जब प्रभास, अभिनेता ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा ‘TheRajaSaab की दुनिया में कदम रखिए… ट्रेलर 29 सितंबर को’, तो फ़्लशिंग फैंस की धड़कनें तुरंत तेज़ हो गईं। यह वही दिन था – 29 सितंबर 2025, शाम 6 बजे – जब फिल्म का आधिकारिक ट्रेलर रिलीज़ऑनलाइन (इंस्टाग्राम) हुआ, और इस साथ‑साथ संजय दत्त, अभिनेता‑विलेन का नया पोस्टर भी सामने आया।
ट्रेलर रिलीज़ का विवरण
ट्रेलर में खंडहर हवेली की बिखरी हुई दीवारें, थर‑थराती आवाज़ें और राजसी गलियों की झलक मिलती है। एक अंदाज़ा तो लगा ही दो – यह हॉरर‑कॉमेडी नहीं, बल्कि ‘भय‑हास्य’ का मिश्रण होगा। ट्रेलर में निधि अग्रवाल की आँखों में एक अजीब सी चमक है, जो दर्शकों को तुरंत जल्दी-जल्दी बुकिंग करने पर मजबूर कर देती है। वह खुद भी अपने ट्विटर‑जैसे (अब X) हैंडल पर लिखी: "आज कुछ ऐसा देखा, दिमाग चकरा गया, इंतज़ार है।"
फिल्म की कहानी और कलाकारों की भूमिका
‘द राजा साब’ की कहानी एक खंडहर हवेली के ‘खुफिया राज’ पर आधारित है। इसमें संजय दत्त एक दुष्ट विरासत‑विजेता के रूप में आएंगे, जो प्राचीन खजाने की खोज में भटकता है। दूसरी ओर, मालविका मोहनन लीड एक्ट्रेस के रूप में फिल्म में चमकेंगी, जहाँ वह एक जिज्ञासु अन्वेषक की भूमिका निभाएगी। और इस बेतुकी, लेकिन दिलचस्प मिश्रण को साकार करने की जिम्मेदारी लेकर आए हैं मारुती, निवेशन निर्देशक, जो पहले ‘सलाम इंडिया’ और ‘पांखी’ जैसी बॉक्स‑ऑफ़िस हिट्स के पीछे थे।
मारुती की निर्देशन शैली और पूर्व फिल्में
मारुती को मिडिल‑फिल्म मार्केट में ‘विचित्र कॉमेडी’ और ‘अपरिचित जॉनर ब्लेंड’ के लिए सराहा जाता है। 2018‑19 में उन्होंने ‘अन्धा’ को प्रयोगात्मक ध्वनि‑डिज़ाइन के साथ प्रस्तुत किया, जो आज भी फ़िल्म‑सेक्टर में केस‑स्टडी बन चुकी है। ‘द राजा साब’ में वह अभी‑तक की सबसे बड़ी चुनौती ले रहे हैं – हॉरर को कॉमेडी के साथ संतुलित करना। उनके अनुसार, “भय और हँसी दोनों को एक ही फ्रेम में लाने से दर्शक दो मौड में जूझेंगे, और यही असली थ्रिल है।”
निर्माता और प्रोडक्शन की पृष्ठभूमि
फ़िल्म का प्रोडक्शन पीपल मीडिया फ़ैक्टरी द्वारा किया जा रहा है, और इसका मुख्य वित्तीय सहयोगी है विश्वप्रसाद टी.जी., जो पिछले पाँच वर्षों में पाँच बड़ी दक्षिणी फ़िल्मों को सफलतापूर्वक लॉन्च कर चुके हैं। उनका कहना है, “हमने इस प्रोजेक्ट में तकनीकी उन्नति और पारम्परिक कहानी‑कहानी को बराबर स्थान दिया है।” रिपोर्ट के अनुसार, इस फ़िल्म में कुल बजट लगभग ₹१५ करोड़ बताया जा रहा है, जिसमे ५० % से अधिक खर्च़ VFX और सेट‑डिज़ाइन पर गया है।
रिलीज़ डेट की कहानी और भविष्य की योजना
‘द राजा साब’ की रिलीज़ डेट कई बार टाली गई थी। मूल रूप से यह 15 दिसंबर 2024 को आने वाला था, पर महामारी‑उपचार के बाद पोस्ट‑प्रोडक्शन में देरी के कारण इसे दो बार आगे धकेला गया। अब अंतिम घोषणा के अनुसार, फ़िल्म 9 जनवरी 2026 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। इस तारीख का चयन इसलिए भी किया गया क्योंकि जनवरी में पहाड़ी क्षेत्रों में दर्शकों की फ़िल्मी भीड़ कम रहती है, जिससे ‘हॉरर‑कॉमेडी’ जैसी निचली शैली को लाभ मिल सके।
उद्योग विशेषज्ञों की राय
फ़िल्म क्रिटिक आर्यन वर्मा ने कहा, “प्रभास का स्टार‑पावर और संजय दत्त की वैरिटी इस फ़िल्म को दर्शकों की टेबल पर आने का गारंटीक़ देती है। यदि मारुती का नॉन‑लाइनर स्क्रिप्ट सफल रहता है, तो यह बॉक्स‑ऑफ़िस पर अकल्पित रिवर्सी बना सकता है।” दूसरी ओर, ट्रेड एनालिस्ट सीमा राव ने यह बताया कि “जाने‑माने कलाकारों के साथ छोटे‑बजेट हॉरर‑कॉमेडी ने पिछले दो वर्षों में औसतन 30 % अधिक ROI दर्शाया है।” यही कारण है कि निवेशक इस प्रोजेक्ट को जोखिम‑रहित मान रहे हैं।
की फ़ैक्ट्स
- ट्रेलर लॉन्च: 29 सितंबर 2025, शाम 6 बजे (ऑनलाइन)
- फ़िल्म रिलीज़: 9 जनवरी 2026, भारत के सभी मुख्य सिनेमा हॉल्स में
- निर्देशक: मारुती, पूर्व में ‘सलाम इंडिया’, ‘पांखी’ के निर्देशक
- मुख्य कलाकार: प्रभास, संजय दत्त, मालविका मोहनन, निधि अग्रवाल
- प्रोड्यूसर: विश्वप्रसाद टी.जी., पीपल मीडिया फ़ैक्टरी
- बजट: अनुमानित ₹१५ करोड़, जिसमें ५० % VFX पर खर्च
Frequently Asked Questions
फ़िल्म का मुख्य जेनर क्या है?
‘द राजा साब’ को हॉरर‑कॉमेडी कहा जा रहा है, जहाँ डरावनी कहानी को हल्के‑फुल्के संवाद और कॉमेडी टच से पेश किया गया है। यह मिश्रण भारतीय दर्शकों के बीच नया नहीं है, पर मारुती की दिशा‑निर्देशन इसे और विशेष बनाता है।
क्यों रिलीज़ डेट कई बार टाली गई?
प्राथमिक योजना 2024 की थी, पर पोस्ट‑प्रोडक्शन में VFX की जटिलता और कुछ शेड्यूलिंग संघर्षों ने दो बार देरी का कारण बना। अंततः निर्माताओं ने बजट नियंत्रण और मार्केट‑टाईम को ध्यान में रख कर जनवरी 2026 तय किया।
संजय दत्त की भूमिका में क्या खास है?
संजय दत्त को इस फ़िल्म में एक ‘विलेन‑हेरो’ के रूप में दिखाया गया है, जो खंडहर हवेली के राज़ों को खोदने की कोशिश करता है। उनका अँधेरा प्रोफ़ाइल और तेज़ डायलॉग्स फिल्म को अतिरिक्त ड्रामे का स्पर्श देते हैं।
प्रभास ने इस प्रोजेक्ट को चुनने का कारण क्या बताया?
प्रभास ने अपने इंस्टा कैप्शन में कहा, “एक नई कहानी, नई जेनर की चुनौती, और एक ऐसे सेट पर काम करना जहाँ हर कोने में रहस्य छुपा है।” उन्होंने यह भी बताया कि वह हॉरर‑कॉमेडी में पहले नहीं आए हैं, इसलिए यह उनके करियर में एक नया अध्याय होगा।
क्या इस फिल्म से भारतीय बॉक्स‑ऑफ़िस पर कोई नया रुझान बनेगा?
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर ‘द राजा साब’ सही‑समय पर रिलीज़ हुई और मार्केटिंग ठीक रही, तो यह छोटे‑बजट हॉरर‑कॉमेडी की सफलता को और मजबूती देगा। इससे फिर से मध्य‑बजट प्रॉजेक्ट्स में निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।
fatima blakemore
30 सितंबर, 2025 - 19:57 अपराह्न
भाई, ‘द राजा साब’ का ट्रेलर देखके लगा कि हॉरर और कॉमेडी का सूफ़ी मिश्रण है। धुंधली हवेली, अजीब आवाज़ें, और निधि की चमकती आँखें को देख के दिल धड़के। फिल्म का बजट भारी है, VFX में आधा पैसा लगा है, तो उम्मीद है विजुअल शानदार होंगे। अगर प्री‑डिस्ट्रेसिंग सीन के साथ हलके‑फुलके डायलॉग भी हों तो पॉपकॉर्न साथ में लाओगे तो मज़ा दोगुना। तो भाई लोग, ट्रेलर में ही फैंस की धड़कनें तेज़ हो गईं, बाकी देखते देखेंगे।
Govind Kumar
4 अक्तूबर, 2025 - 14:37 अपराह्न
सम्पूर्ण रूप से विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट हो जाता है कि इस प्रोजेक्ट की नियोजित रिलीज़ तिथि रणनीतिक रूप से चुनी गई है। जनवरी में दर्शकों की अनुक्रमणिका कम होने से बॉक्स‑ऑफ़िस पर सकारात्मक असर पड़ेगा। मारुती की शैली में मिश्रित जेनर को संतुलित करने की चुनौती उल्लेखनीय है, पर उनके पिछले कार्यों से यह विश्वास मिलता है कि वह इसे सफलतापूर्वक अंजाम देंगे। बजट का आधा हिस्सा VFX पर खर्च होना तकनीकी उन्नति को दर्शाता है। अतः उम्मीद है कि फिल्म व्यावसायिक और कलात्मक दोनों स्तरों पर संतोषजनक होगी।
Shubham Abhang
8 अक्तूबर, 2025 - 09:17 पूर्वाह्न
वह, ट्रेलर देख कर... क्या कहा जाए? बहुत ही जटिल, पर कभी‑कभी अजीब लगता है,, निर्देशकों ने शायद बहुत ज़्यादा प्रयोग किया है;; वीज़ुअल इफेक्ट्स में तो पैंतीस प्रतिशत भी बोनस जैसा लग रहा है। लेकिन, संजय दत्त के किरदार में कुछ रीफ्रेश चाहिए!! कहानी के चक्रव्यूह में थोड़ा बिखराव भी है।
Trupti Jain
12 अक्तूबर, 2025 - 03:57 पूर्वाह्न
वाह! इस फिल्म के बारे में पढ़के लगा जैसे कोई रंगीन पेंटिंग देखी हो। 'भय‑हास्य' का टॉपिक ऐज कमाल है। निर्देशक मारुती का अंदाज़... रुचिकर! बस, फैंस के लिए एक ही बात – ‘पॉपकॉर्न लेके बैठ जा।’
deepika balodi
15 अक्तूबर, 2025 - 22:37 अपराह्न
ट्रेलर में हवेली का माहौल बड़ा दिलचस्प दिख रहा है। निधि की आँखों में चमक खास है। संजय दत्त का दुष्ट स्पिन भी आकर्षक लगता है।
Priya Patil
19 अक्तूबर, 2025 - 17:17 अपराह्न
बिलकुल, तुम्हारी बात सही है। इस तरह के मिश्रण को हासिल करने के लिए निर्देशक को बहुत सोचना पड़ता है, और वो भी सही दिशा में। पर यही बात इसे एक खास पहचान देती है, जिससे दर्शकों को नई ताज़गी मिलेगी। आशा है कि फिल्म में सस्पेंस और कॉमेडी दोनों बराबर मात्रा में होंगी, जिससे हर सीन में एक नया रंग उभरेगा।
Rashi Jaiswal
23 अक्तूबर, 2025 - 11:57 पूर्वाह्न
ट्रेलर देखी और दिल दहल गया!
Maneesh Rajput Thakur
27 अक्तूबर, 2025 - 05:37 पूर्वाह्न
भाई, इस हॉरर‑कॉमेडी में शायद छुपी कोई बड़ी साजिश है-विज़ुअल इफेक्ट्स के पीछे एक गुप्त एजेन्डा हो सकता है। जैसा कि कभी‑कभी बड़े बजट की फ़िल्में प्रोजेक्टेड एआई प्रयोग को कवर करती हैं, तो इस बार भी कुछ नॉन‑पब्लिक डेटा इस्तेमाल हुआ हो सकता है। यही कारण हो सकता है कि ट्रेलर में कुछ फ्रेम अत्यधिक हाई‑रेज़ोल्यूशन हैं, जो साधारण कैमरा से नहीं मिले।
Himanshu Sanduja
31 अक्तूबर, 2025 - 00:17 पूर्वाह्न
मैं देख रहा हूँ कि सब लोग इस जेनर के मिश्रण को लेकर उत्साहित हैं। फैंस की प्रतिक्रियाएँ बहुत ही सकारात्मक लग रही हैं, और ट्रेलर भी काफी प्रॉमिसिंग दिखता है। यदि निर्देशक मारुती ने सफलतापूर्वक डर और हँसी को संतुलित किया तो यह एक नई लहर बना सकता है।
Kiran Singh
3 नवंबर, 2025 - 18:57 अपराह्न
सही कहा! 🎬✨ ट्रेलर में जो ऊर्जा है, वही तो हमें स्क्रीन पर देखने को मिलना चाहिए। आशा है रिलीज़ पर पॉपकॉर्न के साथ मज़ा आएगा! 😊
Balaji Srinivasan
7 नवंबर, 2025 - 13:37 अपराह्न
बिल्कुल, ट्रेलर ने रोचक घटकों को एक साथ बुन दिया है। अगर फिल्म में कहानी का सुदृढ़ बुनावट रहता है तो यह कामयाब होगी।
Vibhor Jain
11 नवंबर, 2025 - 08:17 पूर्वाह्न
फिल्म की घोषणा सुनकर लगा जैसे किसी ने वही पुरानी फॉर्मूला दोहराया हो, बस नाम बदल दिया। मार्केटिंग की बातें सुनके तो लोग दे दियेगा, पर कंटेंट देखिए तो आराम से देखेंगे।
Rashi Nirmaan
15 नवंबर, 2025 - 02:57 पूर्वाह्न
वर्तमान में हमारे देश की सिनेमा उद्योग को ऐसी नई प्रयोगात्मक फिल्मों की बहुत जरूरत है। राष्ट्रीय अभिमान को बढ़ावा देने हेतु इस प्रकार के प्रोजेक्ट्स को सबसे अधिक समर्थन मिलना चाहिए।
Ashutosh Kumar Gupta
18 नवंबर, 2025 - 21:37 अपराह्न
ट्रेलर देख के तो मेरे अंदर नाटकीय उत्साह की लहर दौड़ गई! लेकिन भूलिएगा नहीं कि कलाकारों की एक्टिंग और सिनेमैटिक टोन दोनों को संभालना पड़ेगा, नहीं तो सब कुछ फजूल में रहेगा।
vikash kumar
22 नवंबर, 2025 - 16:17 अपराह्न
मुझे यह उल्लेखनीय लगता है कि निर्माता ने बजट का अर्धांश VFX पर आवंटित किया है, जिससे तकनीकी विशिष्टता की अपेक्षा की जा सकती है। यह पहल, यदि सटीक रूप से लागू की जाए, तो भारतीय सिनेमा में एक नया मानक स्थापित कर सकती है।
Anurag Narayan Rai
26 नवंबर, 2025 - 10:57 पूर्वाह्न
‘द राजा साब’ की घोषणा सुनते ही मेरे दिमाग में कई प्रश्न उठते हैं, और मैं उन्हें क्रमबद्ध तरीके से विश्लेषण करने की कोशिश करता हूँ। पहले तो यह स्पष्ट है कि मारुती ने अपने पूर्व कार्यों में जेनर मिश्रण को एक चुनौती के रूप में लिया है, और इस बार वह इसे और अधिक जटिल बनाना चाहते हैं। क्या यह संभव है कि वह हॉरर के क्लासिक ट्रॉप्स को कॉमेडी के रस के साथ मिला दें, जिससे दर्शक एक ही साथ हँसें और डरे? इस संदर्भ में, संजय दत्त की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि उनका विकट चरित्र इस मिश्रण को संतुलित करने में मदद कर सकता है। साथ ही, निधि अग्रवाल की आँखों में जो चमक है, वह दर्शकों को एक मनोवैज्ञानिक स्तर पर आकर्षित कर सकती है। एक और पहलू यह है कि VFX पर बजट का आधा हिस्सा खर्च होना यह संकेत देता है कि सेट डिज़ाइन और डिजिटल प्रभावों पर विशेष ध्यान दिया गया है। यदि ये प्रभाव वास्तविकता के निकट हों तो फिल्म का वातावरण अत्यधिक सशक्त हो जाएगा। दूसरी ओर, यह भी ध्यान देना आवश्यक है कि बहुत अधिक VFX कभी-कभी कथा को पीछे धकेल सकता है, जिससे कहानी का प्रवाह बाधित हो सकता है। इसलिए, कहानी लेखन में संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। मैं आशा करता हूँ कि स्क्रिप्ट में न केवल डरावने दृश्य हों, बल्कि उनमे सामाजिक टिप्पणी का भी तत्व सम्मिलित हो। इस तरह की बहुस्तरीय दृष्टिकोण से फिल्म का मूल्य बढ़ेगा। अंत में, यदि फिल्म का रिलीज़ जनवरी में तय है, तो वह समय प्रेक्षक वर्ग की उपलब्धता को ध्यान में रखकर चुना गया प्रतीत होता है। कुल मिलाकर, इस प्रोजेक्ट में बहुत संभावनाएँ निहित हैं, बशर्ते कि निर्माता और निर्देशक अपने संतुलन कला में सफल हों।
Sandhya Mohan
30 नवंबर, 2025 - 05:37 पूर्वाह्न
हाय दोस्तो! इस फिल्म के बारे में सोचते समय दिल में एक छोटी सी दार्शनिक बात उभरती है – क्या डर और हँसी मिलकर हमें असली सच्चाई तक ले जा सकते हैं? मुझे लगता है कि मारुती इस विचार को परख रहे हैं।
Prakash Dwivedi
4 दिसंबर, 2025 - 00:17 पूर्वाह्न
मैं तो बस यही कहूँगा, इन बड़े बजट की फिल्मों में अक्सर भावनात्मक गहराई की कमी रहती है, और दर्शक सिर्फ चमक-धमक देख कर संतुष्ट हो जाते हैं।
Rajbir Singh
7 दिसंबर, 2025 - 18:57 अपराह्न
ट्रेलर का विश्लेषण करने पर प्रतीत होता है कि मिश्रित जेनर का प्रयोग दर्शकों के भीतर एक जटिल भावनात्मक प्रतिक्रिया को उत्पन्न करेगा, जिसे सावधानीपूर्वक संभालना जरूरी है।