तमिल सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिल्ली गणेश का निधन: पीएम मोदी और मुख्यमंत्री स्टालिन ने व्यक्त की संवेदनाएँ

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तमिल सिनेमा के दिग्गज अभिनेता दिल्ली गणेश का निधन: पीएम मोदी और मुख्यमंत्री स्टालिन ने व्यक्त की संवेदनाएँ

दिल्ली गणेश: तमिल सिनेमा के अद्वितीय अभिनेता का निधन

प्रसिद्ध तमिल अभिनेता दिल्ली गणेश जिन्होंने अपनी बहुमुखी अभिनय क्षमता से तमिल सिनेमा में अद्वितीय स्थान प्राप्त किया था, उनका शनिवार रात को निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे और अपने रामापुरम स्थित निवास पर कुछ समय से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और दो बेटियाँ हैं। गणेश के निधन से उनके प्रशंसक और पूरी फिल्म बिरादरी शोक संतप्त है। उनकी अदाकारी ने दशकों तक सिनेमा प्रेमियों का मनोरंजन किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली गणेश के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने उनकी अभिनय कला की सराहना करते हुए कहा कि गणेश जी एक बेहतरीन कलाकार थे जिनकी ऊर्जा और भावपूर्ण अभिनय क्षमता दर्शकों तक पहुंची। उन्होंने अपने हर किरदार में जान डाल दी जो पीढ़ियों तक याद की जाएगी। गणेश जी थिएटर के प्रति भी उतने ही समर्पित थे। इस दुख की घड़ी में प्रधानमंत्री ने उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की।

फिल्म जगत में गणेश का योगदान

फिल्म जगत में गणेश का योगदान

फिल्म इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों ने भी गणेश के निधन पर शोक जाहिर किया। अभिनेता-निर्देशक और प्रशंसकों ने गणेश के रामापुरम स्थित निवास पर एकत्रित होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने राज्य सरकार की ओर से पुष्पांजलि अर्पित की। वहीं, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने गणेश की मृत्यु को तमिल सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति बताया। गणेश की विरासत उनकी बहुआयामी प्रतिभा को उजागर करते हुए, उनके द्वारा निभाए गए भूमिकाओं की विविधता पर चर्चा की।

दिल्ली गणेश ने सिनेमा में विभिन्न प्रकार के चरित्र निभाए, जिनमें दयालु पिता, देखभाल करने वाले भाई और खलनायक शामिल थे। उनकी हास्य और खलनायकी भूमिकाएँ भी अत्यंत प्रसिद्ध रहीं। अभिनेता रजनीकांत और अभिनेता-राजनीतिज्ञ विजय ने भी सोशल मीडिया पर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। गणेश को तमिलनाडु सरकार के प्रतिष्ठित 'कलैमामणी' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

गणेश का प्रारंभिक जीवन और थिएटर के प्रति प्रेम

गणेश का प्रारंभिक जीवन और थिएटर के प्रति प्रेम

'दिल्ली' उपनाम गणेश को दिल्ली में बिताए उनके समय को एक पहचान के रूप में दिया गया था, जब प्रसिद्ध निर्देशक के. बालाचंदर ने उन्हें उनके करियर की शुरुआत में प्रोत्साहित किया। यह उपनाम उनके सिनेमाई पहचान का अभिन्न हिस्सा बन गया। गणेश का जीवन सिनेमा के साथ-साथ थिएटर के प्रति उनके समर्पण का परिचायक है, जिसे उन्होंने पूरी ईमानदारी से निभाया।

अंतिम स्वर्णिम समय और परिवार का बयान

अंतिम स्वर्णिम समय और परिवार का बयान

विचारणीय रूप से, दिल्ली गणेश को हाल ही में 'नदिगर संगम', दक्षिण भारतीय कलाकार संघ द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था, जो फिल्म उद्योग में उनके अमूल्य योगदान को मान्यता देता है। उनके बेटे माहा दिल्ली गणेश ने बताया कि उनके पिता उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। परिवार ने पुष्टि की कि गणेश ने 9 नवंबर की रात को सोते हुए शांति से अंतिम सांस ली। फिल्म बिरादरी के साथ-साथ उनके असंख्य प्रशंसक उनके विचारों और योगदान को हमेशा याद करेंगे।

11 टिप्पणि

LOKESH GURUNG

LOKESH GURUNG

12 नवंबर, 2024 - 04:09 पूर्वाह्न

दिल्ली गणेश जी का जाना तमिल सिनेमा के लिए एक बड़ी जान खोने जैसा है 😢 उनकी हर फिल्म में जान थी... अब कोई ऐसा एक्टर नहीं आएगा जो खलनायक भी बन जाए और पिता का किरदार भी इतना दिल से निभा दे 🙏

Aila Bandagi

Aila Bandagi

13 नवंबर, 2024 - 11:58 पूर्वाह्न

मैंने उनकी फिल्में बचपन में देखी थीं... अभी भी याद है वो दिल्ली गणेश वाला सीन जहाँ वो बेटे को गले लगा रहे थे... दिल भर गया था। उनकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी ❤️

Abhishek gautam

Abhishek gautam

14 नवंबर, 2024 - 17:10 अपराह्न

दिल्ली गणेश के निधन का संकट केवल एक अभिनेता के अंत तक सीमित नहीं है, यह एक सांस्कृतिक अंत है। उनकी अभिनय शैली में एक अनुभूति थी जो आधुनिक सिनेमा के अत्यधिक बनावटी और व्यावसायिक दृष्टिकोण से लगभग विलुप्त हो चुकी है। उनके अंतर्मुखी भावों का उपयोग, शरीर की भाषा का विश्लेषण, और वाचिक अभिव्यक्ति की सूक्ष्मता - ये सब आज के अभिनेताओं के लिए अज्ञात हैं। वे केवल एक अभिनेता नहीं थे, वे एक जीवन दर्शन थे।

Imran khan

Imran khan

16 नवंबर, 2024 - 01:03 पूर्वाह्न

उनकी फिल्मों में आपको लगता था कि वो वाकई वही हैं जो वो खेल रहे हैं। अभी भी जब कोई बूढ़ा आदमी अपने बेटे को देखता है तो मैं उन्हें याद कर लेता हूँ। शांति से आराम करें दिल्ली गणेश जी।

Neelam Dadhwal

Neelam Dadhwal

16 नवंबर, 2024 - 20:54 अपराह्न

अब तो हर कोई अपने नाम के लिए नाटक कर रहा है। पीएम के ट्वीट, मुख्यमंत्री के बयान, सभी ने शोक व्यक्त किया... लेकिन जब वो जी रहे थे तो किसने उनकी फिल्में देखीं? किसने उनके लिए थिएटर में बैठा? ये सब नेकी बाद में हो जाती है।

vishal kumar

vishal kumar

17 नवंबर, 2024 - 15:52 अपराह्न

मृत्यु एक अनिवार्य घटना है लेकिन एक ऐसे कलाकार का अंत जिसने जीवन की गहराई को दर्शाया वह एक सांस्कृतिक विरासत का नुकसान है

Oviyaa Ilango

Oviyaa Ilango

17 नवंबर, 2024 - 20:23 अपराह्न

थिएटर के बिना फिल्म अधूरी है और दिल्ली गणेश थिएटर का असली नायक थे

Aditi Dhekle

Aditi Dhekle

19 नवंबर, 2024 - 17:29 अपराह्न

उनके अभिनय में तमिल सांस्कृतिक निर्माण की विशिष्टता थी - भावनात्मक अंतर्निहितता, सामाजिक अंतर्निहितता, और जनसामान्य के साथ संवाद की अक्षमता। वह एक सांस्कृतिक आर्काइव थे।

Aditya Tyagi

Aditya Tyagi

21 नवंबर, 2024 - 16:51 अपराह्न

मैंने उनकी फिल्में देखीं नहीं पर अब देखनी चाहता हूँ। ये सब बातें बस बातें हैं जब तक आप उनकी फिल्में नहीं देखते। शुरू करो आज से।

pradipa Amanta

pradipa Amanta

22 नवंबर, 2024 - 00:36 पूर्वाह्न

कलैमामणी दिया गया? अच्छा तो उन्हें जिंदा होते हुए भी नहीं देखा गया था। अब जब मर गए तो सब ने शोक व्यक्त किया। बहुत अच्छा।

chandra rizky

chandra rizky

22 नवंबर, 2024 - 14:33 अपराह्न

दिल्ली गणेश जी की याद में मैं आज एक उनकी पुरानी फिल्म देखूंगा। जिस तरह से वो एक बूढ़े आदमी को दर्शाते थे, वो बहुत असली लगता था। उनके लिए एक शुभकामना 🙏

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