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गाजा में चार बंधकों की मौत की पुष्टि: इजराइल ने जारी की जानकारी

गाजा में चार बंधकों की मौत की पुष्टि: इजराइल ने जारी की जानकारी

इजराइल और गाजा के बीच बढ़ते तनाव

इजराइल और हमास के बीच गहराते संघर्ष के दौरान गाजा में चार बंधकों की मौत की पुष्टि हुई है। इजराइली सेना ने यह जानकारी दी है कि नदाव पॉपलवेल (51), चाइम्म पेरी (79), योराम मेत्जर (80) और अमीराम कूपर (85) उन चार बंधकों में शामिल हैं, जिन्हें दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में एक इजराइली अभियान के दौरान मारा गया। इजराइल के इस अभियान के बाद उग्रवादी अभी भी इन बंधकों के शवों को पकड़े हुए हैं।

इजराइली सेना का बयान

इजराइली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने हाल ही में उपलब्ध खुफिया जानकारी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला। उन्होंने बताया कि यह आतंकवादी संस्था हमास द्वारा 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल पर किए गए हमले का परिणाम है, जिसमें लगभग 1,200 लोगों की मृत्यु हो गई और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया। तब से इजराइली सेना गाजा में हमास को समाप्त करने के लिए सैन्य अभियान चला रही है।

गाजा के भीतर हत्या और तबाही

गाजा के भीतर हत्या और तबाही

हमास शासित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार गाजा में इस सैन्य अभियान में अब तक कम से कम 36,470 लोग मारे जा चुके हैं। इस साल नवंबर में हुई एक सप्ताह की युद्धविराम के दौरान 105 नागरिकों को रिहा किया गया था, लेकिन करीब 120 बंधक अब भी लापता हैं और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

हमास के हमले और इसके परिणाम

हमास ने 7 अक्टूबर को इजराइल पर एक क्रॉस-बॉर्डर हमला किया था, जिसके बाद इजराइल ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए गाजा में एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया। इस हमले में इजराइल में भीषण हत्याएं हुईं और कई लोग बंधक बना लिए गए। यह संघर्ष तब से उग्र रूप धारण कर चुका है और इसमें हजारों निर्दोष लोग मारे गए हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

बंधकों का भविष्य

बंधकों का भविष्य

बंधकों के परिवार और अद्यतन जानकारी के अनुसार, इजराइल सरकार और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं उन लोगों की रिहाई की कोशिश कर रही हैं। इस संघर्ष में बंधकों की स्थिति पर चिंता बनी हुई है। इजराइल और हमास के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह घटनाएँ जारी हैं।

समाप्ति

फिलहाल इजराइल के गाजा में सैन्य अभियानों की संभावनाएँ और प्रभावित लोगों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस संघर्ष के बीच, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निगाहें इस पर टिकी हैं कि यह संघर्ष कैसे समाप्त होगा और बंधकों की स्थिति में क्या बदलाव आएगा।

निर्मल वर्मा

निर्मल वर्मा

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