ओला इलेक्ट्रिक ने अपने बहुप्रतीक्षित S1 जनरेशन 3 पोर्टफोलियो के तहत आठ नए स्कूटर मॉडल लॉन्च किए हैं, जो न सिर्फ नवाचार से भरपूर हैं, बल्कि कीमत और प्रदर्शन में भी काफी प्रभावशाली हैं। स्कूटरों की यह नई रेंज ₹79,999 से शुरू हो कर ₹1,69,999 तक जाती है। ये स्कूटर विभिन्न बैटरी क्षमताओं के साथ उपलब्ध हैं, जिसमें सबसे ऊपरी रेंज वाला मॉडल S1 प्रो+ है। कंपनी ने यह नई रेंज उन्नत सीओटीएस (कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ) तकनीकी के साथ पेश की है, जिससे इन्हें लेकर ग्राहकों की अपेक्षाओं को और बढ़ाया गया है। इस रेंज में स्कूटरों के प्रदर्शन में वृद्धि के साथ-साथ दक्षता और सुरक्षा को भी अधिकतल्ल किए गए हैं।
ओला के नए जनरेशन 3 स्कूटरों में एक मिड-ड्राइव मोटर और चेन ड्राइव सिस्टम का उपयोग किया गया है, जो प्रदर्शन और विश्वसनीयता को अधिकतम करता है। इन्हें और भी उन्नत बनाने के लिए ओला ने एकीकृत MCU (मोटर कंट्रोल यूनिट) का संचालन किया है। इसका उद्देश्य बेहतर रेंज और दक्षता देना है, जिससे यह स्कूटर अन्य मॉडलों के मुकाबले 20% अधिक पावर जनरेट करते हैं। इसके अलावा, इसकी सर्विसिंग लागत में 11% की कमी और रेंज में 20% की वृद्धि देखने को मिलती है। इस रेंज के स्कूटरों में पहली बार ड्यूल ABS और पेटेंटेड ब्रेक-बाय-वायर टेक्नोलॉजी का उपयोग हुआ है, जिससे यह 15% तक अधिक ऊर्जा रिकवरी कर सकते हैं।
S1 प्रो मॉडल को 4kWh और 3kWh बैटरी विकल्पों के साथ पेश किया गया है, जिनकी कीमतें क्रमश: ₹1,34,999 और ₹1,14,999 हैं। इसी प्रकार, S1 X रेंज में 2kWh, 3kWh, और 4kWh वैरिएंट पेश किए गए हैं, जिनकी कीमतें क्रमश: ₹79,999, ₹89,999, और ₹99,999 हैं। साथ ही, S1 X+ का 4kWh बैटरी विकल्प भी ₹1,07,999 में उपलब्ध है। इन विकल्पों की उपलब्धता न सिर्फ ग्राहकों को वित्तीय विविधता देती है, बल्कि उनके लिए ईवी खरीदने के चॉइस को भी विस्तारित करती है।
ओला इलेक्ट्रिक के इस नए पोर्टफोलियो की डिलीवरी मध्य फरवरी से शुरू हो जाएगी। इस लॉन्चिंग के बाद कंपनी के शेयर बाजार में इसके शेयरों में भी उछाल आया और BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर उनके शेयर 9.78% बढ़कर ₹73.39 पर पहुंच गए। यह सफलता कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है और इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में उनके उपकरणों की बढ़ रही लोकप्रियता को भी दर्शाता है। इसे देखते हुए कंपनी ने भारत के विभिन्न हिस्सों में अपनी उपस्थिति को और बढ़ाने की योजना बनाई है, ताकि वे अपने उपभोक्ताओं तक और भी आसानी से पहुंच सकें।