शादी के बाद सरनेम बदलना सिर्फ सोशल प्रोफाइल तक सीमित नहीं रहता। वेतन, टैक्स और रिटायरमेंट सेविंग्स से जुड़ा EPF भी अपडेट होना चाहिए, वरना क्लेम अटक सकते हैं। EPFO ने प्रक्रिया सरल कर दी है, खासकर उन UAN के लिए जो 1 अक्टूबर 2017 के बाद Aadhaar-validated हैं। फिर भी एक बात तय है—रिक्वेस्ट बिना नियोक्ता (employer) की मंजूरी के आगे नहीं बढ़ती।
सबसे पहले नियम समझ लें। EPF खाते में जो नाम दर्ज है, वह आपके नियोक्ता ने UAN बनवाते समय दिया था। इसलिए बदलाव के लिए संयुक्त पहल जरूरी है—कर्मचारी रिक्वेस्ट डालता है और नियोक्ता उसे वेरिफाई करता है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रास्ते खुले हैं, पर दोनों में डॉक्यूमेंट्स और नाम की स्पेलिंग Aadhaar से 100% मैच होना अनिवार्य है।
किसे यह करना चाहिए? शादी के बाद सरनेम बदलने वालों के अलावा, जिनके नाम में स्पेलिंग गलती है, क्रम (first–middle–last) उल्टा है, या शुरुआती अक्षर/इनिशियल की वजह से KYC मैच नहीं हो रहा—सभी को यह अपडेट करना चाहिए। UAN एक बार बनता है और पूरी नौकरी में यही चलता है, इसलिए एक जगह की गलती का असर हर नौकरी और हर PF ट्रांसफर/क्लेम पर पड़ता है।
कागजी तैयारी कर लें। आमतौर पर आपको तीन चीजें चाहिए—मैरिज सर्टिफिकेट, अपडेटेड Aadhaar (नए नाम के साथ), और PAN। बैंक अकाउंट में भी वही नाम होना बेहतर है, ताकि क्लेम/पेंशन में रुकावट न आए। पासपोर्ट है तो अतिरिक्त सपोर्ट के तौर पर लगा सकते हैं।
एक आम गलतफहमी यह है कि पहले EPF में बदलिए, फिर बाकी KYC। असल में उल्टा करें—पहले Aadhaar और PAN पर नया नाम दर्ज कराएं, उसके बाद EPF में बदलाव मांगे। EPFO, UIDAI के डेटा से ऑटो-मैच करता है; mismatch हुआ तो रिक्वेस्ट रिजेक्ट हो जाएगी।
ऑनलाइन तरीका UAN पोर्टल पर सबसे तेज माना जाता है। लॉगिन करें, Manage में जाएं, फिर Modify Basic Details चुनें। यहां अपना नया नाम ठीक उसी तरह भरें जैसा Aadhaar पर छपा है—स्पेस, हाइफ़न, डॉट, सब वैसा ही। रिक्वेस्ट सबमिट करते ही स्टेटस दिखेगा: “Pending approval from Employer”. अब HR/Payroll टीम को सूचित करें ताकि वे ऑनलाइन मंजूरी दे सकें।
नियोक्ता के अप्रूवल के बाद EPFO बैकएंड में UIDAI से ऑटो वेरिफिकेशन चलता है। सब कुछ ठीक रहा तो आमतौर पर 7–30 दिनों में नाम अपडेट हो जाता है। इस दौरान आप UAN में जाकर स्टेटस देख सकते हैं। जरुरत पड़े तो अप्रूवल से पहले “Delete Request” दबाकर सुधार कर दोबारा सबमिट भी कर सकते हैं।
ऑफलाइन तरीके में जॉइंट डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होता है। इसमें UAN, पुराना नाम, नया नाम, बदलाव का कारण (Marriage/Spelling Correction आदि), और तिथि लिखें। साथ में मैरिज सर्टिफिकेट, अपडेटेड Aadhaar और PAN की कॉपी लगाएं। कर्मचारी और नियोक्ता—दोनों के हस्ताक्षर जरूरी हैं। पूरी फाइल अपने रीजनल PF ऑफिस में जमा कर दें। आमतौर पर प्रोसेसिंग में 1 महीना तक लग सकता है।
कई लोग पूछते हैं—अगर पुराना नियोक्ता बंद हो गया तो? ऐसे में दो रास्ते हैं: (1) अगर आपका वर्तमान नियोक्ता है, तो वह UAN-आधारित बदलाव को वेरिफाई कर सकता है, या (2) रीजनल ऑफिस में सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स के साथ डायरेक्ट एप्लिकेशन दें। कुछ केसों में EPFO ऑफिस अतिरिक्त दस्तावेज—आफिडेविट/गजट नोटिफिकेशन—मांग सकता है, खासकर जब मामला शादी से इतर सामान्य नाम परिवर्तन का हो।
नाम बदलने की वजह शादी है तो मैरिज सर्टिफिकेट ही प्राथमिक सबूत है। तलाक या पुनर्विवाह जैसे मामलों में कोर्ट/डिक्री और नया सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट मांगा जा सकता है। सामान्य (गैर-शादी) नाम परिवर्तन में अक्सर राज्य के गजट नोटिफिकेशन और शपथपत्र की जरूरत पड़ती है।
किन गलतियों से बचें? सबसे ज्यादा रिजेक्शन “Exact Match” नियम टूटने पर होता है। Aadhaar पर “Neha Kumari Sharma” और EPF में “Neha K. Sharma”—ये mismatch माना जाएगा। टाइटल (Mr/Ms) न जोड़ें, सिर्फ नाम लिखें। इनिशियल के बदले पूरा नाम लिखना बेहतर है, क्योंकि कई बैंक/KYC सिस्टम इनिशियल स्वीकार नहीं करते।
फॉर्म भरते समय नाम का क्रम तय रखें—पहला नाम, फिर मिडल, फिर सरनेम। क्षेत्रीय भाषा और अंग्रेजी—दोनों में नाम अलग-अलग होने पर भी दिक्कत आ सकती है; Aadhaar पर जो अंग्रेजी संस्करण है, उसी को बेस मानें।
दस्तावेज़ों पर तारीख और हस्ताक्षर साफ रखें। स्कैन कॉपी धुंधली हो तो वेरिफिकेशन लटक जाता है। कंपनी बदली है? चिंता नहीं। UAN एक ही रहता है, इसलिए नाम सुधार एक बार हो गया तो आपकी सभी भविष्य की नौकरियों में वही नाम दिखेगा, बस KYC फिर से सीड/अप्रूव कराएं।
क्या कोई फीस लगती है? नहीं, EPFO नाम बदलने के लिए शुल्क नहीं लेता। बिचौलियों से बचें; HR टीम और रीजनल ऑफिस ही सही चैनल हैं।
अपडेट के बाद क्या-क्या बदलता है? UAN प्रोफाइल, EPF पासबुक, e-Nomination, और भविष्य के क्लेम/ट्रांसफर में नया नाम दिखेगा। UAN नंबर वही रहता है। अगर बैंक खाते में पुराना नाम है, तो तुरंत बैंक में भी KYC अपडेट कराएं, नहीं तो क्लेम क्रेडिट फेल हो सकता है।
ट्रैक कैसे करें? UAN पोर्टल पर Modify Basic Details में स्टेटस देखें—Submitted, Employer Pending, EPFO Pending, Approved/Rejected। रिजेक्शन आया तो कारण पढ़ें—अक्सर “Aadhaar mismatch” या “document not legible” लिखा होता है। गलती सुधारें और दोबारा भेजें।
अगर मामला अटक गया है? कंपनी की मंजूरी नहीं मिल रही? HR से लिखित ईमेल/रिक्वेस्ट रखें। लंबित केस में आप EPFO के क्षेत्रीय कार्यालय में जॉइंट डिक्लेरेशन के साथ आवेदन कर सकते हैं। जरूरत पड़े तो पब्लिक ग्रिवेन्स मैकेनिज्म पर शिकायत दर्ज करना विकल्प है; शिकायत में UAN, नियोक्ता का नाम, जमा किए गए दस्तावेज़ और डेट-वाइज ट्रेल लिखें।
टाइमलाइन क्या मानें? ऑनलाइन मंजूरी के बाद 7–30 दिन। ऑफलाइन में 2–4 हफ्ते आम हैं, लेकिन डॉक्यूमेंट चेक में देरी हो सकती है। त्योहारी सीजन/वित्त वर्ष के अंत में प्रोसेसिंग धीमी पड़ना सामान्य है, इसलिए HR से फॉलो-अप बनाए रखें।
आखिर में एक चेकलिस्ट:
EPFO ने Aadhaar-validated UAN के लिए प्रक्रियाएं हल्की की हैं—कई बदलाव अब मेंबर-एम्प्लॉयर स्तर पर निपट जाते हैं। सही डॉक्यूमेंट्स और समय पर एम्प्लॉयर अप्रूवल मिले तो EPF name correction बिना किसी बाधा के हो जाता है, और आपके रिटायरमेंट फंड रिकॉर्ड्स सभी जगह एक जैसे दिखते हैं।