14 फरवरी, 2025 को वॉशिंगटन डी.सी. में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के सामरिक साझेदारी को नई ऊँचाइयों तक ले जाना था। बैठक में कई अहम विषयों पर चर्चाएं हुईं, जिनमें मुख्य रूप से क्वाड से जुड़े नई पहलों का उद्घाटन किया गया।
क्वाड के अंतर्गत साझा एयरलिफ्ट क्षमताओं का सक्रियण और समुद्री पेट्रोलिंग की पहल की गई, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा में सुधार हो और आपात स्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके। एक नया रणनीतिक मंच, भारतीय महासागर सामरिक पहल, को दोनों सरकारों के स्तर पर शुरू किया गया, जो भारतीय महासागर क्षेत्र में आर्थिक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा।
बैठक में सबसे अहम घोषणाओं में से एक था 'यूएस-इंडिया कॉम्पैक्ट' (COMPACT) पहल, जिसका उद्देश्य रक्षा, व्यापार और तकनीक में सहयोग को गति देना है। इसके तहत 10 वर्षीय रक्षा साझेदारी फ्रेमवर्क और अमेरिकी रक्षा प्रणालियों के गहरी एकीकरण की योजना बनाई गई।
क्षेत्रीय सुरक्षा के मामलों में चीन की आक्रामक गतिविधियों पर भी चर्चा हुई। दक्षिण और पूर्वी चीनी सागर में चीन की गतिविधियों की आलोचना करते हुए, क्वाड ने ASEAN केंद्रीयता, अंतरराष्ट्रीय कानून और नौवहन की स्वतंत्रता के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
इसके अलावा, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) पर भी ध्यान दिया गया, जिसे ट्रंप ने एक ट्रांसफोर्मेटिव व्यापार मार्ग के रूप में बताया, जो भारत, इज़राइल, इटली और अमेरिका को एकीकृत बुनियादी ढांचे के माध्यम से जोड़ता है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत की अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) सदस्यता के लिए समर्थन की भी घोषणा की, जिससे वैश्विक ऊर्जा प्रशासन में भारत की भूमिका को मजबूत किया जा सके। मोदी ने ट्रंप को आगामी क्वाड लीडर्स सम्मेलन के लिए निमंत्रण दिया, जहाँ इंडो-पैसिफिक में MAITRI (Maritime Initiative for Training in the Indo-Pacific) जैसी पहल को और आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया।