पेरिस पैरालंपिक 2024: छठे दिन की लाइव अपडेट्स, पदक तालिका, भारतीय एथलीट्स और मुख्य आकर्षण

  • घर
  • पेरिस पैरालंपिक 2024: छठे दिन की लाइव अपडेट्स, पदक तालिका, भारतीय एथलीट्स और मुख्य आकर्षण
पेरिस पैरालंपिक 2024: छठे दिन की लाइव अपडेट्स, पदक तालिका, भारतीय एथलीट्स और मुख्य आकर्षण

पेरिस पैरालंपिक 2024: छठे दिन की बड़ी खबरें और प्रदर्शन

पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों का छठा दिन भारतीय दर्शकों के लिए विशेष उत्साह का समय रहा है। 3 सितंबर, 2024 को आयोजित इस खेल महोत्सव में जहां एक ओर दुनियाभर के एथलीट्स ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, वहीं भारतीय एथलीट्स ने भी अपने विशेष कौशल का प्रदर्शन किया।

पदक तालिका: भारत का प्रदर्शन

छठे दिन की पूरी जानकारी तक, भारत कुल मिलाकर 15वें स्थान पर है और भारतीय दल ने तीन स्वर्ण पदक जीते हैं। चीन ने 43 स्वर्ण पदकों के साथ तालिका में शीर्ष स्थान बना रखा है। भारतीय एथलीट्स ने देश को गौरवान्वित किया है, और अभी भी कई और संभावनाएं हैं जहां वे पदक जीत सकते हैं।

अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल का मुकाबला

भारतीय एथलीट्स में अवनी लेखरा और मोना अग्रवाल का विशेष उल्लेख किया जा रहा है। दोनों ही 50 मीटर राइफल 3P SH1 इवेंट में भाग ले रही हैं, जिसकी शुरुआत 1:00 बजे आईएसटी पर होनी है। अवनी लेखरा ने पहले भी अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया है और इस बार भी उनसे बड़ी उम्मीदें हैं। मोना अग्रवाल भी पूरी तरह से तैयार हैं और इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करने के लिए तत्पर हैं।

भाग्यश्री का शॉटपुट फाइनल

भारतीय दल में भाग्यश्री भी शॉटपुट के फ़ाइनल में हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं। उनका यह मुकाबला भी एक महत्वपूर्ण चरण है जहां वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगी। भाग्यश्री के समर्थक उनसे शानदार प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे भारतीय दल का पदकों का खाता और शानदार हो सके।

अन्य मुख्य आकर्षण

इसके अलावा, कोस्टा रिका की गौटी ने T64m 100m रेस में रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक जीता। यह एक ऐतिहासिक क्षण था और दुनियाभर के दर्शकों को अपनी ओर खींचा। विभिन्न देशों के एथलीट्स ने भी अपने प्रदर्शन से दर्शकों का मन मोहा और कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले।

कुल मिलाकर पैरालंपिक खेलों की स्थिति

पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों के छठे दिन की लाइव अपडेट्स ने यह साबित किया कि भारतीय दल में अभी भी अपार क्षमता है और वे आने वाले दिनों में और अधिक पदक जीतने की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं। जैसे-जैसे मुकाबले आगे बढ़ेंगे, यह देखना बेहद रोचक होगा कि भारतीय एथलीट्स अपने प्रदर्शन से किस तरह विश्व को चौंकाते हैं।

यह लेख पेरिस पैरालंपिक खेलों की अद्यतन जानकारी और भारतीय एथलीट्स के प्रदर्शन पर प्रकाश डालता है, जिससे पढ़ने वाले दर्शक इन खेलों के हर पहलु से अवगत रह सकें।

18 टिप्पणि

Rohit Roshan

Rohit Roshan

4 सितंबर, 2024 - 23:26 अपराह्न

अवनी लेखरा ने फिर से देश का नाम रोशन किया! 🙌 ये लड़की तो असली शहीद है, बस नज़र नहीं आती ये जुनून।

arun surya teja

arun surya teja

6 सितंबर, 2024 - 08:32 पूर्वाह्न

भारत के एथलीट्स ने जिस दृढ़ता से खेला है, वह देश के लिए गौरव का प्रतीक है। इस तरह के प्रदर्शन से हमें अपनी सीमाओं को फिर से परिभाषित करना होगा।

Jyotijeenu Jamdagni

Jyotijeenu Jamdagni

7 सितंबर, 2024 - 12:33 अपराह्न

भाग्यश्री का शॉटपुट फाइनल? भाई, वो तो बस गोला फेंक रही हैं ना, असल में दिल फेंक रही हैं। देखोगे तो आंखें भर आएंगी। ये लड़कियां इंसान नहीं, इंसानियत का एक जीवंत अवतार हैं।

navin srivastava

navin srivastava

8 सितंबर, 2024 - 08:33 पूर्वाह्न

15वें नंबर पर? अरे भाई ये क्या बकवास है? चीन ने 43 स्वर्ण, हमें 3? ये सरकार तो बस फोटो खींचकर शेयर करती है, असली तैयारी कहां है? खेल को बाजार बना दिया है।

Aravind Anna

Aravind Anna

9 सितंबर, 2024 - 23:59 अपराह्न

भारत के लिए ये पदक सिर्फ धातु नहीं, दिलों की धड़कन हैं। जब अवनी राइफल उठाती है तो देश का आत्मविश्वास भी उठता है। इस देश में बहुत कम लोगों को ये समझने का मौका मिलता है कि शक्ति किस रूप में आती है।

Rajendra Mahajan

Rajendra Mahajan

11 सितंबर, 2024 - 02:49 पूर्वाह्न

इंसानी इच्छाशक्ति का ये जादू है कि जब शरीर बाधाओं से भरा होता है तो आत्मा उड़ जाती है। अवनी, मोना, भाग्यश्री - ये सब ने साबित कर दिया कि असली जीत शरीर में नहीं, दिमाग में होती है।

ANIL KUMAR THOTA

ANIL KUMAR THOTA

12 सितंबर, 2024 - 22:45 अपराह्न

कोस्टा रिका की गौटी ने रिकॉर्ड तोड़ा तो भी ये नहीं बताया कि उसकी ट्रेनिंग कैसे हुई। हमारे एथलीट्स को तो बस एक ट्रॉफी के लिए लड़ना पड़ता है

VIJAY KUMAR

VIJAY KUMAR

13 सितंबर, 2024 - 06:02 पूर्वाह्न

पैरालंपिक? ये तो बस एक बड़ा सा ब्रांडिंग ट्रिक है जिसमें सरकार ने अपने बजट का एक हिस्सा इसमें डाल दिया ताकि लोग भूल जाएं कि स्कूलों में रैंप नहीं हैं 😂🪄 #ParalympicsForLikes

Manohar Chakradhar

Manohar Chakradhar

15 सितंबर, 2024 - 03:42 पूर्वाह्न

ये लड़कियां जो दिन भर ट्रेनिंग करती हैं, रात को घर पर बैठकर बातें करती हैं, अगले दिन फिर उठकर दौड़ती हैं - ये वो नहीं जो टीवी पर दिखती हैं। ये वो हैं जो दुनिया को बदल रही हैं। इनके लिए एक जीत नहीं, एक जीवन है।

LOKESH GURUNG

LOKESH GURUNG

16 सितंबर, 2024 - 22:51 अपराह्न

अवनी के लिए तो मैंने 500 रुपये दान किए थे, लेकिन अभी तक कोई रसीद नहीं आई 😅 अरे भाई, अगर आपको पदक चाहिए तो डोनेशन भी जरूरी है। ये लड़कियां भूखी नहीं रहेंगी ना? 🤑

Aila Bandagi

Aila Bandagi

18 सितंबर, 2024 - 22:25 अपराह्न

मैं रो रही हूं। अवनी की आंखों में जो चमक है, वो किसी फिल्म में नहीं मिलती। ये देश का असली ताज है।

Abhishek gautam

Abhishek gautam

19 सितंबर, 2024 - 02:30 पूर्वाह्न

क्या तुम्हें लगता है कि ये पदक उनके लिए हैं? नहीं। ये पदक तो देश के नाम पर बनाए गए हैं। जब वो घर लौटेंगी तो उनके लिए कोई बेस्ट रिस्टोरेंट नहीं होगा। ये सब बस फोटो के लिए है। जब तक हम असली समर्थन नहीं देंगे, तब तक ये सिर्फ नाटक है।

Imran khan

Imran khan

20 सितंबर, 2024 - 08:21 पूर्वाह्न

भाग्यश्री के शॉटपुट में वो वजन जो उसने फेंका, वो देश के दर्द का भार भी था। एक बार उसके जीतने के बाद एक छोटा सा अंतर आया - लोगों ने देखा कि असमर्थता का मतलब असमर्थ नहीं होता।

Neelam Dadhwal

Neelam Dadhwal

22 सितंबर, 2024 - 07:37 पूर्वाह्न

इतना गौरव? बस इतना ही? तुम लोगों को लगता है कि ये पदक बनाने वाली लड़कियां बिना ट्रेनिंग के जीत गईं? इनके पीछे नौकरियां छूटीं, शादियां टालीं, घर छोड़ दिए। और फिर तुम बस एक ट्वीट कर देते हो।

vishal kumar

vishal kumar

23 सितंबर, 2024 - 06:31 पूर्वाह्न

पैरालंपिक खेलों के आयोजन में भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है जिसे राष्ट्रीय नीति के अंतर्गत स्थायी रूप से विकसित किया जाना चाहिए।

Oviyaa Ilango

Oviyaa Ilango

23 सितंबर, 2024 - 23:48 अपराह्न

भारत के लिए ये पदक अभी भी बहुत कम हैं। अधिक निवेश चाहिए।

Aditi Dhekle

Aditi Dhekle

24 सितंबर, 2024 - 18:17 अपराह्न

ये जो एथलीट्स हैं, उनके लिए ट्रेनिंग सिस्टम अभी भी बहुत पुराना है। डेटा एनालिटिक्स, रिकवरी टेक्नोलॉजी, न्यूट्रिशन प्लानिंग - इनकी कमी है।

Aditya Tyagi

Aditya Tyagi

26 सितंबर, 2024 - 09:25 पूर्वाह्न

अवनी लेखरा के बारे में जब भी देखता हूं तो लगता है जैसे मैंने अपनी बहन को देखा हो। लेकिन ये लड़की अपने आप को बाहर निकाल रही है। ये नहीं कि वो खेल रही हैं, ये तो दुनिया को बदल रही हैं।

एक टिप्पणी लिखें