स्पेन और क्रोएशिया के बीच यूरो 2024 के पहले मैच में स्पेन ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबको चौंका दिया। बर्लिन के ओलंपियास्टेडियन में हुए इस मुकाबले में स्पेन ने 3-0 की जीत दर्ज की। अल्वारो मोराटा, फेबियन रुइज़ और दानी कारवाज़ल ने पहले हाफ में ही गोल करके स्पेन को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
इस मैच में सबसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पल तब आया जब बार्सिलोना के 16 वर्षीय विंगर लामिन यामल ने खेल में कदम रखा। यामल ने यूरो टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे छोटे खिलाड़ी के रूप में मैदान पर उतरकर नया कीर्तिमान रच दिया। उनकी मौजूदगी ने सबसे अधिक प्रभाव डाला, वे न केवल कारवाज़ल के गोल में सहायता कर रहे थे, बल्कि खुद भी गोल करने के बहुत करीब थे।
यामल का यह पहला बड़ा टूर्नामेंट है और उन्होंने अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया है। अपने आठ वरिष्ठ कैप्स में सात गोल भागीदारी करके उन्होंने बताया कि वह कितने महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। स्पेन के कोच, लुइस डी ला फुएंटे, यामल की ताकत और कौशल से बेहद प्रभावित हुए और उनके प्रदर्शन की तारीफ की।
क्रोएशिया के लिए यह रात संघर्षभरी रही। उनके अनुभवी मिडफील्डर, लुका मॉड्रिक और मार्सेलो ब्रोज़ोविक को स्पेन की प्रेसिंग गेम और टीम के बीच संवाद की समस्याओं के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ा। क्रोएशियाई टीम पूरे मुकाबले में सामंजस्यपूर्ण नहीं दिखाई दी, जिससे स्पेन को उनके खेल पर हावी होने का अवसर मिला।
स्पेन ने मैच में अपने प्रेसिंग खेल को अच्छी तरह से लागू किया, जिससे क्रोएशिया को गेंद पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो गया। अल्वारो मोराटा ने शुरुआती गोल करके टीम को लीड दिलाई, जबकि फेबियन रुइज़ और दानी कारवाज़ल ने पहले हाफ में ही इस बढ़त को और मजबूत कर दिया।
यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि इस दौरान स्पेन को कुछ निराशाजनक चोटें भी झेलनी पड़ीं। मोराटा और रोड्री दोनों को चोटों का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद टीम ने अपनी लय को बनाए रखा और अंततः बड़ी जीत हासिल की।
स्पेन की यह जीत अगले दौर के मुकाबलों के लिए मायने रखती है। अब वे 20 जून को इटली का सामना करेंगे, जबकि क्रोएशिया 19 जून को अल्बानिया के खिलाफ खेलने उतरेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों टीमें इन मुकाबलों के लिए किस तरह की तैयारी करती हैं और मैदान पर कैसा प्रदर्शन करती हैं।
कुल मिलाकर, यह मैच खिलाड़ियों के लिए एक सीखने का अनुभव साबित हुआ। लामिन यामल ने अपने ऐतिहासिक प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया, और स्पेन की टीम ने भविष्य के लिए अपनी दावेदारी को मजबूत किया।