ईद उल-अधा क्या है और क्यों मनाते हैं?

ईद उल-अधा इस्लाम का बड़ा त्यौहार है, जो हज के आख़िरी दिन या उसके बाद के दसवें दिन मनाया जाता है। इस दिन मुसलमान अल्लाह की आज़ादी और हज़रत इब्राहिम (अ.स.) की अपनी बेटे इस्माइल (अ.स.) को बलिदान करने की कहानी याद करते हैं। इस बात को याद रखने के लिए लोग जानवरों की बलि (क़ुर्बानी) करते हैं और माँस बाँटते हैं।

ईद उल-अधा के मुख्य रीति‑रिवाज़

ईद से पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर कपड़े साफ‑सुथरे पहनें। फिर जुम्मा की नमाज़ (इफ़्तार) सुनहरा नसीब बनाती है—इतनी जल्दी नहीं, एकत्र होके एक साथ पढ़ते हैं। नमाज़ के बाद क़ुर्बानी की तैयारी शुरू होती है। रूपया, बकरी या घोड़े को सही ढंग से काटा जाता है, फिर माँस को तीन हिस्सों में बाँटा जाता है: एक खुद के लिये, एक रिश्तेदारों के लिये और एक गरीब लोगों को।

भेट‑भाँटे भी इस दिन के अहम हिस्से हैं। बच्चे नई चीज़ें पहनते‑पहँते हैं, दादियों‑दादियों को मिठाई और गिफ़्ट देकर ख़ुशी जताते हैं। हर घर में अज़ान के साथ ध्वनि पुकारें आवाज़ें गूँजती हैं, जिससे माहौल ख़ास बन जाता है।

ईद के खास व्यंजन और सजावट

ईद पर माँस के साथ कई स्वादिष्ट पकवान बनते हैं। बटर चिकन, बिरयानी, कबाब, भुना हुआ मछली—इनमें से कोई भी मेन्यू हो सकता है। मिठाईयों में खीर, फिरमी, हलवा, और कुरकुरे स्नैक्स जैसे समोसा और पकोड़े भी रखे जाते हैं। अगर घर में कोई शाकाहारी है तो दाल‑तड़का, पालक पनीर आदि जोड़ सकते हैं।

सजावट सरल रखी जाती है—इस्त्री, फूल, और रौशनी से घर को सजा दें। बच्चों के लिए रंगीन गुब्बारे या छोटे‑छोटे खिलौने रख सकते हैं। यह सब मिलकर ईद का माहौल बनाते हैं, जिससे हर कोई खुश रहता है।

अगर आप पहली बार ईद उल-अधा मना रहे हैं तो थोड़ा डर लग सकता है। लेकिन याद रखें, यह एक साथ मिलकर ख़ुशी बाँटने का दिन है। ज़रूरत नहीं कि आप बड़ी जानवरों की क़ुर्बानी करें—बड़ी बकरी या छोटा बकरी भी ठीक है, और जहाँ तक संभव हो, जरूरतमंदों को मदद देना सबसे बड़ा काम है।

तो इस ईद पर एक नया सवेरा, साफ़ कपड़े, और दयालुता का संदेश लेकर आप अपने परिवार और समाज को खुशियों से भर दें। ईद मुबारक!

भारत भर में सोमवार को मनाया जाएगा ईद उल-अधा का त्योहार: दिल्ली में तैयारियों का जोश

ईद उल-अधा, जिसे बकरीद के नाम से भी जाना जाता है, सोमवार को पूरे भारत में मनाई जाएगी। दिल्ली में तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं और मस्जिदों को रोशनी से सजाया गया है। रविवार शाम को बाजारों में भीड़ देखने को मिली। ईद की नमाज़ दिल्ली की जामा मस्जिद में सुबह 6:00 बजे और फ़तेहपुरी मस्जिद में 7:15 बजे पढ़ी जाएगी। यह उत्सव बुधवार शाम तक चलेगा।

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