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एशिया कप 2025: पाकिस्तान ने ओमान को 93 रन से हराया, पॉइंट्स टेबल में भारत के पीछे

एशिया कप 2025: पाकिस्तान ने ओमान को 93 रन से हराया, पॉइंट्स टेबल में भारत के पीछे

मैच का हाल: 160 का स्कोर, 67 पर ऑलआउट—स्पिन ने किया काम

पाकिस्तान ने जिस ठंडे दिमाग से 160/7 का स्कोर खड़ा किया, उससे भी ज्यादा सटीकता उनके गेंदबाजों ने दिखाई और ओमान को 67 पर समेटकर एशिया कप 2025 का सबसे एकतरफा नतीजों में से एक निकाल दिया। यह 93 रन की जीत सिर्फ दो अंक नहीं, पाकिस्तान के आत्मविश्वास और नेट रन रेट—दोनों के लिए बड़ा धक्का-boost है। फिर भी पॉइंट्स टेबल में टीम भारत के पीछे दूसरे स्थान पर है, जो इस ग्रुप की रेस को और दिलचस्प बनाता है।

टॉस जीतकर पाकिस्तान ने विकेट पर पहले बैटिंग चुनी। शुरू में ओमान ने विकेट-टू-विकेट गेंदबाजी की, इसलिए पाकिस्तान ने अनावश्यक जोखिम नहीं लिया। नंबर तीन पर आए हारिस ने एंकर की भूमिका निभाई और 66 रन की ठोस पारी खेली। बीच के ओवरों में जब स्पिनरों ने पकड़ बनानी शुरू की, तब स्ट्राइक रोटेशन और समय-समय पर बाउंड्री—इसी बैलेंस ने पारी को संभाला। निचले क्रम से 23 नाबाद की उपयोगी पारी और मोहम्मद नवाज़ के तेज 19 रन ने टीम को 160 के पार धकेल दिया, जो इस सतह पर ‘कंपेटिटिव’ से थोड़ा ऊपर लगा।

पावरप्ले में पाकिस्तान ने विकेट बचाने की रणनीति अपनाई। यही वजह रही कि ओमान अपने स्लोअर बॉल और लंबाई में विविधता के बावजूद दबाव को पूरी तरह हारिस पर ट्रांसफर नहीं कर पाया। पाकिस्तान की योजना साफ थी—आखिरी पांच ओवरों में तेजी लानी है और 150-160 की रेंज में स्कोर सेट करना है। यह प्लान अंत तक टिकाया गया, और डेथ ओवर्स में छोटे-छोटे कैमियो काम आ गए।

लेकिन मैच का चेहरा पाकिस्तान की गेंदबाजी ने बदला। नई गेंद से साईम अय्यूब ने शुरुआत में ही ब्रेकथ्रू दे दिए और ओमान की टॉप ऑर्डर को झटका लगा। इसके बाद अबरार और सुफयान की जोड़ी ने स्पिन के धागे में ओमान की बल्लेबाजी को पूरी तरह जकड़ लिया। कभी फ्लाइट, कभी फ्लैट, कभी टॉप-स्पिन—वेरिएशन की रफ्तार और लाइन-लेंथ दोनों सटीक रहे। बीच-बीच में फहीम अशरफ ने भी स्ट्राइक्स दिलाईं। नतीजा यह रहा कि 50/8 से ओमान 67 पर ढेर हो गया। पाकिस्तान की फील्डिंग भी पैनी दिखी—रिंग में कैच, कवर पर डाइव और स्टंप के पीछे फुर्ती—हर चीज़ ने दबाव बढ़ाया।

ओमान की बल्लेबाजी की दिक्कतें साफ दिखीं—स्पिन के खिलाफ फुटवर्क अनिश्चित, स्वीप-रिवर्स स्वीप का टाइमिंग गड़बड़, और सबसे बढ़कर साझेदारियां नहीं बन पाईं। कुछ ओवरों में टिकने के बाद जैसे ही कोई विकेट गिरा, अगला विकेट भी पीछे-पीछे आ गया। यह वही क्लासिक समस्या है जब टीम एकदम रक्षा में चली जाती है और फिर कोई बुरी गेंद का इंतज़ार करती है—जो पाकिस्तान के स्पिनरों ने दी ही नहीं।

93 रन का मार्जिन पाकिस्तान के लिए कई मायनों में फायदेमंद है। एक, ग्रुप के शुरुआत में नेट रन रेट का फायदा लंबे टूर्नामेंट में बैलेंस बनाता है। दो, टीम मैनेजमेंट को स्पष्ट संकेत मिल गया कि धीमी सतहों पर स्पिन-हैवी अटैक उनका सबसे बड़ा हथियार है। तीन, 160 जैसे स्कोर भी डिफेंड हो सकते हैं, बशर्ते नई गेंद पर शुरुआती चोट लगे और बीच के ओवरों में दम घोंटने वाली गेंदबाजी हो।

पॉइंट्स टेबल की बात करें तो पाकिस्तान ने दो अंक जेब में डाले, नेट रन रेट भी ऊपर गया, मगर भारत अभी भी शीर्ष पर है। इसका मतलब—ग्रुप का टॉप स्पॉट फिलहाल खुला है और आगे की चूक महंगी पड़ सकती है। खासकर बड़े मुकाबलों में टॉस, ओस और पावरप्ले—तीन फैक्टर तय करेंगे कि मैच किस दिशा में मुड़ेगा।

  • टर्निंग प्वाइंट: साईम अय्यूब के शुरुआती विकेटों ने ओमान को बैकफुट पर धकेला।
  • बैटिंग एंकर: हारिस की 66 रन की संयमित पारी ने 160 तक पहुंचने की नींव रखी।
  • डेथ पुश: नवाज़ का 19 और निचले क्रम की 23 नाबाद ने स्कोर को 'सेफ ज़ोन' में पहुंचाया।
  • स्पिन का शिकंजा: अबरार-सुफयान की लगातार डॉट गेंदों ने ओमान की हिम्मत तोड़ी।

पाकिस्तान के लिए कुछ सीख भी हैं। टॉप ऑर्डर को हारिस के साथ एक और लंबी पारी चाहिए ताकि डेथ में 170-175 का टोटल बन सके, क्योंकि मजबूत टीमों के खिलाफ 160 हमेशा सुरक्षित नहीं होगा। मिडिल ओवर्स में ‘इंटेंट’ बनाए रखना होगा—सिर्फ टिके रहने की बजाय गैप्स में चार-पांच सिंगल और ओवर में एक बाउंड्री वाला टेम्पलेट ज्यादा असरदार रहेगा। गेंदबाजी में यह साफ है कि स्पिन हॉस्पिटैलिटी वाली सतहों पर फुल स्पिन पैक काम करेगा, पर फ्लैट ट्रैक पर नई गेंद से स्ट्राइक कैसे मिलेगी—यह सवाल बना रहेगा।

ओमान के नजरिए से भी काम की बातें हैं। जब विपक्ष ने विकेट-टू-विकेट एरिया को कब्जे में ले लिया हो, तब रोटेशन बढ़ाए बिना सिर्फ बड़े शॉट की कोशिश उल्टा असर डालती है। उन्हें 6-10 ओवर के बीच पार्टनरशिप बिल्ड करनी होगी, ताकि 12 से 16 ओवर में हाई-रिस्क शॉट्स का नुकसान बैलेंस हो सके। साथ ही, स्पिन के खिलाफ स्वीप-रिवर्स स्वीप का चयन हालात देखकर—हर गेंद पर नहीं।

अब नजरें 14 तारीख के भारत-पाक मैच पर

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ग्रुप ए का सबसे चर्चित मुकाबला अब 14 तारीख को है—भारत बनाम पाकिस्तान। टेबल-टॉपर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के लिए यह मौका है कि वह सीधे शिखर पर पहुंचे और नॉकआउट की राह आसान करे। बड़े मैचों में छोटी चीजें बड़ा फर्क डालती हैं—किसने पावरप्ले जीता, किसने पुल/कवर में एक्स्ट्रा रन बचाए, और किसने बीच के ओवरों में ‘डॉट प्रेशर’ बनाया।

पाकिस्तान की रणनीति का कोर साफ दिखता है—स्पिन से मैच पकड़ना। भारत की टॉप ऑर्डर के खिलाफ लेंथ और पेस में विविधता, और लॉन्ग-ऑन/डीप-मिडविकेट पर सटीक फील्ड सेटिंग—यही काम आएगा। अगर रात में ओस पड़ती है, तो कप्तान को एक अतिरिक्त ओवर पेस से मैनेज करना पड़ सकता है, ताकि गीली गेंद के साथ स्पिनरों का असर कम न हो।

बैटिंग में पाकिस्तान को शुरुआत में विकेट बचाते हुए 7-8 रन प्रति ओवर की टेम्पो चाहिए, ताकि आखिरी पांच ओवरों में 50+ का पुश मिल सके। हारिस की भूमिका ‘एंकर-विद-इंटेंट’ वाली है; उनके साथ किसी एक बल्लेबाज को 30-35 की तेज पारी खेलनी होगी। फिनिशिंग में नवाज़ जैसे बैटर्स की 15-20 गेंदों की कैमियो कई बार मैच का ‘हिडन डिफरेंस’ बन जाती है।

सेलेक्शन की बात करें तो पाकिस्तान के सामने दुविधा यही रहेगी कि क्या एक अतिरिक्त स्पिन विकल्प उतारा जाए या नई गेंद से इम्पैक्ट के लिए एक और पेसर रखा जाए। साईम अय्यूब का बॉलिंग-यूज़ेज इस मैच में सरप्राइज पैकेज था; बड़े मैच में भी उन्हें फ्लेक्सिबल रोल दिया जा सकता है—कभी पावरप्ले में, कभी मिड-ओवर्स में।

ओमान के लिए आगे का रास्ता सुधार से गुजरता है। उन्हें अपनी बॉलिंग से अच्छी शुरुआत मिल भी जाए, तो फील्डिंग में ड्रॉप कैच और मिसफील्ड की गुंजाइश खत्म करनी होगी। बैटिंग में 1-2 बैटर्स को 30-40 गेंद की पारी खेलने के लिए कमिट करना पड़ेगा—यही साझेदारी उन्हें 140-150 की रेंज में पहुंचा सकती है, जो इंटरनेशनल टी20 में प्रतिस्पर्धी स्कोर है।

टूर्नामेंट की बड़ी तस्वीर यही कहती है—जो टीमें छोटी गलतियों को कम करेंगी और अपने स्ट्रेंथ पर डटी रहेंगी, वे ग्रुप में ऊपर दिखेंगी। पाकिस्तान ने ओमान के खिलाफ ठीक यही किया—बैट से किफायत, गेंद से आक्रामकता, और फील्ड में ऊर्जा। अब असली परीक्षा 14 सितंबर को होगी, जहां एक-एक सत्र की बारीकी मैच का रंग बदल सकती है।

Sukh Malik

Sukh Malik

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