अगर आप पोर्श चलाते हैं तो सड़कों पर तेज़ी से जाना आम बात लगती है, लेकिन तेज़ गति अक्सर दुर्घटना का कारण बनती है। हाल के कुछ पोरशे कार क्रैश की खबरों में यह साफ़ दिखता है कि टायर फटना, ब्रेक फेल होना या अचानक मोड़ लेना प्रमुख वजहें हैं। इस लेख में हम बता रहे हैं कि इन कारों को कैसे सुरक्षित चलाएँ और दुर्घटना होने पर क्या कदम उठाएँ।
पहला कारण है रफ्तार। पोर्श की पावर बहुत ज़्यादा होती है, इसलिए गति सीमा का पालन न करने से ब्रेक को ज्यादा दबाव मिलता है और टायर घिसते हैं। दूसरा, कई बार ड्राइवर नेगेटिव मौसम में भी हाई स्पीड पर चलते हैं – बरफ़ या बारिश में सड़कों का ग्रिप घट जाता है और कार फिसल सकती है। तीसरा कारण है रख‑रखाव की कमी। अगर ब्रेक पैड घिसे हों या तेल कम हो तो अचानक रोकना मुश्किल हो जाता है, जिससे टक्कर लगती है।
अगर आप पोरशे में क्रैश का शिकार होते हैं, सबसे पहले खुद को और सवारों को सुरक्षित जगह ले जाएँ। अगर कार चल नहीं रही तो हिलाने की कोशिश न करें; इससे चोटें बढ़ सकती हैं। तुरंत 112 पर कॉल करके मदद माँगें और पुलिस रिपोर्ट बनवाएँ। फोटो खींचकर नुकसान का दस्तावेज़ रखें, यह बीमा क्लेम में काम आएगा। फिर अपनी इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करें और आवश्यक फॉर्म भरें।
इसी बीच, यदि आप कार को चलाने से पहले कुछ छोटे-छोटे कदम उठाएँ तो कई दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। नियमित रूप से टायर प्रेशर चेक करें, ब्रेक की आवाज़ पर ध्यान दें और समय‑समय पर सर्विस बुकिंग कराएँ। बारिश में ड्राइव करते समय स्पीड कम रखें और सस्पेंशन को सही सेटिंग पर रखेँ। हाईवे पर ओवरटेक करने से पहले पीछे के मिरर और ब्लाइंड स्पॉट्स देखना न भूलें, खासकर जब आप पोर्श जैसी तेज़ कार चला रहे हों।
सुरक्षित ड्राइविंग का एक आसान तरीका है – एडेप्टिव क्रूज़ कंट्रोल या लैन असिस्ट जैसे इंटेलिजेंट फीचर को ऑन रखें। ये सिस्टम अचानक ब्रेक लगाते हैं और साइड में निकलने से रोकते हैं, जिससे टक्कर की संभावना घटती है। अगर आपके पोर्श में यह ऑप्शन नहीं है तो मोबाइल एप के जरिए रीयल‑टाइम ट्रैफिक अपडेट ले सकते हैं, इससे भी फॉल्ट कम हो सकता है।
अंत में याद रखें कि पोर्श सिर्फ एक लक्ज़री कार नहीं, बल्कि एक तकनीकी चमत्कार है। इसे ठीक से देखभाल करने पर यह कई सालों तक भरोसेमंद रहेगी और दुर्घटनाओं की संभावना बहुत घटेगी। यदि आप इन टिप्स को अपनाएँगे तो न केवल खुद सुरक्षित रहेंगे, बल्कि दूसरों को भी नुकसान‑नुमा स्थितियों से बचा पाएँगे।
सोमवार को पुणे पुलिस ने ससून जनरल हॉस्पिटल के तीन मेडिकल स्टाफ को खून के नमूने में हेराफेरी और सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया। आरोपी डॉक्टर अजय तवारे, फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख, डॉक्टर श्रीहरि हलनोर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, और अस्पताल कर्मचारी अतुल घाटकमले हैं।
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