हर रोज़ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि प्लेटफ़ॉर्म पर नई ख़बरें उभरती हैं। कभी‑कभी ये खबरें सच्ची होती हैं तो कभी झूठी या गड़बड़ी वाली। इस लेख में हम हाल की सबसे चर्चा वाली पोस्ट्स को देखेंगे और आपको बतायेंगे कैसे सुरक्षित रहना है।
पिछले महीने एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कहा गया था कि नॉरा फतेही का दम हो गया। असली रिपोर्टिंग ने पाया कि वह जीवित है और वीडियो एडिट किया गया था। इस तरह के केस अक्सर दिखते हैं—किसी भी समाचार को शेयर करने से पहले आधिकारिक स्रोत की जाँच ज़रूर करें।
इज़राइल सेना ने सोशल मीडिया पर कश्मीर का नक्शा पाकिस्तान में दिखा दिया, जिससे भारत‑इज़राइल रिश्तों में तनाव आया। जल्द ही इज़राइल ने माफी मांगी, लेकिन नुकसान हो चुका था। ऐसे अंतरराष्ट्रीय पोस्ट्स अक्सर भावनाओं को उकसाते हैं और जल्दी प्रतिक्रिया देने से बचें।
एक और उदाहरण है एक झूठा ट्रेंड जिसमें कहा गया कि कोई बड़ी कंपनी का शेयर 2070 रुपये तक जा रहा है। निवेश के बारे में ऐसी अफ़वाहों पर भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये अक्सर स्कीमर बनाते हैं।
पहला नियम – स्रोत देखो। अगर पोस्ट किसी सरकारी या विश्वसनीय समाचार एजेंसी से नहीं है तो उसकी सच्चाई पर सवाल उठाएँ।
दूसरा, स्क्रीनशॉट या वीडियो को सीधे साझा न करें। अगर आपको संदेह हो तो फेक‑डिटेक्टर टूल्स (जैसे InVID) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
तीसरा, व्यक्तिगत जानकारी कम से कम रखें। कई फ़ेक अकाउंट आपके डेटा चुराने के लिए बनते हैं; पासवर्ड दो‑फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू रखें।
चौथा, प्लेटफ़ॉर्म की रिपोर्टिंग सुविधा का इस्तेमाल करें। जब आप किसी पोस्ट को झूठा समझते हैं तो उसे मार्क करके साइट को सचेत कर सकते हैं। यह न केवल आपके लिए बल्कि दूसरों के लिए भी फायदेमंद है।
अंत में, ट्रेंड्स पर नजर रखें लेकिन उन्हें blindly follow न करें। अगर कोई ख़बर बहुत ज़्यादा हाइलाइटेड लगती है तो अक्सर इसका मतलब है कि लोग इसे sensationalize कर रहे हैं।
सोशल मीडिया हमारी रोज़मर्रा की बातों को तेज़ी से फैलाता है, पर वही हमें सतर्क भी बनाता है। सही जानकारी का चयन करके हम न केवल खुद बचते हैं बल्कि दूसरों को भी गलतफ़हमी से दूर रख सकते हैं। इस तरह के छोटे‑छोटे कदम हमारे ऑनलाइन माहौल को बेहतर बना देंगे।
आशा है यह गाइड आपके लिए मददगार रहा होगा। अगली बार जब आप कोई नया पोस्ट देखें, तो ऊपर बताए गए टिप्स याद रखें और सोच-समझ कर शेयर करें।
हाल ही में दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के साथ सरकार की मदद से बम धमकी देने वालों का पता लगाने के लिए कदम उठाए हैं। छह दिनों में 70 से ज्यादा बम धमकी की घटनाएं हुई हैं, जिससे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हुई हैं। इन धमकियों के कारण यात्रियों और एयरपोर्ट स्टाफ को असुविधा का सामना करना पड़ा है। इनको लेकर एक विशेष जांच टीम भी बनाई गई है।
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