जब दिल्ली ने 29 सितंबर 2024 को 38.1 °C तक की अधिकतम तापमान दर्ज की, तो शहर‑व्यापी गर्मी की लहर दो साल में सबसे ऊँचा स्तर छू गई। यह आंकड़ा पिछले दो सालों में सबसे गर्म सितंबर का नया रिकॉर्ड बन गया, जबकि न्यूनतम 28.2 °C की रात्रि‑तापमान ने पिछले छह सालों में सबसे गरम रात को चिन्हित किया। गर्मी के पीछे का कारण, जैसा कि इंडिया मीटिओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने बताया, दक्षिणपश्चिमी मानसून ( दक्षिणपश्चिमी मानसून) का 24 सितंबर को सबसे पहले हट जाना था – 2002 के बाद से सबसे जल्दी वापसी।
इतिहासिक पृष्ठभूमि: पिछले सालों के रिकॉर्ड
दिल्ली की सितंबर‑तापमान तालिका में 2023 एक खास मोड़ था। 5 सितंबर 2023 को सफ़दरजुंग में 40.1 °C का उच्चतम ताप दर्ज हो गया – 85 सालों में सबसे गरम सितंबर दिन। वह रिकॉर्ड उस समय के 1938 के 40.6 °C के करीब था। उस गर्मी को IMD ने भारी बरसात‑की‑कमी और कमजोर मानसून का कारण बताया था। अगस्त 2023 में 61 % वर्षा‑घाटा और सितंबर 2023 में पूर्ण बरसात‑रहित अवधि ने तापमान को असामान्य तौर पर बढ़ा दिया।
सितंबर 2024 के तापमान आँकड़े
- 29 सितंबर: अधिकतम 38.1 °C (सफ़दरजुंग), सामान्य से +3 °C
- 30 सितंबर (रात): न्यूनतम 28.2 °C, सामान्य से +5 °C, छह साल में सबसे गरम रात
- 30 सितंबर (दोपहर): अधिकतम 37.5 °C, सामान्य से +3 °C
- सफ़दरजुंग (स्थल) – इस साल पहले ही 28 °C से ऊपर न्यूनतम दर्ज हुआ
इन आँकड़ों की तुलना 2023 के सितम्बर‑डेटा से करना दिलचस्प है: 2023 में न्यूनतम 28.3 °C (9 सितंबर) और अधिकतम 40.1 °C (5 सितंबर) थे। 2024 का रिकॉर्ड‑पिछला आँकड़ा कम दिखता है, लेकिन जब हम रात‑तापमान में वृद्धि को देखते हैं तो यहाँ वास्तव में एक नई ख़तरा सामने आता है – रात‑बगैर ठंडी हो पाए तो लोग असहज हो जाते हैं, एसी‑भारी बिल, स्वास्थ्य‑समस्याएँ आदि।
पर्याप्त बरसात‑की कमी और मानसून का निकासी
रात‑तापमान के अत्यधिक बढ़ने का एक प्रमुख कारण था बादलों की कमी और नमी का उच्च स्तर। साफ़ आसमान ने दिन के समय सूर्य‑की‑ताप को तेज़ी से जमीन तक पहुँचाया, जबकि उच्च आर्द्रता ने रात को ठंडा होने में बाधा डाली। दक्षिणपश्चिमी मानसून, जो आमतौर पर 25‑30 सितंबर तक दिल्ली में बरसात लाता है, 24 सितंबर को ही पीछे हट गया। यह 2002 के बाद से सबसे जल्दी निकासी थी।
जैसे‑जैसे उत्तर‑पश्चिम भारत में सितम्बर 2024 में 42 % अधिक वर्षा हुई, दिल्ली‑एनसीआर में फिर भी बरसात‑के‑स्रोत नहीं पहुँचे। परिणामस्वरूप, ग्रिड में हवा का प्रवाह तेज़‑ईस्टरली (East) बन गया, जिससे थोड़‑बहुत ठंडक आई, लेकिन बरसात‑का‑सकीड नहीं मिला।
कोल्ड फ्रंट और अगले हफ्ते की भविष्यवाणी
आज के बाद क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (RMC) ने बताया कि 1‑2 अक्टूबर को तेज़ ईस्टर्न हवाएँ आएँगी, जिससे अधिकतम तापमान 4‑6 °C घटेगा और न्यूनतम 3‑4 °C तक गिर सकता है। मंगलवार‑बुधवार को बिखरी हुई बूँदाबांदी की संभावना बताई गई, जिससे अस्थायी राहत मिल सकती है।
वास्तव में, 2 अक्टूबर की सुबह दिल्ली‑एनसीआर पर हल्की बूंदा‑बांदी हुई और तापमान 35 °C तक गिरा। एसी‑उपयोग थोड़ा कम हुआ, लेकिन हवा में अभी भी 74 % सापेक्ष नमी बनी रही, जिससे हवा गरम महसूस होती रही। इस दौरान AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 8 सुबह के समय 114 पर दर्ज हुआ – ‘मध्यम’ श्रेणी, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार।
आगामी दिनों में क्लाउडी आकाश और हल्की बूँदाबांदी की अपेक्षा है, 5 अक्टूबर तक न्यूनतम तापमान 23 °C, अधिकतम 32 °C के आसपास रहने की संभावना है। यह गिरावट न केवल लोगों को राहत देगी, बल्कि ऊर्जा‑बिल पर भी असर डालेगी।
वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रभाव
दिल्ली में यह सितम्बर‑हीटवेव अकेला नहीं है। विश्व स्तर पर सितम्बर 2023 को सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया – औसत सतही तापमान 16.38 °C रहा। भारत ने अगस्त 2023 में सदी‑के‑सबसे गर्म औसत तापमान देखा, जिसमें वर्षा‑की‑कमी और कमजोर मानसून का बड़ा योगदान था। IMD ने एक बार फिर कहा: "सभी भारत में औसत अधिकतम तापमान अगस्त 2023 में 1901 से अब तक का सर्वाधिक रहा।" यह संकेत देता है कि हमें भविष्य में मौसमी‑विचलन का सामना अधिक बार करना पड़ेगा।
न्यू यॉर्क टाइम्स के एक क्लाइमेट विशेषज्ञ ने कहा कि तेज़‑गर्मियों का उद्भव न केवल जल‑संकट में बढ़ोतरी करेगा, बल्कि जलवायु‑संकट के व्यापक आर्थिक, स्वास्थ्य और सामाजिक प्रभाव भी लाएगा। दिल्ली‑एनसीआर में बढ़ती गर्मी से गर्म‑रोग, हाइपरथर्मिया और ऊर्जा‑प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव साफ़ दिख रहा है।
आगे क्या देखें?
डेटा से साफ़ है कि मानसून की अनियमितता, चाहे वह जल्दी हटना हो या देर से आना, तापमान के पैटर्न को पूरी तरह बदल देती है। अगले 12 महीनों में यदि इसी तरह के पैटर्न जारी रहे तो हमें और अधिक बुखार‑सत्र, जल‑की‑कमी और हवामान‑संबंधी आपदा की आशंका रहेगी। शहर के प्रशासन ने पहले ही जल‑संकट‑प्रबंधन योजना को अपडेट किया है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि दीर्घकालिक समाधान जल‑संकट‑निवास, हरित‑क्षेत्र‑विस्तार और ऊर्जा‑सुरक्षा को प्राथमिकता देना होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या इस गर्मी का असर दिल्ली के स्वास्थ्य पर पड़ा?
हिंसा‑जन्य बीमारियों की संख्या में वृद्धि हुई, खास तौर पर हाइपरथर्मिया और हृदय‑सम्बन्धी समस्याएँ। अस्पतालों में गर्म‑रोग की शिकायतें 15 % तक बढ़ी, विशेषकर वृद्ध लोगों में।
भविष्य में मानसून के परिवर्तन से क्या उम्मीद की जा सकती है?
वैग्यानिक मॉडल संकेत देते हैं कि दक्षिणपश्चिमी मानसून का औसत प्रवेश समय 2‑3 दिन देर हो सकता है, जबकि निकासी 5‑7 दिन पहले हो सकती है, जिससे गर्मी की अवधि लंबी होगी।
क्या एयर क्वालिटी में सुधार हुआ?
बारी‑बारी बरसात से PM2.5 में लगभग 12 µg/m³ की गिरावट आई, पर AQI अभी भी 100‑150 के बीच ‘मध्यम’ वर्ग में है, इसलिए सतर्क रहना आवश्यक है।
क्या अगले महीने के लिए कोई राहत की उम्मीद है?
RMC की रिपोर्ट के अनुसार, 2‑4 अक्टूबर तक बिखरी हुई हल्की बूँदाबाँदी और 4‑6 °C के तापमान में कमी अपेक्षित है, जिससे अस्थायी आराम मिलेगा।
यह घटना भारत के समग्र जलवायु परिवर्तन पर क्या संकेत देती है?
दिल्ली की इस गर्मी को ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव का स्थानीय उदाहरण माना जा रहा है। विश्व‑स्तर पर 2023‑2024 में दर्ज बेतहाशा गर्मी की लहरें दर्शाती हैं कि स्थायी जलवायु‑नीतियों की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है।
अभिषेख भदौरिया
3 अक्तूबर, 2025 - 06:14 पूर्वाह्न
दिल्ली की इस असामान्य गर्मी को देखते हुए संवेदनशीलता के साथ यह कहना उचित है कि हमारे स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी चाहिए। प्रत्येक नागरिक को पर्याप्त पानी सेवन और ठंडी जगह में आराम करना चाहिए। सामाजिक सहयोग के माध्यम से हम इस जलवायु तनाव को कम कर सकते हैं। आशा है कि प्रशासन जल्द ही ठंडक प्रदान करने वाले उपायों को लागू करेगा। अंत में, सभी को स्वस्थ रहने की शुभकामनाएँ।
Nathan Ryu
6 अक्तूबर, 2025 - 18:14 अपराह्न
ऐसी अनियंत्रित गर्मी को नजरअंदाज़ करना नैतिक रूप से अस्वीकार्य है। हमें अपने पर्यावरणीय जिम्मेदारियों का निर्वाह करना चाहिए।
Atul Zalavadiya
10 अक्तूबर, 2025 - 06:14 पूर्वाह्न
दिल्ली के सितम्बर‑हीटवेव की यह रिपोर्ट मात्र आँकड़ें नहीं, बल्कि एक चेतावनी है।
यदि हम इतनी आसानी से उच्चतम तापमान का नया रिकॉर्ड बनाते रहेंगे, तो सरदी‑बिना रातें सामान्य हो जाएँगी।
विज्ञान के अनुसार, दक्षिणपश्चिमी मानसून का समय‑सारिणी में बदलाव जलवायु परिवर्तन के सबसे स्पष्ट संकेतों में से एक है।
इस परिवर्तन का प्रत्यक्ष असर न केवल एसी के बिल में वृद्धि में बल्कि सामाजिक स्वास्थ्य में भी दिखता है।
उच्च आर्द्रता, जो रात के तापमान को स्थिर रखती है, वह बैक्टीरियल वृद्धि के लिए सुपुर्दगी प्रदान करती है।
इसलिए, हाइपरथर्मिया और हृदय‑सम्बन्धी रोगों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
ऐसे परिदृश्य में, शहर के प्रशासन को जल‑संकट‑प्रबंधन और हरित‑क्षेत्र‑विस्तार को प्राथमिकता देनी चाहिए।
हरित‑छत और शहरी पेड़ पौधे न केवल हवादार बनाते हैं, बल्कि तापमान को भी शीतलित करते हैं।
ऊर्जा‑सुरक्षा के संदर्भ में, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का विस्तार भी अनिवार्य हो जाता है।
स्थानीय स्तर पर, नागरिकों को अपने घरों में जल‑संकट‑निवास उपाय अपनाने चाहिए, जैसे पानी के टैंक का निर्माण।
साथ ही, एयर कंडीशनर के उपयोग को कम करने के लिए वैकल्पिक ठंडा करने के तरीके, जैसे पंखा और वैंटिलेशन, को अपनाया जा सकता है।
भविष्य में यदि इसी तरह के तापमान पैटर्न जारी रहता है, तो पूरे देश में जलवायु‑विरोधी नीतियों की आवश्यकता और भी बढ़ेगी।
अंतर्राष्ट्रीय जलवायु विशेषज्ञों ने पहले ही चेतावनी दी है कि 2030 तक गर्मी‑लहरों की आवृत्ति दोगुनी हो सकती है।
इसलिए, राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु‑नीति में जलवायु‑सहानुभूति को प्रतिबिंबित करना आवश्यक है।
समुदायिक स्तर पर, जल‑संरक्षण और जागरूकता कार्यक्रमों को सुदृढ़ किया जाना चाहिए।
अंततः, यह हमारा कर्तव्य है कि हम भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक रहने योग्य वातावरण सुनिश्चित करें।
Amol Rane
13 अक्तूबर, 2025 - 18:14 अपराह्न
यह विश्लेषण अत्यंत सतही है।
Venkatesh nayak
17 अक्तूबर, 2025 - 06:14 पूर्वाह्न
बहुत ही उथला विश्लेषण 😒
rao saddam
20 अक्तूबर, 2025 - 18:14 अपराह्न
भाईयों और बहनों, इस गर्मी में एसी का जड़ता को तोड़ो!!! हमें जल बचत के साथ-साथ ऊर्जा बचत भी करनी चाहिए!!! चलो, हर घर में पंखे का उपयोग बढ़ाएं और रात में खिड़कियाँ खोलें!!!
Prince Fajardo
24 अक्तूबर, 2025 - 06:14 पूर्वाह्न
वाओ, दिल्ली की गर्मी ने फिर से इतिहास बना दिया, जैसे हर साल 'सूरज की पार्टी' हो रही हो, क्या मज़ा है! 🙄
Ira Indeikina
27 अक्तूबर, 2025 - 18:14 अपराह्न
सच्चाई यह है कि हम अपनी अनदेखी से खुद को जलवायु की जंजीरों में बाँध रहे हैं। लेकिन यदि हम मिलकर कार्रवाई करें तो यह बंधन तोड़ सकते हैं। चलिए, इस मामले में एक-दूसरे का समर्थन करें।
Shashikiran R
31 अक्तूबर, 2025 - 06:14 पूर्वाह्न
इहें देखो, हमे इस तरह की जलवायू बदलाव को इग्नोर नही कर सकत। हर बन्दा अपनी जिम्मेवारी ले।
SURAJ ASHISH
3 नवंबर, 2025 - 18:14 अपराह्न
विश्लेषण में गहराई की कमी है
PARVINDER DHILLON
7 नवंबर, 2025 - 06:14 पूर्वाह्न
शांति से बात करो, सभी मिलकर समाधान निकाल सकते हैं 😊🌍
Nilanjan Banerjee
10 नवंबर, 2025 - 18:14 अपराह्न
इतनी तीव्र गर्मी को नज़रअंदाज़ करना मानो सर्वनाश के पतन की ओर संकेत हो। हमारे कदम अब ही निर्णायक होने चाहिए, अन्यथा भविष्य में अंधकारमय स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
sri surahno
14 नवंबर, 2025 - 06:14 पूर्वाह्न
सरकार की यह रिपोर्ट वास्तव में छुपी हुई योजना का हिस्सा है, जिससे जनता को सतत असुविधा में रखा जाए; इस युग में हमें हर सरकारी आंकड़े को सवाल के दायरे में लेना चाहिए।
Varun Kumar
17 नवंबर, 2025 - 18:14 अपराह्न
देश की धरोहर बचाने के लिए हमें इस गर्मी से लड़ना होगा।