BSE के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का वित्तीय प्रदर्शन इस वित्त वर्ष में बेहद सकारात्मक रहा। Sharekhan के विश्लेषण के अनुसार, BSE ने Q1 FY2025 में कोर ऑपरेटिंग राजस्व में 24% की वृद्धि दर्ज की। इस वृद्धि का प्रमुख कारण इक्विटी डेरिवेटिव्स में 45% की वृद्धि और लेनदेन शुल्क में इजाफा था। इस दौरान, इक्विटी डेरिवेटिव्स खंड में 113% की तिमाही वृद्धि देखी गई और Star MF की आय में 14% की बढ़ोतरी हुई, जो अधिक ऑर्डर वॉल्यूम के कारण थी।
भविष्य की संभावनाएं और जोखिम
भले ही कुछ नियामक चुनौतियां BSE के सामने खड़ी हैं, कंपनी ने 46.7% के स्वस्थ EBITDA मार्जिन को बनाए रखा और Rs. 265 करोड़ की PAT रिपोर्ट की, जो अनुमानों से थोड़ा अधिक है। विश्लेषकों के अनुसार, FY2024-FY2026E के दौरान BSE के राजस्व/EBITDA/आय में क्रमश: 37%/76%/60% की CAGR हासिल करने की संभावना है। यह वृद्धि मुख्य रूप से लेनदेन शुल्क में वृद्धि और डेरिवेटिव्स में बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की उम्मीदों के चलते हो सकती है।
हालांकि, SEBI के प्रस्तावित उपायो जो डेरिवेटिव्स वॉल्यूम ग्रोथ को नियंत्रित करने के लिए लाए जा रहे हैं, भविष्य में लाभप्रदता को प्रभावित कर सकते हैं। शेयर वर्तमान में FY2025E के लिए 39.4x और FY2026E के लिए 30.8x कोर आय अनुमान पर ट्रेड करता है, जिसमें 10-17% का अपसाइड का संभावित लाभ है।
BSE का भविष्य उज्ज्वल हो सकता है अगर वे नियामक जोखिमों को प्रबंधित कर सकते हैं और डेरिवेटिव्स वॉल्यूम की गति को बनाए रख सकते हैं। कंपनी का ध्यान इक्विटी और इंडेक्स डेरिवेटिव्स के विस्तार, को-लोकेशन सेवाओं के माध्यम से मोनेटाइजेशन और रणनीतिक मूल्य निर्धारण संशोधनों पर है। Sharekhan का दृष्टिकोण वर्तमान में न्यूट्रल है, लेकिन भविष्य में संभावित वृद्धि को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
Aditya Tyagi
22 मार्च, 2025 - 06:26 पूर्वाह्न
ये सब नंबर तो बस चार्ट पर दिखते हैं, लेकिन असल में जब छोटे निवेशक डेरिवेटिव्स में घुसते हैं तो उनकी जेब खाली हो जाती है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को तो बस ट्रांजैक्शन फीस चाहिए, न कि बाजार का स्वास्थ्य।
pradipa Amanta
22 मार्च, 2025 - 09:20 पूर्वाह्न
EBITDA 46.7%? ये सब गणित का जादू है जिसे बड़े बॉस बनाते हैं ताकि शेयर बढ़ जाए और वो बोनस ले लें। असली दुनिया में तो लोग अभी भी बचत कर रहे हैं
chandra rizky
23 मार्च, 2025 - 12:36 अपराह्न
अच्छा है कि भारत के फाइनेंशियल मार्केट्स बढ़ रहे हैं 😊 लेकिन इस ग्रोथ को नियंत्रित करना भी जरूरी है। अगर SEBI थोड़ा लचीला रहे तो छोटे निवेशकों को भी मौका मिल सकता है। बस एक संतुलन चाहिए 🙏
Rohit Roshan
23 मार्च, 2025 - 21:29 अपराह्न
इक्विटी डेरिवेटिव्स में 113% ग्रोथ? वाह ये तो बहुत बड़ी बात है! लेकिन क्या ये ग्रोथ स्थायी होगी? या फिर एक बुलिश बबल है? किसी ने इसके बारे में डीप डाटा देखा है? 🤔
arun surya teja
24 मार्च, 2025 - 14:24 अपराह्न
यहाँ दिए गए आँकड़े विश्लेषणात्मक रूप से बहुत मजबूत हैं। हालाँकि, नियामक जोखिमों के प्रबंधन के लिए एक संरचित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। लंबे समय तक स्थिरता के लिए नीतिगत स्थिरता महत्वपूर्ण है।
Jyotijeenu Jamdagni
26 मार्च, 2025 - 06:49 पूर्वाह्न
ये वाला बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज तो अब एक बिग बैंक की तरह चल रहा है, बस नाम अलग है। डेरिवेटिव्स में जो तेजी है, वो तो असल में ऑनलाइन ट्रेडिंग ऐप्स की वजह से हुई है। अब तो हर बच्चा जो फोन चला रहा है, वो भी निवेशक बन गया। बस अब इन सबको समझाने का निकालो जो नियम बनाते हैं।
navin srivastava
28 मार्च, 2025 - 04:10 पूर्वाह्न
SEBI का जो नियम बना रहा है वो भारतीय बाजार को कमजोर बनाने का षड्यंत्र है। ये बाहरी शक्तियाँ हैं जो हमारे बाजार को नियंत्रित करना चाहती हैं। BSE को बस आगे बढ़ना चाहिए और उन लोगों को जो इसके खिलाफ बोल रहे हैं उन्हें बंद कर देना चाहिए। भारत का बाजार भारतीयों के लिए है!