दिल्ली अक्सर हल्के‑से‑मध्यम झटके महसूस करता है, लेकिन कभी‑कभी तीव्र भूकम्प भी हो सकते हैं। अगर आप दिल्ली में रहते हैं या यहाँ काम करते हैं तो यह जानना जरूरी है कि कब और कैसे सुरक्षित रहें। इस लेख में हम हालिया घटनाओं का सार, तैयारी के आसान कदम और ज़रूरी संपर्क नंबर बताएँगे।
पिछले महीने दिल्ली में magnitude 4.3 का हल्का झटका आया था। रिपोर्ट्स के अनुसार लगभग दो सौ लोग प्रभावित हुए, लेकिन बड़े नुकसान नहीं हुआ। सरकारी एजेंसियों ने तुरंत पोस्ट‑इयर थर्ड अलर्ट जारी किया और लोगों को सावधान रहने की सलाह दी। ऐसे छोटे‑मोटे झटके अक्सर पहले संकेत होते हैं; इसलिए इसको नजरअंदाज न करें।
जब झटका महसूस हो, सबसे पहला काम है शांत रहना। गिरते सामान या दरवाज़ों से बचें और जितनी जल्दी हो सके sturdy furniture के नीचे छिप जाएँ। अगर आप बाहर हैं तो खुली जगह में रहें, बिल्डिंग या बिजली लाइन से दूर। मोबाइल पर 112 डायल करके मदद माँग सकते हैं, लेकिन पहले अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
भूकम्प के बाद की सबसे बड़ी खतरे होते हैं aftershocks यानी द्वितीयक कंपन। इसलिए तुरंत जगह बदलने से बचें और ठहराव वाले कमरों में रहें जहाँ छत या दीवार गिरने का जोखिम कम हो। अगर घर में नुकसान दिखे, जैसे फटे दीवार या लीक पाइप, तो विशेषज्ञ को बुला कर जाँच करवाएँ।
दिल्ली की सरकार ने कई चेतावनी ऐप्स लॉन्च किए हैं जो real‑time अपडेट भेजते हैं। इनको अपने फ़ोन में इंस्टॉल रखें और नोटिफिकेशन ऑन रखें। आप स्थानीय पुलिस थाने या डाक्टरों के हॉटलाइन नंबर भी सेव कर सकते हैं – यह जल्दी मदद पहुंचाता है।
भूकम्प से पहले तैयारी करना आसान है: एक छोटा emergency kit बनाएं जिसमें टॉर्च, बैटरी, पानी की बोतलें, प्राथमिक उपचार किट और कुछ नकद रखें। इसको हर परिवार के सदस्य को पता हो, ताकि आपातकाल में जल्दी मिल सके।
घर की संरचना भी मजबूत बनानी चाहिए। अगर आपका बिल्डिंग पुराना है तो इंजीनियर से structural audit करवाएँ। कई बार छोटी‑छोटी रिफ़ॉर्म्स जैसे दरवाज़े के फ़्रेम को मजबूत करना, या छत के बीम को reinforce करना काफी मदद करता है।
भूकम्प के बाद की सफाई में सावधानी बरतें। अगर गैस लीक हो तो तुरंत गैस सप्लायर से संपर्क करें और इलेक्ट्रिकल सॉकेट्स को बंद कर दें। धुएँ या गंध से बचने के लिए घर का दरवाज़ा-खिड़की खोलें, लेकिन यदि बाहर बारिश या तेज हवा है तो सुरक्षित जगह पर ही रहें।
समुदाय में सहयोग भी बहुत महत्वपूर्ण है। अपने पड़ोसियों को emergency plan के बारे में बताएं और मिल‑जुलकर drills करें। स्कूलों और ऑफिसों में भी evacuation drill कराना फायदेमंद रहता है, क्योंकि इससे सभी को पता चलता है कि किस दिशा में जाना है।
अंत में, याद रखें कि भूकम्प अप्रत्याशित होते हैं, लेकिन सही जानकारी और तैयारी से नुकसान बहुत कम किया जा सकता है। दिल्ली की खबरों को नियमित रूप से पढ़ें, सरकारी अलर्ट सुनें और अपने घर व परिवार के लिए एक छोटा‑सा safety plan बनाएं। ऐसा करने से आप न सिर्फ अपनी सुरक्षा बढ़ाएंगे बल्कि दूसरों की मदद भी कर पाएँगे।
दिल्ली-एनसीआर में 4.0 तीव्रता का भूकंप सुबह-सुबह सहमा गया। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के लोग घबराकर इमारतों से बाहर निकल आए। हालांकि जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोग अलर्ट रह रहे हैं और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
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