दिल्लीत लगातार बढ़ रही संगठित अपराध की घटनाएं एक बार फिर सामने आई हैं। प्रगति मैदान टनल के पास इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट कारोबारी के साथ जो नाकाम लूट का मामला हुआ, उसमें दो और आरोपी गिरफ्त में आए हैं। पुलिस के मुताबिक, यह पूरी साजिश एक अंदर के आदमी ने रची थी, जिससे सवाल उठते हैं कि बड़े बाजारों में कारोबारियों की सुरक्षा कितनी कमजोर है।
मामला 2 मई, 2025 का है, जब चांदनी चौक के तिलक बाजार में परफ्यूम बिज़नेस करने वाले कारोबारी 5 लाख रुपये लेकर जा रहे थे। इसी बीच, बाइक सवार चार युवकों ने टनल में उनका रास्ता रोका। पैसों की लूटपाट के दौरान एक बदमाश ने फायरिंग कर दी, जिससे कारोबारी के पेट में गोली लगी। वो किसी तरह बच निकले और इस वक्त इलाज करा रहे हैं।
जांच में चौंकाने वाला सच सामने आया—इस लूट की योजना पीड़ित व्यापारी की अपनी दुकान के कर्मचारी, प्रशांत उर्फ गोविंद, ने बनाई थी। उसने पीड़ित के आने–जाने और पैसों की जानकारी एक नाबालिग लड़के को दी, जिसने आगे इस प्लान में सहिल मलिक और शिवम भदौरिया को जोड़ लिया।
गोविंद और नाबालिग को घटना के कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने दबोच लिया था। मगर गिरोह के बाकी सदस्य पुलिस की पकड़ से बाहर थे। इसके बाद 7 मई को पुलिस को इनपुट मिला कि सहिल और शिवम एक और वारदात की फिराक में हैं। सरोजिनी नगर में पुलिस ने जाल बिछाकर इन दोनों को धर दबोचा। इनके पास एक सेमी-ऑटोमेटिक पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस बरामद हुए।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि शिवम भदौरिया साल 2023 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हुआ है, जबकि सहिल मलिक नौकरी के साथ–साथ बाउंसर की पार्ट टाइम जॉब करता था। इन दोनों ने कबूला कि उन्होंने कारोबारी लूट की साजिश में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
दिल्ली में ऐसे मामलों की बढ़ती घटनाएं सरकार और पुलिस के लिए चुनौती बन चुकी हैं, खासकर जब अंदर के लोग जानकारी लीक करके गैंग को मदद करते हैं। यह केस साफ बताता है कि बड़े कारोबारों में, जहां हजा़रों–लाखों रुपये रोजाना घूमते हैं, वहां हाई-प्रोफाइल लूट की योजनाएं बनना अब आम है।