उत्तर प्रदेश के 39 जिलों में तेज बारिश का अलर्ट, गोरखपुर पर नजर
इस बार मानसून ने eastern यूपी और बिहार में दस्तक देते ही मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। इंडिया मीटिरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने UP Weather Alert जारी करते हुए प्रदेश के 39 जिलों में ऑरेंज अलर्ट का एलान कर दिया है। इसमें गोरखपुर, बलिया, बस्ती, संत कबीर नगर, देवरिया, आजमगढ़, कुशीनगर, महाराजगंज, और सिद्धार्थनगर जैसी पूर्वांचल की कई जगहें शामिल हैं। इस बार बारिश का दौर सिर्फ सामान्य नहीं, बल्कि भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना लेकर आया है, जो 22 जून तक जारी रह सकता है।
IMD के 19 जून की प्रेस रिलीज़ ने साफ़ किया कि अब तक बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के ज़्यादातर हिस्से दक्षिण-पश्चिम मानसून में आ चुके हैं। इस वजह से कई जिलों में भारी बादल छाये हुए हैं और लगातार तेज़-तेज़ बारिश हो रही है। खास बात ये है कि मेघालय जैसी पूर्वोत्तर की जगहों पर भी 18 जून को रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई, तो यूपी और उसके आसपास के राज्यों में अगले कुछ दिनों तक इसी मिजाज की संभावना जताई गई है।
तापमान 42 डिग्री के पार, बारिश के बावजूद गर्मी बरकरार
बारिश के बावजूद यूपी वालों को राहत कम ही मिली है। प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान 33°C से 42°C के बीच झूल रहा है। अब भारी बरसात की वजह से जहां नमी और उमस का स्तर बढ़ गया है, वहीं किसानों, खासतौर से धान बोने वाले किसानों के लिए यह बरसात राहत भी लेकर आई है। लेकिन, शहरों में जलभराव, ट्रैफिक जाम, बिजली कटौती और लोकल ट्रेनों में देरी जैसी दिक्कतें उभर सकती हैं।
अलर्ट के मुताबिक, 39 जिलों में 22 जून तक विभिन्न स्थानों पर तेज या बहुत तेज बारिश हो सकती है। ये बारिश कभी-कभी शाम के समय अचानक हो सकती है, जिससे बाजार, स्कूल और दफ्तर से निकलने वालों को परेशानी हो सकती है। IMD ने साफ तौर पर बताया है कि लोगों को सतर्क रहना चाहिए, फालतू बाहर निकलने से बचना बेहतर रहेगा, खासकर जिन इलाकों में पहले से जलभराव की समस्या रहती है।
- स्कूल-कॉलेज के टाइमिंग बदल सकते हैं, बच्चे सुबह जल्दी निकलें तो सही रहेगा।
- मोटरसाइकिल और खुले वाहन से निकलने से बचें, छतरी या रेनकोट लेकर ही बाहर निकलें।
- बिजली के तार-कॉलोनी के लो टेंशन इलाके खास ध्यान रखें, कहीं बिजली न गिरे या करंट न फैले।
- खेतों में जाने से पहले देखने-समझने के बाद काम करें, बच्चे घर में ही रहें।
प्रदेश सरकार और प्रशासन ने जिला स्तर पर टीम लगाई है कि किसी भी आपात स्थिति के वक्त तुरंत मदद पहुंचाई जा सके। मानसून के ऐसे दौर में जहां धान, मक्का और सब्जी किसानों को लाभ मिल सकता है, वहीं शहरी जीवन फिर भी थोड़ी परेशानियों का सामना कर सकता है। मौसम विभाग लगातार अपडेट दे रहा है—लोगों को सलाह दी गई है कि हर रोज़ दोपहर और शाम का मौसम अपटेड सुन लें। सड़कों पर पानी भरे तो छोटी गाड़ियों से निकलने के बजाय सुरक्षित जगह या सार्वजनिक वाहन ही चुनें।
Mohit Parjapat
21 जून, 2025 - 00:51 पूर्वाह्न
ये मानसून तो अब भारत का नया नेता बन गया है! 🌧️🔥 जहां जाएगा, वहां अलर्ट लगा देगा। गोरखपुर में पानी आया तो लोगों ने बैठकर चाय पीना शुरू कर दिया। अब तो सरकार को भी बारिश के लिए धन्यवाद देना पड़ेगा!
Sumit singh
22 जून, 2025 - 03:37 पूर्वाह्न
इतनी बारिश के बावजूद तापमान 42°C? ये तो जलवायु परिवर्तन का सीधा परिणाम है। हमने नहीं सुना कि किसी ने बारिश को अपना राष्ट्रीय अभियान बनाया है? अब तो हर बारिश के बाद बिजली कटौती, ट्रैफिक जाम, और बच्चों के स्कूल बंद होना ही नया नॉर्मल है।
Devi Trias
22 जून, 2025 - 07:24 पूर्वाह्न
मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट का विश्लेषण करने पर, यह स्पष्ट है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रवाह दर असामान्य रूप से उच्च है। जलभराव की समस्या के लिए स्थानीय निकायों को जल निकासी व्यवस्था में तुरंत सुधार करना चाहिए।
Kiran Meher
23 जून, 2025 - 17:31 अपराह्न
ये बारिश हमारे लिए बरकत है भाई! 🙏 धान के खेत अब हरे-भरे हो रहे हैं, और गर्मी से राहत मिल रही है। शहरों में जलभराव हो रहा है? तो उसे भी अपना नया फैशन बना लो! जिस दिन बारिश होगी, उस दिन घर से निकलने का इंतजार करो... और फिर बारिश के बीच डांस करो! 💃🌧️
Tejas Bhosale
25 जून, 2025 - 09:35 पूर्वाह्न
मानसून का फेज़ अब सिस्टमिक इंफ्रास्ट्रक्चर फेलियर का ट्रिगर है। लोकल ट्रेन्स, ड्रेनेज, बिजली नेटवर्क - सब एक अलग अलग लेयर में डिसोनेंट। इंडिया में जो बारिश हो रही है, वो एक एल्गोरिदमिक रिस्पॉन्स नहीं, बल्कि एक डायनामिक रिस्पॉन्स है। तैयार रहो।
Asish Barman
25 जून, 2025 - 22:25 अपराह्न
अलर्ट तो हर साल आता है लेकिन अभी तक कोई इम्प्रूवमेंट नहीं हुआ। बस बारिश होती है, गाड़ियां फंसती हैं, बिजली जाती है, और फिर से वही चक्र। अब तो मैं बारिश के दिन घर पर ही रहता हूं। बाहर निकलने की जरूरत ही नहीं।
Abhishek Sarkar
26 जून, 2025 - 01:07 पूर्वाह्न
ये सब एक बड़ा अफवाह है। जानते हो क्या हो रहा है? अमेरिका और चीन ने एक नया मौसम हथियार बना लिया है - जिसे वो भारत पर इस्तेमाल कर रहे हैं। ये बारिश नहीं, ये क्लाइमेट वेपन है। जब तक हम अपनी सड़कों को नहीं बदलेंगे, तब तक ये टेस्टिंग जारी रहेगा। अगर आपको लगता है ये बारिश है, तो आप बहुत ज्यादा भरोसा कर रहे हैं।
Niharika Malhotra
26 जून, 2025 - 20:14 अपराह्न
हर बारिश के साथ एक नई उम्मीद भी आती है। किसानों के लिए ये बरकत है, और हमें इसे समझना चाहिए। शहरी लोगों के लिए ये चुनौती है, लेकिन चुनौती का मतलब असफलता नहीं, बल्कि सीखने का मौका है। अगर हम साथ मिलकर जल निकासी, सड़कों और आपातकालीन योजनाओं पर काम करें, तो ये बारिश हमारे लिए एक बड़ा संदेश बन सकती है।
Baldev Patwari
28 जून, 2025 - 20:09 अपराह्न
ये सब इतना बड़ा क्यों बनाया जा रहा है? बारिश हो रही है, तो बस बरस दो। इतने अलर्ट, इतनी प्रेस रिलीज़... बस अपनी जिम्मेदारी निभाओ। सरकार का जो भी बजट है, उसमें से थोड़ा बारिश के लिए निकाल दो। नहीं तो अगली बार जब बारिश होगी, तो आप फिर से एक नया अलर्ट जारी करोगे।
harshita kumari
30 जून, 2025 - 05:44 पूर्वाह्न
ये बारिश अचानक आ रही है क्योंकि लोगों ने अपने घरों में वास्तु शास्त्र का पालन नहीं किया। अगर आपके घर का दरवाजा उत्तर की ओर नहीं है, तो मानसून आपके घर को नहीं मानता। और जब वो नहीं मानता, तो वो अपना गुस्सा जिलों पर उतार देता है। आपका घर किस दिशा में है?
SIVA K P
1 जुलाई, 2025 - 08:12 पूर्वाह्न
अरे भाई, बारिश के लिए इतना अलर्ट? तुम्हारे शहर में तो बारिश होती ही नहीं अगर तुम बाहर निकलोगे तो तुम्हारी गाड़ी बह जाएगी। बस एक बार निकल जाओ और फिर रोते रहो। अब तो बारिश भी बिना अलर्ट के नहीं होती। ये कौन सा देश है? जापान?
Neelam Khan
2 जुलाई, 2025 - 08:53 पूर्वाह्न
बच्चों को घर में रखो, बारिश में खेलने दो नहीं, लेकिन उन्हें बारिश की आवाज़ सुनाओ। ये बारिश एक नया गीत है - जो हमें धीरे-धीरे समझना होगा। बारिश ने हमें याद दिलाया है कि प्रकृति हमारी माँ है। बस थोड़ा सा सम्मान कर दो।
Jitender j Jitender
4 जुलाई, 2025 - 07:03 पूर्वाह्न
मानसून के इस फेज़ में इंफ्रास्ट्रक्चर रिसिलिएंस की डिग्री बहुत कम है। हमने ड्रेनेज, ट्रांसपोर्ट, और एनर्जी नेटवर्क को एक सिंगल पॉइंट ऑफ़ फेलियर के रूप में डिज़ाइन किया है। अगर हम डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम्स की ओर बढ़ें - लोकल रिसोर्सेज, डीसेंट्रलाइज्ड एनर्जी, और कम्युनिटी-बेस्ड रिस्पॉन्स - तो ये बारिश हमारे लिए एक ट्रांसफॉर्मेशनल ऑपरेशन बन सकती है।
Jitendra Singh
5 जुलाई, 2025 - 08:52 पूर्वाह्न
हर बारिश के बाद एक ही चीज़ बदलती है - लोगों का अलर्ट लेवल। बाकी सब कुछ वैसा ही रहता है। जब तक तुम अपनी जिम्मेदारी नहीं लोगे, तब तक ये चक्र चलता रहेगा। बारिश तो बरस रही है, लेकिन तुम्हारा दिमाग अभी भी बारिश के बाहर है।
VENKATESAN.J VENKAT
5 जुलाई, 2025 - 14:58 अपराह्न
इस बारिश ने दिखा दिया कि जो लोग अपने घर के आसपास गंदगी फैलाते हैं, वो अपने भविष्य को बहा रहे हैं। अगर तुम्हारी सड़क पर पानी भर रहा है, तो ये तुम्हारी गंदगी का नतीजा है। बारिश ने नहीं, तुमने खुद अपने शहर को बहा दिया है। अब तुम्हें अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी।