ्रंट-रनिंग संदेह पर सेबी की रेड: रिपोर्ट

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क्वांट म्यूचुअल फंड पर फ्रंट-रनिंग संदेह पर सेबी की रेड: रिपोर्ट

सेबी ने क्यों की क्वांट म्यूचुअल फंड पर रेड?

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने क्वांट म्यूचुअल फंड पर फ्रंट-रनिंग गतिविधियों के संदेह में तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की है। फ्रंट-रनिंग एक अवैध प्रैक्टिस है जिसमें फंड मैनेजर, डीलर या ब्रोकर जो बड़े व्यापारों की जानकारी रखते हैं, पहले अपने ऑर्डर डालते हैं ताकि बड़े ऑर्डर के निष्पादन से काफी लाभ कमा सकें।क्वांट म्यूचुअल फंड के दिल्ली और हैदराबाद स्थित ठिकानों पर यह कार्रवाइयां की गईं।

क्वांट म्यूचुअल फंड का इतिहास

संदीप टंडन द्वारा स्थापित, क्वांट म्यूचुअल फंड ने 2019 में ₹100 करोड़ से बढ़कर वर्तमान में ₹90,000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति हासिल की है। 2017 में सेबी ने इस फंड को म्यूचुअल फंड का लाइसेंस जारी किया था। इतने कम समय में इस फंड का तेजी से विकास हुआ है, जो इसे चर्चा का विषय बनाता है।

सेबी की कार्रवाई

सेबी की कार्रवाई

सेबी की टीम ने क्वांट के डीलर्स और इस केस से जुड़े लोगों से पूछताछ की। इसका उद्देश्य था इस जटिल प्रक्रियाओं को उजागर करना, जो अनैतिक इकाइयों को कानून की उच्चतम सबूत के बोझ से बचने दे सकता है। तकनीकी और वित्तीय जानकारियों की समझ को लेकर, सेबी का यह प्रयास बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।

फ्रंट-रनिंग की जटिलताएं

फ्रंट-रनिंग एक गंभीर वित्तीय अपराध है जो बाजार की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर प्रहार करता है। जब फंड मैनेजर और डीलर्स बड़े ऑर्डर्स की जानकारी का दुरुपयोग करके अपने मुनाफे के लिए पहले ट्रेड करते हैं, तो यह सभी निवेशकों के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसे साबित करना भी बेहद कठिन होता है क्योंकि यह जटिल वित्तीय लेन-देन में शामिल होता है।

सेबी की टीम द्वारा की गई जांच का उद्देश्य इसी फ्रंट-रनिंग के दोषियों को पकड़ने का था, ताकि इस अवैध प्रैक्टिस को रोका जा सके और बाजार में विश्वास बहाल किया जा सके।

भविष्य की योजनाएं और सेबी का रुख

सेबी ने पहले भी इसी तरह की कार्रवाइयां की हैं और आगे भी वह भारतीय वित्तीय बाजार की पारदर्शिता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की जांच करती रहेगी। सेबी का यह कदम संकेत देता है कि वित्तीय धोखाधड़ी और अनैतिक व्यवहारों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह की कार्रवाइयों से अन्य वित्तीय संस्थान और निवेशक भी सतर्क होते हैं और पारदर्शिता का महत्व समझते हैं।

तलाशतियों की व्यापकता और प्रभाव

तलाशतियों की व्यापकता और प्रभाव

तलाशियों के दौरान, टीम ने न केवल दस्तावेज़ी साबूत जुटाए, बल्कि तकनीकी उपकरणों से डेटा भी निकाला। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि सभी संभावित सबूत एकत्रित हों ताकि जाँच सही दिशा में आगे बढ़ सके। क्वांट म्यूचुअल फंड के उभरते हुए अच्छे प्रदर्शन पर भी इस जांच का असर पड़ सकता है।

इस प्रकार की कार्रवाइयों से संकेत मिलता है कि सेबी वित्तीय बाजार में अनैतिक गतिविधियों को दबाने के लिए प्रतिबद्ध है। खोज और जब्ती की प्रक्रियाओं के माध्यम से अपराधियों को चिन्हित करने और सजा देने का यह प्रयास है।

20 टिप्पणि

Manohar Chakradhar

Manohar Chakradhar

25 जून, 2024 - 22:56 अपराह्न

ये तो सच में बड़ी बात है! फ्रंट-रनिंग का ये तरीका तो बाजार को ही धोखा देना है। जो लोग इसमें लिप्त हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए।

LOKESH GURUNG

LOKESH GURUNG

25 जून, 2024 - 23:56 अपराह्न

बस अब तक इतना बड़ा केस नहीं देखा! 🤯 SEBI ने तो अच्छा किया... अब देखते हैं कि क्वांट के डीलर्स कैसे बचते हैं 😏

Aila Bandagi

Aila Bandagi

27 जून, 2024 - 02:39 पूर्वाह्न

मुझे लगता है ये सब बहुत अच्छा हुआ। छोटे निवेशकों को भी न्याय मिलना चाहिए।

Abhishek gautam

Abhishek gautam

27 जून, 2024 - 13:43 अपराह्न

फ्रंट-रनिंग का ये विश्लेषण तो बिल्कुल सतही है। इसकी गहराई तो तभी समझी जा सकती है जब आप डेरिवेटिव्स के अंतर्निहित मॉडल्स, ट्रेडिंग एल्गोरिदम्स और ऑर्डर फ्लो अनालिटिक्स को डीप लर्निंग के साथ मैप कर लें। ये सब बस एक डिजिटल फ्रेमवर्क में छिपा हुआ ऑप्टिमाइजेशन प्रॉब्लम है, जिसे रेगुलेटर्स बिल्कुल नहीं समझते। और फिर वो सेबी जो सोचती है कि दस्तावेज़ जब्त करके कुछ हो जाएगा... अरे भाई, डेटा तो अभी तक एन्क्रिप्टेड है।

Imran khan

Imran khan

28 जून, 2024 - 11:50 पूर्वाह्न

इस तरह की जांच से बाजार में भरोसा बढ़ता है। बस अब ये जांच लगातार चलती रहे, बस एक बार की नहीं।

Neelam Dadhwal

Neelam Dadhwal

29 जून, 2024 - 20:43 अपराह्न

अरे ये तो बस शुरुआत है! इतने सालों तक ये लोग आजादी से चल रहे थे... अब तो इनके घरों के दरवाजे तोड़े जाने चाहिए! ये फंड्स तो लोगों की बचत चुरा रहे थे!

vamsi Krishna

vamsi Krishna

1 जुलाई, 2024 - 16:11 अपराह्न

SEBI ko kuch nahi pata... bas dikhane ke liye karta hai ye sab. Kuch bhi nahi hoga.

Narendra chourasia

Narendra chourasia

2 जुलाई, 2024 - 20:49 अपराह्न

ये तो बहुत अच्छा हुआ... लेकिन अभी तक बहुत कम है! जो लोग इसमें शामिल हैं, उनकी सारी संपत्ति जब्त कर देनी चाहिए! और उन्हें जेल भेज देना चाहिए! इनकी बातों में भी नहीं आना चाहिए!

vishal kumar

vishal kumar

3 जुलाई, 2024 - 00:37 पूर्वाह्न

नियमों का पालन आवश्यक है। बाजार की निष्पक्षता अर्थव्यवस्था की आधारशिला है।

Oviyaa Ilango

Oviyaa Ilango

4 जुलाई, 2024 - 22:01 अपराह्न

फ्रंट रनिंग अवैध है और इसे रोकना जरूरी है

Aditi Dhekle

Aditi Dhekle

5 जुलाई, 2024 - 23:27 अपराह्न

इस केस में डेटा अनालिटिक्स का इस्तेमाल बहुत इंटरेस्टिंग है। फंड ट्रेड्स के टाइमस्टैम्प्स, ऑर्डर फ्लो डिस्ट्रिब्यूशन और लिक्विडिटी डिप्लेशन के पैटर्न्स को मैप करके ही फ्रंट-रनिंग को डिटेक्ट किया जा सकता है। ये तो एक नया फाइनेंशियल फॉरेंसिक्स फील्ड है।

Aditya Tyagi

Aditya Tyagi

6 जुलाई, 2024 - 09:39 पूर्वाह्न

क्या ये सब तो बस बड़े लोगों के खिलाफ चल रहा है? छोटे निवेशक तो अभी भी घूस खा रहे हैं।

pradipa Amanta

pradipa Amanta

6 जुलाई, 2024 - 20:26 अपराह्न

ये सब बकवास है। SEBI खुद भी इन्हीं फंड्स को लाइसेंस देती है। अब ये क्यों अचानक चिंतित हो गई?

chandra rizky

chandra rizky

8 जुलाई, 2024 - 12:22 अपराह्न

अच्छा हुआ कि ये जांच हुई। बाजार को न्याय चाहिए। अब देखते हैं कि कैसे सुधार होता है 😊

Rohit Roshan

Rohit Roshan

9 जुलाई, 2024 - 06:31 पूर्वाह्न

इस तरह की कार्रवाई से भरोसा बढ़ता है। अगर ये लगातार चलता रहा तो बाजार और भी बेहतर हो जाएगा 💪

arun surya teja

arun surya teja

9 जुलाई, 2024 - 21:54 अपराह्न

पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम।

Jyotijeenu Jamdagni

Jyotijeenu Jamdagni

10 जुलाई, 2024 - 01:18 पूर्वाह्न

इस केस में तो बस एक नज़र डालो तो लगता है जैसे कोई बड़ा बाजार बदलाव आने वाला है। फ्रंट-रनिंग का ये तरीका तो अब बहुत पुराना हो गया है। अब तो डेटा स्क्रैपिंग, ऑर्डर फ्लो अनालिसिस, और ट्रेडिंग एल्गोरिदम्स के साथ ये सब बहुत ज्यादा फाइन ट्यूनेड हो गया है। लेकिन अभी भी लोग इसे बेकार कहते हैं... अरे भाई, ये तो डिजिटल जगत का नया खेल है।

navin srivastava

navin srivastava

11 जुलाई, 2024 - 11:16 पूर्वाह्न

SEBI अब तक क्या कर रही थी? ये सब तो बस निवेशकों का धोखा है। भारत का बाजार तो हमेशा से खाली बातों का है।

Aravind Anna

Aravind Anna

12 जुलाई, 2024 - 06:36 पूर्वाह्न

अगर ये जांच असली है तो अब तो बाकी सब फंड्स की भी जांच होनी चाहिए। ये तो बस शुरुआत है। जल्दी करो और सब खोल दो!

Rajendra Mahajan

Rajendra Mahajan

14 जुलाई, 2024 - 06:22 पूर्वाह्न

कानून की शक्ति उस समय दिखती है जब वह अन्याय के खिलाफ खड़ी हो जाए। यह एक वित्तीय न्याय का उदाहरण है।

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