दुनिया की अग्रणी एकीकृत ऊर्जा और रसायन कंपनी, अरामको ने अपने रणनीतिक गैस विस्तार को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए $25 बिलियन से अधिक के अनुबंध प्रदान किए हैं। ये अनुबंध कंपनी के जफूरा अपरंपरागत गैस क्षेत्र के दूसरे चरण के विकास, अरामको के मास्टर गैस सिस्टम के तीसरे चरण के विस्तार, नए गैस रिग्स और चालू क्षमता रखरखाव से संबंधित हैं। अरामको का यह कदम 2021 के स्तर की तुलना में 2030 तक बिक्री गैस उत्पादन में 60% से अधिक की वृद्धि करने का लक्ष्य रखता है।
जफूरा अपरंपरागत गैस क्षेत्र का दूसरा चरण विकास अरामको के गैस विस्तार परियोजनाओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस परियोजना के अंतर्गत गैस संपीड़न सुविधाओं का निर्माण, जफूरा गैस प्लांट का विस्तार और उपयोगिता, सल्फर और निर्यात सुविधाओं का निर्माण शामिल है। इस योजना के लिए लगभग $12.4 बिलियन के 16 अनुबंध प्रदान किए गए हैं। ये परियोजनाएँ न केवल कंपनी की गैस उत्पादन क्षमता को बढ़ाएंगी, बल्कि स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेंगी।
अरामको ने अपने मास्टर गैस सिस्टम के तीसरे चरण के विस्तार के लिए भी महत्वपूर्ण अनुबंधों की घोषणा की है। इस योजना के तहत करीब $8.8 बिलियन के अनुबंध प्रदान किए गए हैं। यह विस्तार कंपनी के व्यापक गैस उत्पादन नेटवर्क को और मजबूत करेगा और अधिक से अधिक गैस संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही कंपनी ने 2.4 अरब डॉलर मूल्य के 23 अतिरिक्त अपरंपरागत गैस रिग अनुबंध, 612 मिलियन डॉलर के दो दिशात्मक ड्रिलिंग अनुबंध और जफूरा में 1.63 बिलियन डॉलर के 13 वेल टाई-इन अनुबंध प्रदान किए हैं।
अरामको के अध्यक्ष और CEO अमीन एच. नासर का कहना है कि ये अनुबंध कंपनी के गैस को एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत और डाउनस्ट्रीम उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण फीडस्टॉक के रूप में भविष्य में विश्वास दर्शाते हैं। अरामको की ये परियोजनाएँ न केवल गैस उत्पादन और वितरण नेटवर्क को मजबूत करेंगी, बल्कि एथेन, NGL और कंडेंसट जैसे महत्वपूर्ण सामग्रियों के उत्पादन में भी वृद्धि करेंगी।
अरामको की गैस विस्तार रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा किंगडम की कम-उत्सर्जन पावर ग्रिड की दिशा में संक्रमण का समर्थन करना है। गैस और नवीकरणीय ऊर्जा के अधिक उपयोग के माध्यम से तरल-आधारित पावर उत्पादन को धीरे-धीरे प्रतिस्थापित करके यह उद्देश्य प्राप्त किया जाएगा।
ये परियोजनाएँ सऊदी अरब में नई रोजगार संभावनाओं को भी जन्म देंगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और विकास को मजबूती मिलेगी। यह कदम न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र में बल्कि देश की पूरी आर्थिक संरचना पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
भारत और अन्य देशों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण मौक़ा हो सकता है, क्योंकि वे सऊदी अरब के साथ अपने ऊर्जा संबंधों को और मजबूत करने के अवसर देख सकते हैं। ऊर्जा के नवीकरणीय और स्वच्छ स्रोतों की ओर होता यह परिवर्तन वैश्विक ऊर्जा बाजार पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।