पिछले हफ्ते इज़राइल की सेना ने सोशल मीडिया पर एक नक्शा पोस्ट किया जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान के हिस्से में दिखाया गया। इस छोटे से गलती ने भारत‑इज़राइल रिश्तों में अचानक तनाव पैदा कर दिया। कई लोग इसे ‘गलत नक्शा’ कहकर आलोचना कर रहे हैं, जबकि इज़राइल सरकार ने तुरंत माफी माँगी।
यह नक्शा सिर्फ एक चित्र नहीं था; सोशल मीडिया पर लाखों शेयर और कमेंट्स के साथ यह बात पूरे भारत में चर्चा बन गई। लोग अपने विचार व्यक्त करने लगे – कुछ ने इज़राइल को ‘भूल’ कहा, तो कुछ ने इसे ‘राजनीतिक चाल’ माना। इस वजह से भारतीय विदेश मंत्रालय ने इज़राइल से स्पष्टीकरण मांगा और दोनों देशों के बीच कूटनीति टीमों ने मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की।
इज़राइल की जल्द‑बाज माफी ने स्थिति को थोड़ा शांत किया, लेकिन कई विशेषज्ञ कहते हैं कि ऐसे छोटे‑छोटे कदम भविष्य में बड़े विवाद का कारण बन सकते हैं। अगर दोनों देशों के बीच भरोसा नहीं बना रहा तो व्यापार, तकनीक और सुरक्षा सहयोग पर भी असर पड़ेगा।
भले ही नक्शा वाकया ने हल्का झटका दिया, लेकिन भारत‑इज़राइल रिश्ते अभी मजबूत हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग, कृषि प्रौद्योगिकी और स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम में कई समझौते चल रहे हैं। हाल ही में दोनो देशों ने मिलकर एक नई जलवायु परियोजना की घोषणा भी की है। इस कारण से व्यापारिक टर्नओवर बढ़ रहा है और निवेशकों को भरोसा मिला हुआ है।
फिर भी, राजनीतिक माहौल बदलता रहता है। कश्मीर मुद्दे पर भारत की सख़्त रुख हमेशा इज़राइल जैसे देशों के साथ तालमेल में बाधा बन सकता है। इसलिए दोनों पक्षों को इस तरह की गलतियों से बचने के लिए अधिक सतर्क रहना चाहिए।
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इजरायली रक्षा बलों द्वारा लेबानन के दक्षिणी बेरूत में हवाई हमले किए गए, जिसमें एक ही परिवार के आठ लोग मारे गए और 12 अन्य घायल हो गए। यह हमले हिज़बुल्लाह के ठिकानों पर किए गए थे, जो कि लेबानन में सक्रिय एक सशस्त्र समूह है। इस घटना के बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता की लहर दौड़ गई है।
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