दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार, GRAP-3 हटाया गया पर स्टेज 1 और 2 लागू

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दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार, GRAP-3 हटाया गया पर स्टेज 1 और 2 लागू

दिल्ली की हवा थोड़ी साफ हो रही है — लेकिन खुशी का अंदाज़ अभी नहीं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 26 नवंबर, 2025 को GRAP के स्टेज-3 के सभी प्रतिबंध हटा दिए, क्योंकि शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) तीन दिनों से लगातार सुधर रहा है। आज AQI 327 रहा, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है। लेकिन ये सुधार अस्थायी है। इम्डी और आईआईटी-मद्रास के अनुमान के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में AQI फिर से 'बहुत खराब' के स्तर पर रहेगा। इसलिए, स्टेज-1 और स्टेज-2 के प्रतिबंध — जिनमें निर्माण रोकना, धूल भरे वाहनों का चलाना और स्कूलों में हाइब्रिड पढ़ाई शामिल है — अभी भी लागू हैं।

क्यों लगाया गया था GRAP-3?

बस एक हफ्ते पहले, दिल्ली की हवा जहर बन चुकी थी। 13 दिसंबर, 2025 को सुबह 10 बजे AQI 401 तक पहुँच गया — यानी 'गंभीर' श्रेणी में। तब CAQM ने GRAP-3 लागू किया: बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों का दिल्ली और एनसीआर के कई शहरों में प्रवेश बंद, सभी निर्माण और खुदाई रोक दी गई, पत्थर के चूर्ण बनाने वाले इकाइयाँ बंद, और कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए स्कूल ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में चलाए गए। ये निर्णय उस समय लिया गया था जब शहर 24 दिनों तक 'बहुत खराब' या 'गंभीर' हवा में फंसा हुआ था।

लेकिन फिर एक चमत्कार हुआ। 10 दिसंबर को AQI 282 तक गिर गया — पहली बार नौ दिनों के बाद 'बहुत खराब' से नीचे। इसकी वजह थी तेज हवाएँ। मोहम्मद रफीउद्दीन, सीईईडब्ल्यू के प्रोग्राम लीड, बताते हैं: "हवाओं के कारण AQI 300 के ऊपर से 282 तक गिरा।" ये बहुत अच्छी खबर लगी — लेकिन अभी तक का अंत नहीं।

क्या चल रहा है अभी?

CAQM के अनुसार, अगर AQI 200 से ऊपर जाता है तो स्टेज-1 लागू होता है — जिसमें धूल भरे वाहनों को रोकना और सड़कों की सफाई शामिल है। 300 पर स्टेज-2 शुरू होता है: निर्माण रोकना, ऑफिसों को वर्क फ्रॉम होम के लिए प्रेरित करना, और स्कूलों में हाइब्रिड शिक्षा। 400 पर स्टेज-3 — जो अभी हटा दिया गया — और 450 पर स्टेज-4, जिसे अभी तक कभी नहीं लागू किया गया।

10 दिसंबर को एक डेटा रिपोर्ट ने बताया कि दिल्ली के प्रदूषण का 17.1% हिस्सा वाहनों से आता है। इसके बाद उद्योग 8.3% और घरेलू उपयोग 4.1%। ये आंकड़े बताते हैं कि शहर की हवा साफ करने के लिए सिर्फ निर्माण रोकना काफी नहीं। वाहनों की संख्या बढ़ रही है, और डीजल कारें अभी भी शहर के सड़कों पर भारी मात्रा में दिखाई देती हैं।

स्कूलों में क्या हुआ?

स्कूलों में क्या हुआ?

27 नवंबर को, CAQM ने GRAP-3 हटाने के बाद स्कूलों को पूरी तरह से ऑफलाइन पढ़ाई के लिए खोल दिया था। लेकिन अब फिर से खतरा। 13 दिसंबर को AQI 401 हो गया तो फिर से GRAP-3 लागू हुआ। लेकिन अब फिर से स्टेज-3 हटाया गया है — जबकि स्टेज-1 और 2 लागू हैं। यानी स्कूल अभी ऑफलाइन चल रहे हैं, लेकिन अगर AQI फिर से 400 के पार जाता है, तो बच्चों को फिर से घर भेजना पड़ सकता है।

माता-पिता के बीच चिंता बढ़ रही है। एक दिल्ली की माँ ने कहा: "हम बच्चों को बाहर भेज रहे हैं, लेकिन आंखों में जलन, खांसी, सांस लेने में तकलीफ — ये रोज़ हो रहा है। अब हम जानते हैं कि ये सिर्फ एक अस्थायी आराम है।"

अगला कदम क्या होगा?

CAQM के अधिकारियों ने कहा है कि वे अगले सात दिनों में हवा की गुणवत्ता को निगरानी करेंगे। अगर AQI फिर से 380 के पार जाता है, तो GRAP-3 फिर से लागू किया जा सकता है। इसके अलावा, एनसीआर के अन्य शहरों — गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद — में वाहनों के लिए अतिरिक्त प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं।

समस्या का मूल क्या है? बस वाहन नहीं, बल्कि बहुत सारे छोटे-छोटे कारण हैं। फसल के बाद खेतों में खरपतवार जलाना, ठोस अपशिष्ट का जलना, बिजली के प्लांट, और शहर की निर्माण गतिविधियाँ — सब एक साथ बर्बादी कर रहे हैं। और ये सब तब खराब हो जाता है जब हवा नहीं चलती।

क्या ये सुधार टिकेगा?

क्या ये सुधार टिकेगा?

अभी तक का सुधार तेज हवाओं का नतीजा है — न कि नीतियों का। जब हवा शांत होगी, तो धुंआ फिर से जमा हो जाएगा। एयर क्वालिटी एर्ली वॉर्निंग सिस्टम ने छह दिन का पूर्वानुमान दिया है: AQI फिर से 350-400 के बीच आएगा। यानी बहुत खराब से लेकर गंभीर तक।

वैज्ञानिकों का कहना है कि दिल्ली को एक लंबी अवधि की रणनीति चाहिए — जैसे बिजली के लिए गैस और सौर ऊर्जा पर जोर, दोहरी लाइन वाली सार्वजनिक बसों का विस्तार, और डीजल कारों को बदलने के लिए बड़ी सब्सिडी। लेकिन अभी तक सिर्फ अस्थायी उपाय ही हुए हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

GRAP-3 हटाने का मतलब क्या है?

GRAP-3 के प्रतिबंध हटाने का मतलब है कि अब बीएस-3 और बीएस-4 वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में चलाने की अनुमति है, निर्माण और खुदाई फिर से शुरू हो सकती है, और स्कूल ऑफलाइन पढ़ाई पर लौट गए हैं। लेकिन ये सिर्फ एक अस्थायी राहत है — AQI अभी भी 'बहुत खराब' है, और स्टेज-1 और 2 के प्रतिबंध लागू हैं।

दिल्ली के प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण क्या है?

2025 के डेटा के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण का 17.1% हिस्सा वाहनों से आता है — यानी एक में से लगभग छह बूंदें गाड़ियों की निकासी से आ रही हैं। इसके बाद उद्योग (8.3%) और घरेलू उपयोग (4.1%) हैं। लेकिन बाहरी स्रोत, जैसे हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फसल के बाद खरपतवार जलाना, शहर के प्रदूषण का 50% से अधिक हिस्सा बनाते हैं।

अगर AQI फिर से 400 पार कर जाए तो क्या होगा?

CAQM ने स्पष्ट किया है कि अगर AQI 400 के पार जाता है, तो GRAP-3 फिर से लागू किया जाएगा। इसका मतलब है कि बीएस-3/4 वाहनों का प्रवेश बंद हो जाएगा, सभी निर्माण रोक दिया जाएगा, और कक्षा 1-5 के बच्चों को फिर से ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भेजा जाएगा। ये निर्णय एक दिन में लिया जा सकता है।

क्या दिल्ली की हवा कभी साफ होगी?

हाँ, लेकिन इसके लिए सिर्फ अस्थायी उपाय काफी नहीं। वैज्ञानिकों के अनुसार, दिल्ली को अपने बिजली उत्पादन को सौर और गैस पर ले जाना होगा, बसों को बढ़ाना होगा, और शहर के आसपास के राज्यों के साथ मिलकर फसल के बाद जलाने को रोकना होगा। अभी तक कोई बड़ी नीति नहीं बनी — बस आपातकालीन उपाय चल रहे हैं।

क्या दिल्ली के लोगों को अभी भी घर में रहना चाहिए?

हाँ, खासकर बच्चे, बुजुर्ग और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोग। अभी AQI 327 है — जो बहुत खराब है। ये स्तर पर बाहर निकलने से आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है। अगर आपको बाहर जाना ही है, तो N95 मास्क जरूर पहनें।

CAQM का फैसला कितना प्रभावी है?

CAQM का फैसला तकनीकी रूप से सही है — वे डेटा के आधार पर काम कर रहे हैं। लेकिन उनकी नीतियाँ सिर्फ लक्षणों को दूर करती हैं, न कि मूल कारण। जब हवा चलती है, तो AQI गिरता है। जब नहीं चलती, तो फिर से बढ़ जाता है। ये एक बर्बादी का चक्र है — जिसे बदलने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति चाहिए।

1 टिप्पणि

aneet dhoka

aneet dhoka

14 दिसंबर, 2025 - 04:02 पूर्वाह्न

ये सब ठीक है लेकिन असली सच क्या है? ये सब बस एक धोखा है। जब हवा चलती है तो AQI गिरता है, जब नहीं चलती तो फिर से बढ़ जाता है। लेकिन ये कौन बताता है कि हवा क्यों नहीं चल रही? क्या आपने कभी सोचा कि दिल्ली के ऊपर एक विशालकाय जाल फैला हुआ है? एक ऐसा जाल जो धुंआ रोकता है और इसे हमारे सिर पर बैठा देता है? नासा या कोई और एजेंसी इसे छिपा रही है। ये सब एक बड़ा एजेंडा है - शहर को नियंत्रित करने का। आपको यकीन है कि ये वायु गुणवत्ता रिपोर्ट असली हैं? क्या आपने कभी डेटा की जांच की है? ये सब एक गूगल स्ट्रीट व्यू जैसा है - दिखावा।

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