आत्महत्या – कारण, लक्षण और बचाव के कदम

आत्महत्या एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही जानकारी से इसे रोका जा सकता है। अगर आप या आपका कोई जानकार उदास दिखे तो यह सिर्फ मूड नहीं, मदद की जरूरत हो सकती है। इस पेज में हम आसान भाषा में कारण, संकेत और सहायता के तरीके बताएंगे ताकि आप तुरंत कार्य कर सकें।

आमतौर पर क्या बनाते हैं आत्महत्याका खतरा?

सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि कौन‑सी बातें जोखिम बढ़ाती हैं। अक्सर लगातार डिप्रेशन, नौकरी या पढ़ाई में असफलता, आर्थिक तनाव और रिश्तों की समस्याएँ बड़े कारण होते हैं। साथ ही शराब या नशे का दुरुपयोग विचार को तेज़ कर देता है। इन संकेतों को पहचानना मददगार होता है: अचानक मूड बदलना, नींद कम होना या बहुत अधिक सो जाना, सामाजिक संपर्क से दूर रहना और भविष्य के बारे में निराश दिखना।

आप या आपके जानकार कैसे कर सकते हैं बचाव?

यदि आप खुद को उदास महसूस करते हैं तो सबसे पहले किसी भरोसेमंद व्यक्ति को बताइए – दोस्त, परिवार या कोई काउंसलर। भारत में 24×7 टोल‑फ्री हेल्पलाइन 9152987821 (वॉटरली) और 1098 (राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य मदद) उपलब्ध हैं। इन नंबरों पर कॉल करके आप तुरंत सहायता ले सकते हैं।

दूसरों की मदद करने के लिए कुछ आसान कदम अपनाएँ: खुलकर सुनें, उन्हें दोष न दें, पेशेवर मदद का सुझाव दें और अगर स्थिति अत्यधिक हो तो तत्काल पुलिस या एम्बुलेंस को बुला लें। छोटे‑छोटे संकेतों पर ही कार्रवाई करना अक्सर बड़ी दुर्घटना रोकता है।

समुदाय में भी समर्थन बहुत काम आता है। स्कूल, कॉलेज और कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य सत्र आयोजित करके लोगों की जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। यदि आपका क्षेत्र में कोई NGO या काउंसिलिंग सेंटर है तो उनका संपर्क शेयर करें – यह कई बार जीवन बचा सकता है।

आत्महत्या को रोकने के लिए सबसे बड़ा हथियार शिक्षा है। लोगों को यह समझाएँ कि मानसिक बीमारी शारीरिक बीमारी जैसी ही इलाज योग्य है। डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक या काउंसलर से मिलना शर्म की बात नहीं, बल्कि एक साहसिक कदम है।

अंत में याद रखें – आप अकेले नहीं हैं और मदद हमेशा मौजूद है। अगर आपको लग रहा है कि आप नियंत्रण खो रहे हैं तो तुरंत किसी को बताइए और पेशेवर सहायता लें। छोटी‑छोटी कोशिशें बड़ी बदलाव ला सकती हैं, इसलिए देर न करें।

बेंगलुरु: प्रख्यात कन्नड़ निर्देशक गुरु प्रसाद की आत्महत्या से मौत

प्रख्यात कन्नड़ फिल्म निर्देशक गुरु प्रसाद की आत्महत्या से मृत्यु हो गई। उनका शव बेंगलुरु के मदनायकनहल्ली स्थित उनके अपार्टमेंट में पंखे से लटका मिला। प्रारंभिक पुलिस जांच में आत्महत्या का संकेत है, जिसमें वित्तीय दवाब और व्यक्तिगत समस्याएं संभवत: कारण हो सकते हैं। प्रसिद्ध फिल्मों 'माता' और 'एड्डेलु मंजुनाथा' के लिए जाने जाने वाले गुरु प्रसाद का अंतिम प्रोजेक्ट 'अडिमा' था।

आगे पढ़ें