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नबन्ना अभियान प्रदर्शन हिंसक हुआ: क्या है 'छात्र समाज', कोलकाता में हलचल मचा रहा नया छात्र संगठन

नबन्ना अभियान प्रदर्शन हिंसक हुआ: क्या है 'छात्र समाज', कोलकाता में हलचल मचा रहा नया छात्र संगठन

कोलकाता में 'नबन्ना अभियान' और छात्र समाज की पृष्ठभूमि

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में 'नबन्ना अभियान' प्रदर्शन ने एक नई राजनीति और सामाजिक हलचल को जन्म दिया है। इस रैली का आयोजन पश्चिम बंगाल छात्र समाज (पीबीसीएस) नामक एक नवोदित छात्र संगठन द्वारा किया गया है। यह संगठन हाल ही में आर जी कर अस्पताल में घटित बलात्कार-हत्या की घटना के जवाब में उत्पन्न हुआ है। उनके मुख्य मांगों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का इस्तीफा शामिल है।

रैली के उद्देश्य और पुलिस की चेतावनी

'नबन्ना अभियान' का मुख्य उद्देश्य राज्य सचिवालय, नबन्ना तक पहुंचना है। हालांकि, पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस रैली को 'अवैध' करार दिया है और धारा 163 के अंतर्गत पाँच या उससे अधिक लोगों के समूह के एकत्रित होने पर निषेधाज्ञा लागू की है। इसके बावजूद, पीबीसीएस और एक अन्य संगठन 'संघ्रामि संयुक्त मंच' अपने मार्च के साथ आगे बढ़ रहे हैं, और उनका दावा है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा।

प्रदर्शन के हिंसक रूप और राजनीतिक आरोप

स्थिति तब खतरे में पड़ गई जब प्रदर्शन हिंसक हो गया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस रैली को 'साजिश' करार दिया है और आरोप लगाया है कि इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हाथ है। टीएमसी के नेताओं ने यह भी दावा किया है कि कुछ वीडियो में बीजेपी के जुड़े होने के स्पष्ट संकेत हैं, हालांकि इनकी स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है। दूसरी तरफ, छात्र समाज के नेता सयान लाहिरी ने किसी भी राजनीतिक संबंधों से इंकार किया है और जोर दिया है कि यह मार्च एक गैर-राजनीतिक छात्र प्रदर्शन है।

विभिन्न संगठनों का दृष्टिकोण

इस बीच, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और कांग्रेस ने इस मार्च से दूरी बना ली है, यह कहते हुए कि इसमें कुछ आयोजकों के संघ से संबंध हो सकते हैं। पुलिस ने चेतावनी जारी की है कि यह स्थिति अधिक हिंसक हो सकती है और कुछ अपराधी इसका फायदा उठा सकते हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) मनोज वर्मा और एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतीम सरकार ने यह साफ कर दिया है कि इस मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी।

सुरक्षा और प्रदर्शनकारियों का दावा

सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए, पुलिस ने उचित एहतियाती कदम उठाए हैं। इसके बावजूद, छात्र समाज के नेता और उनके समर्थक अपने प्रदर्शन को जारी रखते हुए कहते हैं कि वे एक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाना चाहते हैं।

कुल मिलाकर, 'नबन्ना अभियान' रैली कोलकाता में एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा बन गई है, जो आने वाले दिनों में और गर्मा सकती है। छात्रों का यह संगठन, जो हाल ही में सामने आया है, अपने आंदोलन के माध्यम से महत्वपूर्ण सवाल उठाने की कोशिश कर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका यह प्रयास किस दिशा में जाता है और इसके क्या परिणाम होते हैं।

निर्मल वर्मा

निर्मल वर्मा

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