जब नारायण जगदीशन ने अपना पाँचवाँ लगातार शतक बनाया, तो न सिर्फ़ तमिलनाडु के प्रशंसकों की धड़कन तेज़ हुई, बल्कि पूरी क्रिकेट दुनिया ने इस आंकड़े को नोट किया। यह उपलब्धि केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि ODI फ़ॉर्मेट की नई ऊँचाई को परिभाषित करती है। लगातार पाँच शतक, एक ही टूर्नामेंट में, इससे पहले कोई भी बॉलर नहीं कर पाया था।
जगदीशन की पारी सिर्फ़ रनों के हिसाब से नहीं, बल्कि खेल में किए गए पेशेवरियों के कारण भी यादगार बन गई। क्वार्टर‑फ़ाइनल में राजस्थान के खिलाफ 268 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए, उन्होंने दूसरे ओवर में 7 फोर मारकर इतिहास रचा। गेंदबाज़ अमन सिंह सेकहावत के लगातार छः फोर और एक वाइड पर लड़ी गई चौथा फोर इस ओवर को एक अनोखा अध्याय बनाता है।
इनके अलावा, लिस्ट‑ए क्रिकेट में 277 रन बनाकर सबसे बड़ी व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड भी उन्होंने कायम किया। यह पारी 2023‑24 में बनाई गई थी, और तब से कोई भी इस अंक को नहीं तोड़ पाया। इस रिकॉर्ड ने उन्हें घरेलू क्रिकेट के सबसे जोखिम भरे बॅट्समैन में से एक बना दिया।
जब IPL 2025 की नीलामी में वे अनसोल्ड रहे, तो कई लोग उनके भविष्य पर सवाल उठा रहे थे। लेकिन उनका लगातार प्रदर्शन, 2024‑25 के रणजी ट्रॉफी में 674 रन (औसत 56.16) और विजय हज़ारे ट्रॉफी में 303 रन, selectors का ध्यान खींचे बिना नहीं रहा। जुलाई 2025 में रिषभ पैंट की चोट के कारण भारत की पाँचवी टेस्ट में उन्हें पहली बार कॉल‑अप मिला। यह मौका मात्र एक प्रतिस्थापन नहीं, बल्कि उनके करियर का नया मोड़ था।
इसी के साथ, पश्चिमी इंडीज़ के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में भी उनका नाम टीम सूची में आया। यह दर्शाता है कि घरेलू प्लेटफ़ॉर्म पर उनकी स्थिरता ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भरोसेमंद विकल्प बना दिया है।
जगदीशन ने अब तक चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स जैसी बड़े IPL फ्रेंचाइजीज़ में खेला है, लेकिन उनका असली पहचान घरेलू क्रिकेट में बनी रही है। उनके खेल शैली—सटीक डिफेंस, तेज़ स्कोरिंग और विकेट‑कीपर के रूप में कई डिंगली बॉल्स को संभालना—उनके भविष्य को और भी रोशन कर रहा है।
अब सवाल यह है कि क्या उनका अगला कदम लगातार शतकों को तोड़ कर अंतरराष्ट्रीय टेस्ट में भी ले जाएँगे? चाहे वह पिच चाहे मौसम, जगदीशन की निरंतरता और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के आगे के दायरे में जगह दिलाई है। भविष्य में यदि वह अपनी फॉर्म को टिकाए रखते हैं, तो उन्हें केवल टेस्ट ही नहीं, बल्कि ODI और T20I में भी प्रमुख भूमिका दिलाई जा सकती है।
एक बात तो तय है—नारायण जगदीशन की कहानी यह साबित करती है कि घरेलू मंच पर कड़ी मेहनत और निरंतर प्रदर्शन से राष्ट्रीय टीम में जगह बनती है, चाहे IPL में संघर्ष क्यों न हो। उनकी आगामी पारी और चयन प्रक्रिया का असर भारतीय क्रिकेट के भविष्य को नया रूप दे सकता है।