जब हम तापमान रिकॉर्ड, एक विशेष समयावधि में दर्ज किया गया उच्चतम या न्यूनतम तापमान की बात करते हैं, तो यह सिर्फ आँकड़ा नहीं बल्कि मौसम विज्ञान, जलवायु परिवर्तन और जनजीवन के कई पहलुओं का संकेतक है। इसे अक्सर मौसम, वायुमंडलीय स्थितियों का समग्र चित्र या जलवायु परिवर्तन, दीर्घकालिक तापमान व वर्षा पैटर्न में बदलाव से जोड़ा जाता है। भारत में IMD, इंडिया मौसम विज्ञान विभाग, जो राष्ट्रीय स्तर पर तापमान रिकॉर्ड एकत्र करता है इस डेटा का मुख्य स्रोत है। इस प्रकार तापमान रिकॉर्ड एक ऐसा मापदण्ड बनता है, जो स्थानीय जीवन, कृषि योजना और आपदा प्रबंधन से सीधे जुड़ा रहता है।
तापमान रिकॉर्ड बनाने की प्रक्रिया तकनीकी और वैज्ञानिक दोनों पहलुओं पर टिकी होती है। मौसम विज्ञानियों को सतत स्टेशन, उपग्रह इमेजरी और एयरोफोन डेटा को मिलाकर औसत, अधिकतम और न्यूनतम तापमान निकालना पड़ता है। इन आँकड़ों में छोटे‑छोटे उतार‑चढ़ाव भी बड़ी कहानी बता सकते हैं—जैसे कि पिछले साल राजस्थान में 6 अक्टूबर को भारी बरसात और बर्फीले ओले आए, जिससे तापमान 3‑5°C तक गिरा। ऐसी गिरावट को एक रिकॉर्ड घटना माना जाता है, क्योंकि यह सामान्य रुझानों से उल्लेखनीय रूप से भिन्न होती है। इसी तरह, जब IMD ने अगले 72 घंटे में महाराष्ट्र में रेड अलर्ट जारी किया, तो तापमान में अचानक गिरावट और अत्यधिक बरसात के कारण कई क्षेत्रों में नया न्यूनतम दर्ज हुआ। इन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि तीव्र मौसम घटनाएँ तापमान रिकॉर्ड को सीधे प्रभावित करती हैं, और रिकॉर्ड की निगरानी से भविष्य की मौसम चेतावनियों का अनुमान लगाया जा सकता है।
देश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज तापमान रिकॉर्ड सामाजिक‑आर्थिक क्षेत्रों को भी आकार देते हैं। उत्तर-पूर्व में अक्सर अत्यधिक तापमान के कारण स्वास्थ्य जोखिम बढ़ते हैं, जबकि उत्तर‑पश्चिम में अचानक गिरावट फसल के विकास को बाधित करती है। उदाहरण के तौर पर, हिमाचल प्रदेश का 25 साल बाद लॉटरी पुनरायात निर्णय भी वित्तीय तनाव को कम करने के लिये तापमान‑संबंधी ऊर्जा उपयोग को नियंत्रित करने की नीतियों से जुड़ा है। इसी तरह, जलवायु परिवर्तन की प्रवृत्ति के तहत भारत में तेज़ी से बढ़ती तापमान सीमा ने ऊर्जा विभाग को बॉयलर‑बेस्ड पावर प्लांट्स की दक्षता बढ़ाने के लिए कदम उठाने पर मजबूर किया, जैसा कि अदानी पावर के स्टॉक स्प्लिट में देखा गया। इस प्रकार तापमान रिकॉर्ड सिर्फ एक विज्ञान‑पर्याप्त आँकड़ा नहीं, बल्कि नीति‑निर्माण, आर्थिक योजना और जनस्वास्थ्य में दिशा‑निर्देश बन जाता है।
जब आप नीचे की सूची पढ़ेंगे, तो आप देखेंगे कि टॉपिक कैसे व्यापक रूप से तापमान रिकॉर्ड के विभिन्न पहलुओं को कवर करता है—भारी बारिश, रेड अलर्ट, जलवायु‑संबंधी नीतियां, और क्षेत्रीय तापमान बदलाव। प्रत्येक लेख में विशिष्ट घटना या डेटा पॉइंट को उजागर किया गया है, जिससे आप अपने दैनिक जीवन या पेशेवर निर्णय में ताज़ा, भरोसेमंद जानकारी जोड़ पाएँगे। चाहे आप मौसम के शौकीन हों, किसान, स्वास्थ्य पेशेवर या निवेशक, यह संग्रह आपके लिए प्रासंगिक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। अब नीचे स्क्रॉल करके देखें कि किन-किन खबरों ने हाल ही में भारत में तापमान रिकॉर्ड को नया मोड़ दिया है।
दिल्ली ने सितंबर 2024 में 38.1 °C का अधिकतम तापमान दर्ज किया, जो दो साल में सबसे गर्म दिन बन गया। दक्षिणपश्चिमी मानसून की जल्दी निकासी ने इस असामान्य गर्मी को बढ़ावा दिया।
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