आप रोज़ बाहर निकलते हैं, लेकिन कभी सोचा है कि हवा कितनी साफ़ या गंदी है? वही सवाल AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स का मूल है। यह एक सरल नंबर देता है जो बताता है कि आपके आस-पास की हवा में प्रदूषक कितने हानिकारक हैं। 0 से 500 तक का स्कोर होता है, जहाँ कम अंक मतलब साफ़ हवा और ज्यादा अंक मतलब ख़राब वायु।
सरकार के सेंटर फॉर मोनिटरिंग एयर क्वालिटी (CMAQ) कई स्टेशन लगाता है—जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता। इन सेंसर्स से पीएम2.5, पीएम10, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और ओज़ोन की मात्रा निकाली जाती है। फिर इन मानों को एक फॉर्मूले में डालकर 0‑500 के बीच का AQI निकालते हैं। अगर आपका शहर 101‑200 के रेंज में आए तो ‘संतोषजनक’ माना जाता है, पर 201‑300 या उससे ऊपर पहुंचने पर स्वास्थ्य जोखिम बढ़ता है।
जाने-माने बड़े शहर अक्सर हाई AQI दिखाते हैं। दिल्ली में पिछले कुछ हफ्तों में PM2.5 का औसत 150 µg/m³ रहा, जिससे AQI लगभग 180 तक पहुंच गया—अर्थात ‘अनुशंसित’ स्तर। मुंबई की समुद्री हवा के कारण आम तौर पर कम रहता है, लेकिन भारी ट्रैफ़िक वाले क्षेत्रों में 120‑130 तक बढ़ सकता है। कोलकाता और बैंगलोर भी अक्सर 100‑150 के बीच आते हैं, खासकर धूम्रपान, निर्माण और जलवायु परिवर्तन की वजह से।
आप खुद अपने शहर का AQI देख सकते हैं—स्मार्टफ़ोन ऐप्स जैसे ‘AirNow’, सरकारी पोर्टल या स्थानीय समाचार चैनलों में रीयल‑टाइम अपडेट मिलते हैं। अगर आप मोबाइल पर नहीं चाहते, तो बस गूगल पर “[शहर नाम] AQI” लिखें, तुरंत नंबर दिख जाएगा।
जब AQI बढ़े, तब कुछ आसान कदम अपनाकर खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं:
ध्यान रखें, AQI सिर्फ एक संख्या नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य का संकेत है। अगर आप इसे समझेंगे और सही कदम उठाएंगे तो धुएं से होने वाले रोगों का जोखिम कम किया जा सकता है। इस टैग पेज पर हम रोज़ अपडेटेड खबरें, विश्लेषण और विशेषज्ञ राय डालते हैं—तो बार‑बार चेक करना न भूलें।
अंत में एक छोटी सी याद दिला दें: साफ़ हवा जीवन की बुनियाद है। जब भी आप AQI देखेंगे, तुरंत कार्रवाई करें। यही आपके और आपके परिवार के लिए सबसे बड़ा फ़ायदा होगा।
दिवाली के उत्सव के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई, जब एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 330 पर पहुंच गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में माना जाता है। पटाखों के चलते धुआं और ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि हुई, जो बच्चे, वृद्ध और सांस संबंधी समस्याओं से ग्रस्त लोगों के लिए स्वास्थ्य खतरे पैदा कर रहा है। दिल्ली सरकार के कड़े प्रतिबंधों के बावजूद, शहर में कई जगहों पर उल्लंघन की घटनाएं दर्ज की गईं।
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