जब Astronomical Society of India की Public Outreach and Education Committee (ASI POEC) ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की, तो लाखों भारतीय आसमान की ओर झुके। Sky at Night Magazine के अनुसार, 7‑8 सितंबर 2025 को रक्तचंद चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा, और इसे देखना बिल्कुल सुरक्षित है।
समय‑सारणी: कब‑क्या होता है?
इसे समझना आसान है – घड़ी की सुई जैसे चलती है, लेकिन यहाँ पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा तीनों का अद्भुत नाटक चलता है। नीचे प्रमुख क्षणों की तालिका दी गई है, जहाँ IST (भारतीय मानक समय) के आधार पर सभी समय दिए गये हैं:
- 8:58 PM – पेनुम्ब्रल (हल्की) ग्रहण शुरू
- 9:57 PM – अंशीय (आंशिक) ग्रहण शुरू
- 11:00 PM – कुल (टोटल) ग्रहण के द्वार खुलते हैं (ASI POEC के अनुसार 11:01 PM)
- 11:41 PM – ग्रहण की अधिकतम तीव्रता, जब चंद्रमा सबसे गहरा लाल रंग धारण करता है
- 12:22 AM (12 AM) – कुल ग्रहण समाप्त (ASI POEC की रिपोर्ट 12:23 AM)
- 1:26 AM – अंशीय ग्रहण समाप्त
- 2:25 AM – पेनुम्ब्रल ग्रहण समाप्त, फिर से सामान्य रात
कुल टोटलिटी लगभग 82 मिनट की रहेगी, जो इस वर्ष के सबसे लंबे चंद्रग्रहणों में से एक है। Space.com और Indian Express दोनों ने इस अवधि को इसी तरह रिपोर्ट किया है।
दृश्यता और क्षेत्रीय कवरेज
यह घटना केवल भारत तक सीमित नहीं; एशिया, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्सों में देखी जाएगी। Indian Express ने कहा कि दुनिया की लगभग 77 प्रतिशत आबादी – करीब 6.2 अरब लोग – इस कुल चरण को देख पाएंगे। तुलना में, मार्च 2025 के कुल चंद्रग्रहण को सिर्फ एक अरब लोग देख पाए थे।
भारत में, चंद्रमा दक्षिणी आकाश में ऊँचा रहेगा, इसलिए बड़े नगरों के प्रकाश प्रदूषण के बावजूद इसे साफ़‑साफ़ देखना संभव है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई के लोग सबको समान दृश्य मिलेगा, क्योंकि ग्रहण का पथ पूरे देश में समान है।

देखने के टिप्स: कैसे और कहाँ देखें?
लूनर ग्रहण के लिये कोई टेलिस्कोप या विशेष चश्मा जरूरी नहीं। Indian Express ने कहा: "लूनर ग्रहण को नंगों आँखों से देखना सुरक्षित है; सूर्य के ग्रहण की तरह यहाँ कोई हानिकारक रैडिएशन नहीं है।" फिर भी, अगर आप बायनोक्यूलर या छोटे टेलीस्कोप से देख रहे हैं, तो चंद्रमा के लँडस्केप में अतिरिक्त विवरण दिख सकते हैं – जैसे समुद्री घाटी या क्रेटर की किनारें।
सर्वोत्तम स्थान चुनते हुए, खुले मैदान, पार्क या छत की सिफ़ारिश की जाती है, जहाँ आसमान का कोई बाधा न हो। अगर मौसम बादलों से भरा हो, तो शहर के उच्चतम बिंदु, जैसे दिल्ली में लोटस टेरेस या मुंबई की वर्ली बर्डे पार्क, बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
वैज्ञानिक महत्त्व: रक्तचंद क्यों लाल दिखता है?
जब चंद्रमा पृथ्वी के उम्ब्रल छाया में पूरा प्रवेश करता है, तो पृथ्वी की वायुमंडलीय कण सूर्य की रोशनी को बिखेरते हैं। नीली और हरी लम्बी तरंगें अधिकांशतः बिखर जाती हैं, जबकि लाल‑ऑरेंज लम्बी तरंगें सीधे चंद्रमा तक पहुँचती हैं, इसलिए हमें लाल रंग दिखता है। यही कारण है कि इस ग्रहण को "Harvest Moon" कहा जाता है – क्योंकि यह शरद ऋतु के विषुव के निकट होता है और कृषि‑सम्बंधी परम्पराओं में इसका विशेष महत्व है।
साइंटिफ़िक डेटा के अनुसार, इस ग्रहण का उम्ब्रल मैग्निट्यूड 1.36379 और पेनुम्ब्रल मैग्निट्यूड 2.34591 है – मतलब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में डूबा रहेगा, और कुछ हिस्से तो छाया से बाहर भी निकलेगा नहीं। NASA के गणितीय मॉडल के अनुसार, सूर्य का राइट एसेंशन 11h06m09.1s और डिक्लिनेशन +05°45'47.6" रहेगा, जबकि चंद्रमा का राइट एसेंशन 23h06m40.4s और डिक्लिनेशन -06°00'08.9" होगा।

आगे क्या?
इस चंद्रग्रहण के बाद 21 सितंबर को एक आंशिक सूर्यग्रहण भी होगा, जो सूर्य के आसपास के भागीदार सौर मंडल के उत्सव को जारी रखेगा। अगर आप इस लोनर इवेंट को मिस नहीं करना चाहते, तो Time and Date की लाइव स्ट्रीम को 3:23 PM UTC (9:53 PM IST) पर देख सकते हैं। वे सभी प्रमुख क्षेत्रों – एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया – को कवर करेंगे।
भविष्य की ओर देखते हुए, अगला कुल चंद्रग्रहण 2026 में आएगा, लेकिन उसी पैमाने की व्यापक दृश्यता की संभावना अभी स्पष्ट नहीं है। इसलिए, इस बार का रक्तचंद ग्रहण नज़र फिरते रहना चाहिए, खासकर उन लोगों के लिये जो खगोल विज्ञान में रुचि रखते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत में कौन‑से शहरों से रक्तचंद चंद्रग्रहण देखा जा सकता है?
चंद्रग्रहण का पथ पूरे देश में समान है, इसलिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, जयपुर और हरद्वाड़ सभी स्थानों से पूर्ण दृश्य प्राप्त होगा। बस साफ़ आसमान और अधिकतम उत्सव के लिये कम प्रकाश वाले खुले स्थान चुनें।
क्या इस ग्रहण को देखने के लिये कोई विशेष उपकरण जरूरी है?
नहीं। लूनर ग्रहण को नजरों से देखना पूरी तरह से सुरक्षित है। यदि आप अधिक विवरण चाहते हैं, तो बायनोक्यूलर या छोटे टेलीस्कोप से देख सकते हैं, लेकिन यह वर्ज़ित नहीं है। सूर्यग्रहण के विपरीत, यहाँ कोई धूप‑फिल्टर या ग्लास की आवश्यकता नहीं है।
यह रक्तचंद क्यों लाल दिखता है?
जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह डूबता है, तो पृथ्वी की वायुमंडलीय कण सूर्य की रोशनी को बिखेरते हैं। नीली और हरी तरंगें बिखर जाती हैं, जबकि लाल‑ऑरेंज तरंगें सीधे चंद्रमा तक पहुँचती हैं, जिससे वह लाल रंग धारण करता है।
कुल टोटलिटी की अवधि कितनी होगी और इसका वैज्ञानिक महत्व क्या है?
टोटलिटी लगभग 82 मिनट तक चलेगी, जो 2025 के सबसे लंबे चंद्रग्रहणों में से एक है। इससे वैज्ञानिकों को पृथ्वी की वायुमंडलीय सामग्री, प्रकाश‑प्रसार और चंद्रमा की सतह के बारे में अधिक डेटा एकत्र करने का अवसर मिलता है।
क्या इस ग्रहण को लाइव देखना संभव है?
हाँ। Time and Date की वेबसाइट 3:23 PM UTC (9:53 PM IST) से लाइव स्ट्रीम प्रदान करेगी, जिसमें एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के दर्शकों को कवर किया जाएगा।
Madhav Kumthekar
11 अक्तूबर, 2025 - 01:31 पूर्वाह्न
रक्तचंद चंद्रग्रहण देखनें से पहले कुछ बेसिक चीज़ें याद रखनी चाहिए। सबसे पहले, यह इवेंट पूरी तरह से सुरक्षित है, इसलिए आँखों पर स्पेशल गॉगल्स की ज़रुरत नहीं है। यदि आप बायनॉक्यूलर इस्तेमाल कर रहे हैं तो थोड़ा फोकस बेहतर हो सकता है, लेकिन नज़र से देखना बिल्कुल ठीक है। भारत में अधिकांश शहरों में प्रकाश प्रदूषण थोड़ा दख़ल दे सकता है, इसलिए हाई एरेज या खुले मैदानों को चुनना फायदेमंद रहेगा। मौसम की भविष्यवाणी देख कर क्लाउड कवर की जांच करना न भूलें। चंद्रमा का टोटलिटी लगभग 82 मिनट रहेगा, जिससे आप कई फ़ेज़ देख पाएँगे। इस दौरान फोटोग्राफी करने के लिये ट्राइपॉड और रॉ मैनुअल मोड मददगार होते हैं। अगर टाइमलाइन को मिस कर रहे हों, तो मोबाइल अलार्म सेट कर लें। अंत में, इस अद्भुत नज़र को शेयर करके दूसरों को भी उत्साहित करें।