आईटी और बैंकिंग दिग्गजों के Q1 FY25 नतीजे क्या कह रहे हैं?
अप्रैल से जून 2024 का वित्तीय त्रैमासिक भारतीय कंपनियों के परिणाम के लिहाज से काफी हलचल वाला रहा। TCS, इंफोसिस, Wipro, HCL Technologies ने अपने रिपोर्ट कार्ड पेश किए, जिनसे सेक्टर की सेहत और आगे की दिशा का अंदाजा लग जाता है।
TCS इस बार भी आगे रहा—सालाना आधार पर 5.4% की कमाई में ग्रोथ दिखी, और प्रॉफिट में भी अच्छी बढ़ोतरी हुई। इसका सीधा कारण रहा बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स की टाइम पर डिलीवरी। वहीं, इंफोसिस को भी फायदा हुआ और नेट प्रॉफिट 7.1% बढ़कर 6,368 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, इंफोसिस की कुल आमदनी केवल 3.6% बढ़ी, जिससे थोड़ा दबाव महसूस हो रहा है। HCL टेक्नोलॉजीज ने भी नेट प्रॉफिट में जबरदस्त 20% से ज्यादा की बढ़त दिखाई, लेकिन उसकी कमाई तिमाही-दर-तिमाही कुछ घटी भी है। Wipro की स्थिति थोड़ी कमजोर दिखी—कमाई में 1.1% गिरावट आई, लेकिन कंपनी अभी भी AI जैसे नए मौकों पर फोकस कर रही है।
बैंकिंग-फाइनेंस सेक्टर (BFSI) का बोलबाला ऐसा कि TCS और इंफोसिस के लिए यह सेगमेंट 40% से ज्यादा आय का जरिया बन गया है। लेकिन, अमेरिका और यूरोप जैसी मार्केट्स में खर्च कटौती और बार-बार वेंडर बदलने की वजह से सेक्टर में सतर्कता बरती जा रही है। TCS ने इस दौरान 8 अरब डॉलर से ज्यादा के नए कॉन्ट्रैक्ट साइन किए, जो बाकी आईटी दिग्गजों से कहीं ऊपर है। इंफोसिस ने अगले साल के लिए भी रेवन्यू ग्रोथ का अनुमान 3-4% तक बढ़ाया है, जबकि HCL Tech और Wipro ने कम रेंज वाली ग्रोथ गाइडेंस रखी है।
कर्मचारी और अन्य कंपनियों की तस्वीर
नौकरी और हायरिंग के आंकड़े भी ध्यान खींचने वाले रहे। TCS ने 5,452 लोग अपनी टीम में जोड़े, जबकि इंफोसिस ने 1,908 कर्मचारियों की कटौती की। HCL टेक्नोलॉजीज ने 8,000 से ज्यादा कर्मचारियों को कम किया, वहीं Wipro ने थोड़ी-बहुत हायरिंग की है। इससे पता चलता है कि कंपनियां लगातार लागत और डिमांड के अनुरूप अपने संसाधन एडजस्ट कर रही हैं।
इस तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की दूसरी बड़ी कंपनियों के परिणाम भी सुर्खियों में हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के आंकड़ों से बाजार का सेंटीमेंट तय हो सकता है, क्योंकि ये कंपनी अब सिर्फ ऑयल या पेट्रोकेमिकल्स तक ही सीमित नहीं रह गई है। JSW एनर्जी, पतंजलि फूड्स, और Paytm जैसी कंपनियां भी निवेशकों की खास निगरानी में हैं। HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के नतीजों में से बैंकिंग सेक्टर की मजबूती या कमजोरी का पता चलता है। इधर, एशियन पेंट्स और JSW स्टील जैसे मेन्युफैक्चरिंग और कंज्यूमर गुड्स वालों का प्रदर्शन सेक्टर स्पेसिफिक ट्रेंड्स पर रोशनी डालता है।
- Paytm के नतीजे फिनटेक सेक्टर के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं, खासकर बीते कुछ महीनों की अनिश्चितता के बाद।
- JSW Energy अपनी ग्रोथ और प्रॉफिट एबिलिटी के लिए नए प्लान्स ला रहा है, जिससे मार्केट में नई ऊर्जा दिख रही है।
- RIL के नतीजे टेलीकॉम, रिटेल और पेट्रोरसायन सेक्टर से जुड़ी खबरों के लिए टोन सेट करते हैं।
इन सबके बीच, विदेशी मुद्रा भंडार का डेटा (जो हाल ही में 657.16 अरब डॉलर तक पहुंचाया गया) न केवल आर्थिक मजबूती का आईना है, बल्कि निवेशकों के विश्वास को भी बूस्ट देता है। अगर कंपनियों के परिणाम अच्छे आते हैं और फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स स्थिर रहते हैं, तो निवेशकों को बाजार में और मजबूती देखने को मिल सकती है।
Aravind Anna
20 अप्रैल, 2025 - 11:29 पूर्वाह्न
TCS ने 8 अरब डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए और इंफोसिस कर्मचारी काट रहा है? ये तो बिल्कुल उल्टा चल रहा है। जहां TCS बड़े क्लाइंट्स को चिपका रहा है वहीं इंफोसिस अपनी टीम को बेच रहा है। ये गेम क्या है? क्या अब लोगों को बस टेक्नोलॉजी नहीं बल्कि ट्रेनिंग और एडजस्टमेंट की जरूरत है? ये बस बिजनेस नहीं ये जिंदगी का हिस्सा है।
हम लोग इतने तेज़ी से बदल रहे हैं कि कोई नहीं रुक पा रहा।
Rajendra Mahajan
21 अप्रैल, 2025 - 16:14 अपराह्न
इंफोसिस की कमाई में सिर्फ 3.6% ग्रोथ और नेट प्रॉफिट में 7.1% बढ़ोतरी? ये तो एक बड़ा रहस्य है। शायद कॉस्ट कटिंग ने प्रॉफिट मार्जिन बढ़ा दिया लेकिन रेवेन्यू ग्रोथ रुक गई। ये जैसे किसी के पास बहुत सारे बैंक अकाउंट हों लेकिन उसकी सैलरी घट रही हो। क्या हम अब एक ऐसे टाइम में आ गए हैं जहां बड़ी कंपनियां बस कम लोगों से ज्यादा कमाने की कोशिश कर रही हैं? ये न्यायसंगत है?
ANIL KUMAR THOTA
21 अप्रैल, 2025 - 22:26 अपराह्न
Wipro की कमाई घटी लेकिन AI पर फोकस कर रही है तो ठीक है। बस जल्दी नहीं बन रहा तो बहुत दिक्कत नहीं। इंफोसिस की कटौती तो बहुत बड़ी बात है पर देखो बाजार क्या कह रहा है। लोग अब बस नतीजे नहीं देख रहे बल्कि भविष्य की दिशा देख रहे हैं।
VIJAY KUMAR
22 अप्रैल, 2025 - 17:49 अपराह्न
ये सब बहुत अच्छा लग रहा है ना? 😏 TCS ने 8 अरब डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट्स साइन किए और इंफोसिस ने 1900 लोगों को निकाल दिया? ये तो एक बड़ी कॉन्स्पिरेसी है भाई। अमेरिका और यूरोप में खर्च कम कर रहे हैं तो भारत के लोगों को बर्बाद कर रहे हैं। और रिलायंस? वो तो अब सब कुछ कंट्रोल कर रहा है - टेलीकॉम, रिटेल, पेट्रोकेमिकल्स, अब शायद अगले साल स्कूलों को भी खरीद लेगा।
Paytm फिनटेक है? नहीं भाई, ये तो एक डिजिटल राष्ट्रीय सेवा है जिसे बैंक ने अपने नियंत्रण में लेना चाहा। और फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 657 अरब? ये सब नंबर्स हैं जिन्हें बनाया गया है ताकि लोगों को लगे कि सब ठीक है। जब तक तुम्हारी सैलरी नहीं बढ़ेगी तब तक ये सब बकवास है। 💸
Manohar Chakradhar
24 अप्रैल, 2025 - 08:21 पूर्वाह्न
देखो ये बात बहुत साफ है - अगर तुम बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हो तो तुम बचे रहोगे। अगर तुम बस एक टास्क फिक्स कर रहे हो तो तुम बाहर हो जाओगे। TCS ने नए लोग जोड़े क्योंकि उन्हें नए टेक्नोलॉजी वाले प्रोजेक्ट्स चाहिए। HCL ने 8000 लोग काटे क्योंकि उनके पास अब वो सब नहीं है जो पहले था। ये बस बाजार का नियम है।
लेकिन एक बात सच है - अगर तुम अपनी स्किल्स अपडेट नहीं कर रहे तो तुम अपनी जगह खो रहे हो। AI, क्लाउड, डेटा एनालिटिक्स - ये अब बेसिक हैं। नहीं तो तुम्हारा नाम बस एक रिपोर्ट में आएगा और फिर गायब।
रिलायंस ने अब बहुत कुछ कर लिया है। अगर तुम नहीं जानते कि वो अब टेलीकॉम, रिटेल और डिजिटल पेमेंट्स में भी है तो तुम पीछे हो।
LOKESH GURUNG
24 अप्रैल, 2025 - 16:01 अपराह्न
बस थोड़ा बताऊं? TCS ने 5452 नए जोड़े? वाह! लेकिन इंफोसिस ने 1908 काटे? ये तो एक बड़ा ड्रामा है। और HCL? 8000+ काटे? भाई ये तो अब जंगल हो गया। लेकिन देखो ये अच्छा है। क्योंकि अगर तुम नहीं बदल रहे तो तुम मर रहे हो। अब जो लोग नए टेक्नोलॉजी में अच्छे हैं वो बहुत जल्दी नौकरी पा लेंगे। AI, ML, डेटा साइंस - ये अब बेसिक जरूरत है।
रिलायंस ने अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ाया है। Paytm अब बस एक ऐप नहीं बल्कि एक इकोसिस्टम है। और फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व? 657 अरब? ये भारत की शक्ति है।
अगर तुम अभी भी बस ऑफिस जाते हो और कुछ नहीं सीखते तो तुम अपने आप को नष्ट कर रहे हो। अपने कोर्सेज बदलो। अपने स्किल्स अपडेट करो। ये दुनिया अब बहुत तेज़ है। 🚀