जब राजस्थान में 6 अक्टूबर 2025 को वायुमंडलीय बदलाव ने अपना असर दिखाया, तो कई क्षेत्रों में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण अचानक भारी बारिश शुरू हो गई। राजधानी जयपुर में सुबह से गरज के साथ तेज़ बारिश थी, और यही रिपोर्ट मौसम विभाग ने भी दी।
कुल 24 घंटे में राजस्थान के कई जिलों में 30‑70 मिमी तक की वर्षा दर्ज की गई। सबसे अधिक 100 मिमी की वर्षा भेंसरौड़गढ़ (भिलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ दोनों जिलों) में मिली। इसके बाद पश्चिमी राजस्थान के रावतसर और हनुमानगढ़ में क्रमशः 67 मिमी की रिकॉर्डिंग हुई।
बाद में कई स्थानों पर बर्फ़ीले ओले (हैल स्टॉर्म) भी देखे गए, खासकर हनुमानगढ़ और शेखावाटी के कुछ हिस्सों में।
आमतौर पर अक्टूबर में जयपुर का तापमान 24‑35°C के बीच रहता है और रोज़ाना लगभग 11 घंटे धूप मिलती है। पिछले 30 वर्षों में इस महीने में औसत बारिश मात्र 12‑15 मिमी रही है, जबकि इस बार एक दिन में 100 मिमी तक की गिरावट ने मौसमी मानकों को लहराया। 6 अक्टूबर का दिन इसलिए ‘असामान्य’ कहलाया, क्योंकि इस समय के मौसम में तापमान 30‑38°C तक रहता है और बारिश बहुत ही विरले ही पड़ती हैं।
मौसम विभाग ने बताया कि 6 अक्टूबर को राज्य के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से तेज़ बरसात जारी रहेगी, और हवाएं 30‑40 किमी/घंटा की रफ़्तार तक पहुँचेंगी। बारिश का मुख्य असर जयपुर, बिकानेर, भरतपुर, कोटा, अजमेर, जोधपुर और उदयपुर क्षेत्रों में महसूस किया जाएगा। शेखावाटी, जयपुर, बिकानेर, अजमेर और भरतपुर में ओले की संभावना विशेष रूप से उल्लेखनीय थी।
7 अक्टूबर से बारिश की तीव्रता धीरे‑धीरे कम होने की उम्मीद है, पर कुछ क्षेत्रों में हल्की बूँदाबाँदी और तेज़ हवा बनी रह सकती है। 8 अक्टूबर के बाद अधिकांश भाग में मौसम सु्खा हो जाएगा, तापमान में 3‑5°C की गिरावट आएगी और रात‑दिन के बीच ताप अंतर थोड़ा बढ़ेगा।
जिला प्रशासन ने तुरंत पहाड़ों और निचली सतहों पर जल जमाव रोकने के लिए सीमेंट बैरन टिका दिया। जयपुर में सड़कों पर पानी भरने से कई डिजिटल सेवाओं में व्यवधान उत्पन्न हुआ, लेकिन बिजली आपूर्ति में कोई बड़ी समस्या नहीं रही। किसान भिक्षा सहकारी समाज ने बताया कि अचानक भारी बारिश के कारण फसल क्षति की संभावना बनी है, खासकर गन्ना और सरसों के बागों में। वहीं, पर्यटन क्षेत्र ने इस अचानक गिरावट को अवसर के रूप में देखा; कई फोटोग्राफर और ट्रैवल ब्लॉगर ने इस ‘हरियाली की बाढ़’ का लाभ उठाते हुए सोशल मीडिया पर चित्र साझा किए।
एक सप्ताह बाद तक मौसम फिर से सुखद रहेगा, पर विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अक्टूबर के अंत में फिर से हल्की वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आ सकती है, जो कि हल्की बूंदाबांदी और ठंडी हवा लेकर आएगी। ग्रामीण इलाकों में जलस्तर पर नज़र रखने और फ़सल‑सुरक्षा उपायों को बरकरार रखने की सलाह दी गई है।
कई किसान बता रहे हैं कि अचानक हुई तेज़ बारिश से गन्ना और सरसों के पौधे जड़ तक जलाते हैं, जिससे फसल में दरारें आ सकती हैं। हालांकि, अधिकांश जिला अधिकारी तंत्रिका‑पानी निकासी के उपाय कर रहे हैं, जिससे बड़े नुकसान की संभावना कम है।
मौसम विभाग ने सलाह दी है कि आपातकालीन किट तैयार रखें, विशेष रूप से जलरोधक बैग और टॉर्च। यदि आप निचले-स्थल पर रहते हैं तो जल‑जमाव के लिये सड़कों से दूर रहने की कोशिश करें।
जिला प्रशासन ने बताया कि प्रमुख पर्यटन स्थल जैसे हवा महल और जल महल पर अभी भी लाइटिंग और सफाई चल रही है। 8 अक्टूबर से मौसम साफ़ होने पर पूरी तरह से खुलने की संभावना है।
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नमी को वायुमंडल में लाता है, जिससे रात के दौरान ठंडी हवा जल्दी आती है। इसलिए 8 अक्टूबर से लगभग 3‑5°C तापमान घटने की अपेक्षा है।
मौसम विज्ञानियों का मानना है कि अक्टूबर के अन्त में एक हल्की वेस्टर्न डिस्टर्बेंस फिर से आ सकती है, जो हल्की बूंदाबांदी और ठंडी हवा ले कर आएगी, लेकिन इस बार बारिश इतनी तीव्र नहीं होगी।
priyanka k
6 अक्तूबर, 2025 - 20:33 अपराह्न
वास्तव में, राजस्थान में इस अचानक भारी बारिश का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं लगता, जैसा कि विभाग ने पहले ही संकेत किया था 🙄।
sharmila sharmila
6 अक्तूबर, 2025 - 21:40 अपराह्न
अरे यार, ये ओले देख के तो दिल धक धक कर रहा है, सच में बहुत मज़दूर लग रहा है! सब लोग मिल के फोटो शेयर कर रहे हैं, मस्त वाइब्स है।