आर्थिक अपराध: क्या हो रहा है और हमें क्या करना चाहिए?

आर्थिक अपराध सुनने में बड़े लगते हैं, पर असल ज़िंदगी में इनके असर सीधे हमारे जेब तक पहुंचते हैं। चाहे वह शेयर बाजार की धक्के हों या बैंकिंग धोखाधड़ी, हर खबर हमें सतर्क बनाती है। इस पेज पर हम उन मुख्य मामलों को समझेंगे जो हाल ही में चर्चा में आए हैं और बताएंगे कैसे आप खुद को बचा सकते हैं।

ताज़ा केस: शेयर बाजार, बैंकों और सरकारी फंडों में धोखाधड़ी

पिछले कुछ हफ्तों में CDSL की शेयर कीमतों में तेज़ उतार‑चढ़ाव देखा गया, क्योंकि NSDL के IPO ने निवेशकों का ध्यान खींचा। कई लोग इस अवसर को पकड़कर जल्द‑बाज़ी में गलत फैसले ले रहे थे। इसी तरह BSE में भी तेज़ी से बढ़ती उम्मीदें देखी गईं, पर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि यह केवल अल्पकालिक उछाल हो सकता है।

एक और बड़ा मामला था वोल्टास के शेयर खरीदने की सलाह, जहाँ निवेशकों को 2070 रुपये तक का लक्ष्य बताकर आकर्षित किया गया। ऐसा दिखता है कि कंपनियों की वित्तीय रिपोर्टों में सुधार दिखा कर लोगों को भरोसा दिलाया जाता है, पर असली जोखिम हमेशा मौजूद रहता है।

आपके लिए क्या मतलब? सुरक्षा के आसान टिप्स

पहला कदम – किसी भी निवेश से पहले आधिकारिक साइट या SEBI की सूचना देखिए। अगर कोई ऑफर बहुत ही आकर्षक लग रहा हो, तो दो‑तीन बार जांचें। दूसरा, अपने पोर्टफोलियो को विविध बनाइए; एक ही स्टॉक में सारा पैसा नहीं डालना चाहिए। तीसरा, बैंकिंग ट्रांसफ़र या मोबाइल पेमेंट्स के लिए OTP और फिंगरप्रिंट का उपयोग ज़रूर करें – इससे फ़िशिंग से बचाव होगा।

धोखाधड़ी वाले ई‑मेल अक्सर आधिकारिक लेटरहेड की नकल बनाते हैं। ऐसे मेल में लिंक पर क्लिक करने से पहले, भेजने वाले के डोमेन को दोबारा चेक कर लें। अगर शंका हो तो सीधे कंपनी की कस्टमर सपोर्ट से संपर्क करें।

अंत में, यदि आपको लगता है कि आप किसी आर्थिक अपराध का शिकार हुए हैं, तो तुरंत स्थानीय पुलिस या आर्थिक अपराध शाखा (ED) में रिपोर्ट दर्ज करें। समय पर शिकायत करने से केस तेज़ी से आगे बढ़ता है और आपका नुकसान कम हो सकता है।

आर्थिक अपराधों की खबरें रोज़ बदलती रहती हैं, इसलिए इस पेज को बुकमार्क कर रखें। हम यहाँ नवीनतम अपडेट लाते रहेंगे, ताकि आप हमेशा एक कदम आगे रहें।

DY चंद्रचूड़ के कार्यकाल की प्रमुख उपलब्धियां और न्यायपालिका पर उनका गहरा प्रभाव

नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करते हुए डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायपालिका पर गहरी छाप छोड़ी। उनके कार्यकाल में व्यक्तिगत स्वतंत्रता, लंबित संवैधानिक मामलों का समाधान और आर्थिक अपराधों से निपटना मुख्य ध्यान केंद्र थे। उन्होंने जमानत मामलों पर विशेष ध्यान दिया और प्राथमिकता दी। उनके नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने कई पुराने और लंबित मामलों का निपटारा किया।

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