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पीयूष गोयल ने अमेजन के $1 बिलियन निवेश पर सवाल उठाए, छोटे खुदरा विक्रेताओं पर प्रभाव को लेकर चिंतित

पीयूष गोयल ने अमेजन के $1 बिलियन निवेश पर सवाल उठाए, छोटे खुदरा विक्रेताओं पर प्रभाव को लेकर चिंतित

पीयूष गोयल ने जताई चिंता

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में वैश्विक ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजन के भारत में $1 बिलियन निवेश की घोषणा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। गोयल ने कहा कि यह निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा योगदान नहीं है, बल्कि कंपनी के भारी नुकसानों को पूरा करने का एक प्रयास है। उन्होंने अमेजन के भारी नुकसानों को 'शिकारी मूल्य निर्धारण' के रूप में वर्णित किया, जो छोटे खुदरा विक्रेताओं के लिए हानिकारक हो सकता है।

छोटे खुदरा विक्रेताओं पर असर

गोयल ने कहा कि अमेजन का बिजनेस मॉडल सभी व्यवसायों को एक इकाई के माध्यम से बी2बी लेनदेन के रूप में दिखाने की कोशिश करता है, जब कि नीति ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को बी2सी व्यवसाय में शामिल होने से रोकती है। उन्होंने बताया कि अमेजन के इस प्रचलन के कारण उच्च-मूल्य और उच्च-मार्जिन के उत्पाद, जो छोटे खुदरा विक्रेताओं के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं, प्रभावित हो रहे हैं।

पश्चिमी देशों के उदाहरण

गोयल ने पश्चिमी देशों के उदाहरण दिए जहां तेज ई-कॉमर्स वृद्धि के कारण छोटे खुदरा स्टोरों का पतन हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत को, अमेरिका और स्विट्जरलैंड जैसे विकसित देशों की तरह, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रौद्योगिकी की प्रगति सामाजिक व्यवधान का कारण न बने। भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि ई-कॉमर्स विकास नागरिक-केंद्रित हो और छोटे दुकानदारों को हानि न पहुँचाए।

ऑनलाइन फार्मेसी और खाद्य वितरण पर चिंताएं

गोयल ने ऑनलाइन फार्मेसी और पारंपरिक फार्मेसियों पर इसके प्रभाव के बारे में भी चिंताएं जताई। इसके साथ ही उन्होंने ऑनलाइन खाद्य वितरण के कारण पैसिव लाइफस्टाइल को बढ़ावा देने के संभावित खतरे की ओर इशारा किया।

उन्होंने यह भी बताया कि ऑनलाइन फार्मेसियों का पारंपरिक फार्मेसियों पर क्या प्रभाव हो सकता है और कैसे ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की बढ़ती लोकप्रियता ने पारंपरिक खुदरा विक्रेताओं की जिंदगी मुश्किल कर दी है।

प्रतिस्पर्धा और तकनीकी उन्नति

अमेजन इंडिया को फ्लिपकार्ट, मीशो, ब्लिंकिट, स्विग्गी इंस्टामार्ट और जेप्टो जैसे खिलाड़ियों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद, गोयल ने जोर देकर कहा कि भारत को अपनी तकनीकी उन्नति सुनिश्चित करनी चाहिए और समाज पर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करना चाहिए।

पीयूष गोयल के इस बयान ने न केवल भारतीय व्यापार समुदाय में हलचल पैदा की बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। यह जरूरी है कि सरकार और उद्योगों के बीच संवाद और सहयोग के माध्यम से संतुलित और नागरिक-केंद्रित विकास के लिए प्रयास किए जाएं।

निर्मल वर्मा

निर्मल वर्मा

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