आप रोज़ाना समाचार देखते हैं, पर कभी सोचा है कि उन खबरों का आपके निवेश पर क्या असर पड़ता है? यहाँ हम वित्तीय जांच टैग के तहत सबसे ज़रूरी शेयर अपडेट, कंपनी की क्वार्टर रिपोर्ट और बाजार में चल रहे रुझानों को आसान भाषा में बताते हैं। पढ़ते ही आपको पता चलेगा कि कौन-सा स्टॉक बुलिश है, कौन‑से सेक्टर में जोखिम बढ़ा है और अगले कदम क्या उठाने चाहिए।
Q1 FY25 के परिणाम कई बड़ी कंपनियों ने अभी रिलीज़ किए हैं। रिलायंस, इन्फोसिस, TCS जैसे IT दिग्गजों की आय में हल्का बढ़ावा दिख रहा है, पर Wipro और HCL Tech को थोड़ा दबाव झेलना पड़ रहा है। अगर आप टेक सेक्टर में निवेश कर रहे हैं तो इन कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन और ऑर्डर बैकलॉग को देखिए – इससे आपको तय करना आसान होगा कि किस स्टॉक को पकड़ना चाहिए।
वित्तीय क्षेत्र की बात करें तो CDSL और NSDL ने अपने शेयरों में हल्का उतार‑चढ़ाव दिखाया। CDSL के शेयर हाल ही में IPO की वजह से थोड़ा दबाव में आए, पर अब कंपनी की मार्केट कैप बढ़ रही है और निवेशकों का भरोसा फिर से बन रहा है। ऐसे मौके में अगर आप दीर्घकालिक निवेश सोच रहे हैं तो डिविडेंड इतिहास और रेज़िलिएंस स्कोर देखना फायदेमंद रहेगा।
BSE की ताज़ा प्रेडिक्शन बताती है कि इक्विटी डेरिवेटिव्स में वॉल्यूम बढ़ रहा है, जो ट्रेडिंग एक्टिविटीज़ को हाईलाइट करता है। अगर आप छोटे‑से‑छोटे बदलाव से भी फायदा निकालना चाहते हैं तो फ्यूचर्स और ऑप्शन्स की ओपन इंटरेस्ट पर नज़र रखें। साथ ही, SEBI के नए नियामक कदमों का असर भी नजर में रखिए – कभी‑कभी ये परिवर्तन अचानक मार्केट को हिलाते हैं।
एक और बात जो अक्सर अनदेखी रहती है वह है शेयर बायबैक या डिविडेंड घोषणा। जब कोई कंपनी बायबैक की योजना बनाती है तो उसका स्टॉक अक्सर सपोर्ट लेवल पर रहता है, क्योंकि निवेशकों का विश्वास बढ़ जाता है। इसलिए इन घोषणाओं को ट्रैक करना आपके पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।
सारांश में, वित्तीय जांच टैग आपको सिर्फ खबरें नहीं देता, बल्कि उन ख़बरों के पीछे की वजह और संभावित असर भी समझाता है। आज ही इन अपडेट्स को फ़ॉलो करें, अपने पोर्टफोलियो को रे‑एडजस्ट करें और मार्केट की लहरों पर स्थिर रहें।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने क्वांट म्यूचुअल फंड, जिसका स्वामित्व संदीप टंडन के पास है, पर फ्रंट-रनिंग गतिविधियों के संदेह में तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की। यह कार्रवाइयां मुंबई मुख्यालय और हैदराबाद में एक संदिग्ध लाभकारी स्वामित्व पते पर की गईं।
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