कांग्रेस की नई पहल: राज्यत्व की मांग को तेज़ किया
कांग्रेस ने अब वही कदम उठाया है जो कई सालों से उसकी नीति में था – झमझमाते जम्मू और कश्मीर में राज्यत्व की तत्काल बहाली की माँग। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे, जो रज्य सभा में विपक्ष के नेता हैं, और लोक सभा में राहुल गांधी ने 16 जुलाई 2025 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को एक संयुक्त पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने बताया कि संसद के मोनसून सत्र (21 जुलाई‑12 अगस्त) के दौरान इस मुद्दे पर विधि‑परिपूर्णता लाना सरकार की जिम्मेदारी है।
पत्र में कहा गया कि नागरिकों की यह मांग न केवल वैध है, बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 2, 3 और 4 के तहत पूरी तरह से समर्थित भी है। कांग्रेस ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस मुद्दे को राजनीतिक टकराव की सतह पर नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के माध्यम से सुलझाना चाहिए।
राजनीतिक प्रतिपक्ष और केंद्र के बीच तनाव
जमीन की बात करूँ तो जम्मू‑कश्मीर के वर्तमान मुख्यमंत्री, ओमर अब्दुल्ला ने भाजपा पर राज्यत्व दूर करने में शर्तिया देरी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि भाजपा ने यह तब से रोक रखा है जब उसे राज्य में चुनाव जीत नहीं मिली। "सिर्फ़ इसलिए लोगों को राज्यत्व से वंचित नहीं किया जा सकता कि कोई पार्टी सत्ता में नहीं है," उन्होंने कहा। इस पर कई स्थानीय कमेटियों, शिनगर और अनंतनगर की राजनीतिक इकाइयों ने कांग्रेस के साथ मिलकर इस मांग को समर्थन दिया।
उसके बाद से इस मुद्दे पर बहस फिर से जल उठी है। 5 अगस्त 2025 को जब भारत ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया, तो जम्मू‑कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। अब छह साल बीत चुके हैं, और विभिन्न स्तरों पर यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह परिवर्तन अस्थायी था या हमेशा के लिए? सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को देखा है, जहाँ एक तीन‑स्टेप प्रक्रिया – सीमांकन, चुनाव और फिर राज्यत्व की बहाली – को लेकर कई प्रश्न उठे हैं।
कांग्रेस के इस कदम को कुछ मीडिया विश्लेषकों ने मौजूदा सरकार की नीतियों के प्रति जवाबी कार्रवाई कहा है, जबकि अन्य ने इसे जनता की असंतुष्टि को दर्शाने वाला कदम बताया। जो भी हो, मोनसून सत्र में इस पर बहस होने की संभावना अब बहुत अधिक है। यदि सरकार इस विषय को गंभीरता से लेती है, तो अगले साल में एक नया विधान पास हो सकता है, जो जम्मू‑कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दे सकता है।
Jitender j Jitender
27 सितंबर, 2025 - 20:15 अपराह्न
राज्यत्व वापसी का मुद्दा सिर्फ़ कानूनी नहीं बल्कि सामाजिक समाहार का भी है। अनुच्छेद 370 का निरसन एक राजनीतिक फैसला था, लेकिन लोगों की भावनाएँ उससे अलग हैं। लोकतंत्र का मतलब है आवाज़ सुनना, न कि बंद करना। अगर संविधान के तहत ये संभव है, तो इसे रोकने का कोई नैतिक आधार नहीं।
Jitendra Singh
28 सितंबर, 2025 - 05:20 पूर्वाह्न
कांग्रेस का ये नाटक तो पुराना हो चुका है। राज्यत्व की बात करने वाले खुद जब सत्ता में थे तो क्या किया? अनुच्छेद 370 को बरकरार रखकर वो अलगाववादी बलों को बल दे रहे थे। ये सब चुनावी चाल है, न कि राष्ट्रीय हित।
VENKATESAN.J VENKAT
30 सितंबर, 2025 - 05:19 पूर्वाह्न
क्या आप जानते हैं कि जम्मू-कश्मीर का राज्यत्व वापसी भारत की संप्रभुता के खिलाफ एक खतरा है? एक बार राज्यत्व मिल गया तो अब ये अलगाववादी बल फिर से जाग उठेंगे। ये नहीं समझते कि अब भारत एक अलग देश है।
Amiya Ranjan
1 अक्तूबर, 2025 - 07:33 पूर्वाह्न
अगर राज्यत्व वापसी की बात है तो पहले शांति और सुरक्षा का ध्यान रखो। लोग अभी भी डर रहे हैं। नए नियम बनाने से पहले बुनियादी ज़रूरतें पूरी करो।
vamsi Krishna
1 अक्तूबर, 2025 - 22:10 अपराह्न
yrr ye sab kya chal rha h? 370 hataya toh phir ab wapas kyu karna? sab kuchh bhaad me jaye
Narendra chourasia
2 अक्तूबर, 2025 - 09:59 पूर्वाह्न
कांग्रेस बस अपने राजनीतिक अपशिष्ट को फिर से जिंदा करने की कोशिश कर रही है! इसके लिए वो किसी भी झूठ को बोल देंगे! जम्मू-कश्मीर में अब कोई राज्यत्व की जरूरत नहीं! अब तो वहाँ बस विकास हो रहा है! आप लोग इसे बर्बाद करना चाहते हैं!
Mohit Parjapat
4 अक्तूबर, 2025 - 09:52 पूर्वाह्न
राज्यत्व वापसी? अरे भाई, ये तो अब जम्मू-कश्मीर का गोल्डन गेट है! जब तक ये नहीं बदला, तब तक ये देश का दर्द है! अब तो ये एक नया भारत है, जहाँ राज्य नहीं, बल्कि राष्ट्र का नाम है! 🇮🇳🔥
Sumit singh
6 अक्तूबर, 2025 - 09:41 पूर्वाह्न
कांग्रेस का ये फुल्ल नाटक है। जब वो सत्ता में थे, तो इसी तरह की बातें करते थे, लेकिन कुछ नहीं किया। अब चुनाव के बारे में सोच रहे हैं। ये सब दिखावा है।
fathima muskan
7 अक्तूबर, 2025 - 01:25 पूर्वाह्न
क्या आपको पता है कि ये सब किसके लिए हो रहा है? अमेरिका के लिए। वो चाहते हैं कि भारत अंदर से टूटे। राज्यत्व वापसी का ये अभियान उनकी रणनीति का हिस्सा है। ये सब बाहर से नियंत्रित है।
Devi Trias
8 अक्तूबर, 2025 - 15:46 अपराह्न
अनुच्छेद 2, 3 और 4 के तहत संसद के द्वारा राज्य के गठन या पुनर्गठन की शक्ति विधायिका को प्राप्त है। इसलिए, राज्यत्व की बहाली एक संवैधानिक प्रक्रिया है जिसे न्यायालय द्वारा भी स्वीकार किया जा सकता है। इसके लिए विधेयक पेश किया जाना चाहिए और दोनों सदनों में अधिकांश मतों से पारित किया जाना चाहिए।
Kiran Meher
8 अक्तूबर, 2025 - 21:00 अपराह्न
ये सिर्फ़ एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। अगर सरकार वास्तविक रूप से शांति चाहती है, तो ये कदम उठाना ही सही है। लोगों की आवाज़ सुनो। विकास और शांति के लिए राज्यत्व ज़रूरी है। हम सब मिलकर इसे संभाल सकते हैं।
Tejas Bhosale
10 अक्तूबर, 2025 - 15:10 अपराह्न
राज्यत्व का मुद्दा एक नैतिक और राजनीतिक अंतर है। जब तक आप लोग इसे एक जनादेश के रूप में नहीं समझेंगे, तब तक ये बहस चलती रहेगी। आप नहीं समझ रहे कि ये बस एक शब्द नहीं, बल्कि एक अनुभव है।
Asish Barman
10 अक्तूबर, 2025 - 15:23 अपराह्न
yeh sab kya hai? 370 hata diya toh phir wapas kyu karna? ab toh sab kuchh theek hai. koi kyu karega yeh sab?
Abhishek Sarkar
10 अक्तूबर, 2025 - 23:43 अपराह्न
इस बात को समझने की कोशिश करो कि जम्मू-कश्मीर का राज्यत्व वापसी एक विशाल राष्ट्रीय खतरा है। ये एक नियोजित योजना है जिसका उद्देश्य भारत को विभाजित करना है। ये अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद भी बहस करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वो जानते हैं कि ये अस्थायी है। लेकिन हम उनके इस षड्यंत्र को नहीं देखेंगे।
Niharika Malhotra
12 अक्तूबर, 2025 - 17:25 अपराह्न
यह एक अवसर है कि हम अपने देश को फिर से एकत्रित करें। राज्यत्व वापसी केवल एक कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि एक नैतिक वादा है। यह उन लोगों के लिए है जिन्होंने अपनी आत्मा और संस्कृति के साथ भारत के साथ जुड़े रहने का फैसला किया। यह एक शांति का अवसर है।
Baldev Patwari
14 अक्तूबर, 2025 - 09:59 पूर्वाह्न
yeh sab fake hai. koi kyu karega yeh sab? sab kuchh theek hai. kuchh nahi karna chahiye. bas chup rehna chahiye.
harshita kumari
15 अक्तूबर, 2025 - 01:48 पूर्वाह्न
ये राज्यत्व की बात तो बस एक फंदा है। अगर ये वापस आ गया तो अगले ही साल एक नया आतंकवादी बल जाग उठेगा। और फिर वो कहेंगे कि सरकार ने इसे बर्बाद कर दिया। ये सब एक बड़ा खेल है।
SIVA K P
16 अक्तूबर, 2025 - 22:16 अपराह्न
तुम लोग इतना बड़ा झूठ क्यों बोल रहे हो? जम्मू-कश्मीर में अब शांति है, विकास है, और तुम इसे बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हो? तुम अपने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों की भावनाओं का दुरुपयोग कर रहे हो। बस रुक जाओ।