इस्राइल ने हिजबुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह को मारने का दावा करते हुए पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। इस्राइली अधिकारियों के अनुसार, यह हमला हिजबुल्लाह के केंद्रीय मुख्यालय पर, दक्षिण बेरूत के घनी आबादी वाले दाहिये क्षेत्र में हुआ। इस हमले में कम से कम छः लोग मारे गए और 90 से अधिक घायल हुए हैं। घायलों की संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि राहतकर्मी अभी भी मलबे से लोगों को निकालने का काम कर रहे हैं।
इस्राइली अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक आकलन और हिजबुल्लाह के अंदर से प्राप्त खुफिया सूचना के आधार पर हसन नसरल्लाह की मृत्यु की पुष्टि की गई है। पहले तो इस्राइली सेना ने केवल यह बताया था कि उन्होंने एक लक्षित हमला किया है, लेकिन बाद में एक ट्वीट के माध्यम से हसन नसरल्लाह की मृत्यु की पुष्टि की गई। इस ट्वीट में कहा गया कि नसरल्लाह अब और आतंक नहीं फैला पाएगा।
इस्राइली हमले के बाद क्षेत्र में काफी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। हिजबुल्लाह समर्थकों में गुस्सा है और लेबनान के कई लोग इस्राइल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस हमले ने इस्राइल और हिजबुल्लाह के बीच चल रहे संघर्ष को और भी बढ़ा दिया है।
इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले के बाद कहा कि वे हिजबुल्लाह के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, चाहे अंतरराष्ट्रीय समुदाय कोई भी दबाव डाले। उनका कहना है कि हिजबुल्लाह का खात्मा करना इस्राइल की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
हिजबुल्लाह ने इस्राइली हमले के बाद जोरदार प्रतिक्रिया दी है और अपने नेता की मृत्यु को शहादत का नाम दिया है। हिजबुल्लाह के सीनियर नेताओं ने जनता को उग्र होने के लिए प्रेरित किया है और इसका बदला लेने का वादा किया है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस हमले की तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है। कई देश इस तनाव को कम करने और तत्काल संघर्ष विराम की मांग कर रहे हैं, जबकि दूसरी ओर, कुछ इस्राइल के हक में खड़े हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी इस संघर्ष में तेजी से हो रहे हिंसा को रोकने के लिए सभी पक्षों से अपील की है।
इस हमले के कारण, लेबनान की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी जबरदस्त दबाव आ गया है। पहले से ही संकट में चल रहे अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों पर मरीजों का बोझ और बढ़ गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय मदद की मांग की है। चिकित्सा सामग्री और सहायता की जरूरत बढ़ती जा रही है।
दाहिये क्षेत्र में रहने वाले लोगों की हालत भी बहुत खराब है। जिन्होंने यह बमबारी देखी, वे इसे भयानक और विनाशकारी बताते हैं। बहुत से लोगों ने अपनी जान गंवाई हैं और बहुत से लोग वे अपने घरों से बेघर हो गए हैं। स्थिति ऐसी है कि बहुत से प्रतिष्ठान, बाजार, स्कूल और अन्य सार्वजनिक स्थान पूरी तरह से बंद हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय और स्थानीय संगठनों के बीच संघर्षविराम की संभावनाएँ टटोली जा रही हैं। लेकिन जमीनी हालात और नेताओं की कठोरता को देखते हुए निर्दोष लोगों को सुरक्षा पहुंचाना और उनके जीवन को सामान्य करना बहुत बड़ी चुनौती है। दुनिया को अब इस गंभीर मसले पर ध्यान देना होगा और एक स्थायी समाधान की खोज करनी होगी।