तेज गेंदबाज हरशित राणा ने अपने करियर की नई ऊंचाइयों को छुआ है। श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम में चुने जाने के बाद, राणा ने अपनी सफलता का श्रेय पूर्व कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के मेंटर गौतम गंभीर को दिया है। राणा ने कहा कि गंभीर ने उनके मानसिकता को बदलकर खेल में बेहतरीन प्रदर्शन किया।
हरशित राणा ने IPL 2024 में KKR के लिए शानदार प्रदर्शन किया, 13 मैचों में 19 विकेट लिए और टीम को तीसरी बार खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 2012 और 2014 के बाद यह KKR का तीसरा खिताब था। राणा ने कहा कि गंभीर ने उनसे कभी उम्मीद नहीं छोड़ी और लगातार उन्हें प्रोत्साहित किया। गंभीर के शब्द 'तू मैच जिताके आएगा' (तुम मैच जीत के आओगे) ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया।
ODI टीम में चयन
राणा के लिए यह मौका उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उन्हें श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय वनडे टीम में शामिल किया गया है, जिसमें अन्य तेज गेंदबाज अर्जदीप सिंह, खलील अहमद और मोहम्मद सिराज भी शामिल हैं। इससे पहले, राणा को जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए पहले दो T20I मैचों के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला था।
कोच और परिवार का समर्थन
हरशित ने अपने पिता और व्यक्तिगत कोच अमित भंडारी को भी इस सफलता का श्रेय दिया। राणा ने कहा कि उनके पिता और कोच ने हमेशा उनका साथ दिया और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन किया। व्यक्तिगत कोच अमित भंडारी ने उनकी तकनीक और मानसिकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लीग मे शानदार प्रदर्शन
राणा ने केवल 14 लिस्ट ए मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 22 विकेट लिए हैं, और उनका इकॉनमी रेट 5.54 का है। इस दौरान उन्होंने दो बार चार विकेट हॉल भी लिया है। इस प्रकार उनका प्रदर्शन काफी प्रभावशाली रहा है और उन्होंने वनडे टीम में अपनी जगह सुनिश्चित की है। श्रीलंका दौरे की शुरुआत 27 जुलाई को पाल्लेकले इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में वनडे श्रृंखला से होगी।
गंभीर का मार्गदर्शन
राणा ने गंभीर की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा उन्हें मैच जीतने की हिम्मत दी और कभी हार नहीं मानने की सीख दी। राणा ने कहा, "गंभीर सर के मार्गदर्शन में मैंने अपनी गेंदबाजी पर ध्यान केंद्रित किया और अपनी कमजोरियों को दूर किया। उन्होंने मेरी मानसिकता को सकारात्मकता से भर दिया।"
हरशित राणा की यह कहानी बताती है कि सही मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत से कोई भी खिलाड़ी अपने सपनों को साकार कर सकता है। उनके जीवन में गौतम गंभीर का योगदान हमेशा अद्वितीय रहेगा।
इस कहानी में हरशित राणा की मेहनत और गंभीर के मार्गदर्शन का मिश्रण है, जिसने उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में एक स्थान दिलाया है। आने वाले समय में राणा की प्रदर्शन पर सभी की निगाहें रहेंगी।
Aila Bandagi
20 जुलाई, 2024 - 18:28 अपराह्न
वाह! हरशित ने असली मेहनत से अपनी जगह बनाई है। गौतम गंभीर का सपोर्ट भी बहुत बड़ा रहा होगा। ऐसे खिलाड़ी ही भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयां देते हैं।
Abhishek gautam
21 जुलाई, 2024 - 13:46 अपराह्न
अरे यार, ये सब बातें तो बहुत पुरानी हैं। किसी ने भी अभी तक ये नहीं सोचा कि गौतम गंभीर का असली योगदान क्या था? वो तो सिर्फ एक बड़ा बॉस था, जिसने एक बच्चे को अपने शोर में डाल दिया। राणा की क्षमता तो अपने अंदर थी, न कि किसी के वाक्यों में। ये सब मार्गदर्शन की बातें तो बस एक धोखा है जिससे लोग खुश रहते हैं।
Imran khan
22 जुलाई, 2024 - 20:52 अपराह्न
हरशित का ये सफर देखकर लगता है कि सच्ची मेहनत कभी बर्बाद नहीं होती। गंभीर ने उसे सिर्फ बोल नहीं, बल्कि भावनाओं में भी बदलाव लाया। ये बात बहुत कम लोग समझते हैं। खेल में तकनीक तो हर कोई सिखा सकता है, लेकिन मानसिकता बदलना तो एक अलग कला है।
Neelam Dadhwal
24 जुलाई, 2024 - 19:09 अपराह्न
अरे ये सब बहुत अच्छा लगा लेकिन क्या आपने देखा कि इस बच्चे को पहले टीम में शामिल करने से पहले उसकी गेंदबाजी कितनी खराब थी? अब जब वो चमक रहा है तो सब गौतम गंभीर का श्रेय दे रहे हैं। लेकिन अगर वो फेल होता तो क्या सब उसकी गलती मानते? ये सिस्टम तो बस लोगों को खुश रखने के लिए है।
vishal kumar
26 जुलाई, 2024 - 17:19 अपराह्न
सफलता का आधार मेहनत है। मार्गदर्शन एक सहायक तत्व है। यह घटना यह दर्शाती है कि व्यक्ति की अंतर्निहित क्षमता और बाहरी समर्थन का संयोजन कैसे असली परिणाम देता है।
Oviyaa Ilango
28 जुलाई, 2024 - 08:23 पूर्वाह्न
गंभीर ने बस कुछ कहा और वो बदल गया। इतनी आसानी से नहीं होता ये। इसके पीछे काम करने वाला सिस्टम देखना चाहिए।
Aditi Dhekle
29 जुलाई, 2024 - 15:00 अपराह्न
इस राणा का इकॉनमी रेट 5.54 है? ये तो अब टी20 के लिए अच्छा है लेकिन ODI में इतना कम रेट रखना बहुत दुर्लभ है। शायद उसकी बॉलिंग स्ट्रैटेजी में एक नया पैटर्न दिख रहा है। ये तो नए एग्रेसिव स्पिन गेंदबाज का फॉर्मेट है।
Aditya Tyagi
30 जुलाई, 2024 - 23:21 अपराह्न
अरे भाई ये सब तो बस लोगों को खुश करने के लिए है। गौतम गंभीर तो अब बस एक बड़ा बॉस बन गया है। लेकिन अगर ये लड़का अगर अपने घर के बाहर खेलता तो क्या कोई उसे देखता? ये सब बस एक बड़ा ब्रांडिंग है।
pradipa Amanta
31 जुलाई, 2024 - 01:33 पूर्वाह्न
हरशित राणा को चुना गया? अच्छा तो अर्जुन और सिराज कहां गए? ये टीम चुनने का तरीका तो बस भावनाओं पर आधारित है। गंभीर के दोस्त को चुनना तो बहुत आसान है।
chandra rizky
31 जुलाई, 2024 - 19:28 अपराह्न
वाह! बहुत अच्छी कहानी है। गंभीर ने बस एक बात कही और जीवन बदल गया। इस तरह के मार्गदर्शन की जरूरत है। 👍
Rohit Roshan
31 जुलाई, 2024 - 23:26 अपराह्न
हरशित ने अपने पिता और कोच का भी श्रेय दिया। ये बात बहुत प्यारी है। असली सफलता तो तब आती है जब आपके पास लोग हों जो आपके साथ खड़े रहें। 💪
arun surya teja
2 अगस्त, 2024 - 02:40 पूर्वाह्न
इस घटना से स्पष्ट है कि नेतृत्व और स्थिरता का संयोजन व्यक्ति के विकास में निर्णायक भूमिका निभाता है। गौतम गंभीर का योगदान इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
Jyotijeenu Jamdagni
3 अगस्त, 2024 - 06:26 पूर्वाह्न
गंभीर ने उसे बस ये कहा कि तू मैच जिताके आएगा। अरे भाई, ये तो एक बात नहीं बल्कि एक जादू का शब्द है। जैसे ही ये बात बोली गई, उसकी आत्मा में आग लग गई। ये बात तो बहुत बड़ी है।
navin srivastava
3 अगस्त, 2024 - 19:19 अपराह्न
हरशित राणा को चुना गया? अरे ये तो बस गौतम गंभीर के दोस्त है। अर्जुन और सिराज को तो बस बाहर रख दिया। ये भारतीय क्रिकेट का नया तरीका है। अब तो दोस्ती और रिश्ते ही चलते हैं।
Aravind Anna
5 अगस्त, 2024 - 12:16 अपराह्न
ये बच्चा तो असली गेंदबाज है भाई। गंभीर के बिना भी वो चमकता। लेकिन गंभीर ने उसे बाहर निकाल दिया। अब ये बात है कि भारतीय टीम में भी ऐसे लोगों को जगह मिले। जय हिन्द!
Rajendra Mahajan
6 अगस्त, 2024 - 07:13 पूर्वाह्न
मानसिकता का बदलाव ही सफलता का मूल है। गौतम गंभीर ने राणा को उसकी आत्मा के अंदर एक नया दरवाजा खोल दिया। ये बात तो बहुत गहरी है।
ANIL KUMAR THOTA
6 अगस्त, 2024 - 17:04 अपराह्न
गंभीर का योगदान बहुत बड़ा है। लेकिन राणा की मेहनत भी बहुत बड़ी है। दोनों का संयोजन ही सफलता का कारण है।
VIJAY KUMAR
7 अगस्त, 2024 - 10:54 पूर्वाह्न
अरे ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है। गंभीर ने तो बस एक बार बोला और अब वो बड़े बाप बन गए। अगर ये बच्चा अगर गौतम के बिना खेलता तो क्या वो कभी चुना जाता? ये सब तो बस एक बड़ी नाटक है। 😒🔥
Manohar Chakradhar
8 अगस्त, 2024 - 07:32 पूर्वाह्न
हरशित की बॉलिंग तो अब देखने लायक है। गंभीर ने उसे बस ये बोला कि तू मैच जिताके आएगा। और अब वो वनडे टीम में है। भाई, ये बात तो बहुत बड़ी है। अगर तुम्हारे पास कोई ऐसा मेंटर है तो उसे जरूर धन्यवाद दो।
Imran khan
8 अगस्त, 2024 - 10:04 पूर्वाह्न
गंभीर की बात ने उसकी आत्मा को छू ली। लेकिन अगर राणा खुद मेहनत नहीं करता तो ये बात कभी काम नहीं करती। ये तो दोनों का मिश्रण है।