वैश्विक दक्षिण शिखर सम्मेलन में PM मोदी का संदेश: तनाव और संघर्ष सभी देशों के लिए गंभीर मुद्दा

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वैश्विक दक्षिण शिखर सम्मेलन में PM मोदी का संदेश: तनाव और संघर्ष सभी देशों के लिए गंभीर मुद्दा

वैश्विक दक्षिण शिखर सम्मेलन में मंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अगस्त 2024 को वर्चुअल माध्यम से आयोजित 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन' में विभिन्न देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस तीसरे संस्करण के सम्मेलन का मुख्य विषय 'सतत भविष्य के लिए सशक्त वैश्विक दक्षिण' था, जिसमें वैश्विक दक्षिण के देशों को एक मंच पर लाकर उनके साझा प्राथमिकताओं और समाधान पर चर्चा की गई।

वैश्विक शासन की आवश्यकता

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि वर्तमान समय में वैश्विक तनाव और संघर्ष सभी देशों के लिए एक गंभीर समस्या बन गए हैं। उन्होंने मौजूदा वैश्विक शासन और वित्तीय संस्थानों की क्षमता पर प्रश्न उटाया और कहा कि जो संस्थान पिछली सदी के दौरान स्थापित किए गए थे, वे आज की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अपर्याप्त हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए, मोदी ने निष्पक्ष और समावेशी वैश्विक शासन की आवश्यकता पर जोर दिया।

ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट

प्रधानमंत्री ने संतुलित और सस्टेनेबल विकास के लिए 'ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट' का प्रस्ताव रखा। इसके तहत, उन्होंने व्यापार विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 2.5 मिलियन अमरीकी डॉलर के विशेष कोष की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कोष का उपयोग आर्थिक क्षेत्र में संतुलन बढ़ाने और स्थायी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा।

मंत्री सत्र

सम्मेलन के दौरान विभिन्न मुद्दों पर कुल दस मंत्री सत्र आयोजित किए गए। इनमें वैश्विक शासन, स्वास्थ्य, व्यापार, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, वित्त, ऊर्जा, शिक्षा, और जलवायु परिवर्तन जैसे विषय शामिल थे। विभिन्न देशों के मंत्रियों और प्रतिनिधियों ने इन सत्रों में भाग लिया और अपने विचारों एवं अनुभवों को साझा किया।

आतंकवाद, उग्रवाद और जलवायु परिवर्तन

प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष रूप से आतंकवाद, उग्रवाद, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सामूहिक कार्यवाई की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान तभी संभव है जब सभी देश मिलकर सहयोग करें और अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए संयुक्त प्रयास करें।

मोदी के इस महत्वपूर्ण संदेश ने सम्मेलन में आए सभी प्रतिनिधियों को मार्गदर्शन और प्रेरणा दी। उनके प्रस्तावित कदम वैश्विक दक्षिण के देशों की साझा समस्याओं के समाधान में बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। सम्मेलन का यह तीसरा संस्करण वास्तव में वैश्विक दक्षिण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच सिद्ध हुआ, जहां विभिन्न देशों ने अपने विचार साझा किए और आने वाले समय के लिए नई योजनाओं का निर्माण किया। यह सम्मेलन अपने उद्देश्य में सफल रहा, और इससे वैश्विक दक्षिण के देशों को एकजुट होकर भविष्य की चुनौतियों का सामना करने का मार्ग मिला।

सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सामंजस्य और सहयोग को बढ़ावा देना था। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को मिलकर वर्तमान चुनौतियों का समाधान ढूंढना होगा। उन्होंने कहा कि केवल संयुक्त प्रयास और निष्पक्ष वैश्विक शासन ही स्थायी विकास और न्यायपूर्ण भविष्य की दिशा में अग्रसर कर सकते हैं।

प्रवक्ता दृष्टिकोण

सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रवक्ताओं ने अपने-अपने दृष्टिकोण से सम्मिलित होकर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने पीएम मोदी के विचारों का स्वागत किया और उनके प्रस्तावित 'ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट' की सराहना की। प्रवक्ताओं ने माना कि यह प्रस्ताव वैश्विक शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है और इससे वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सहयोग मजबूत हो सकता है।

सम्मेलन की सफलता

तीसरे 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन' ने अपने उद्देश्य में सफलता हासिल की। यह सम्मेलन वैश्विक दक्षिण के देशों के बीच सहयोग और सामंजस्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। पीएम मोदी के नेतृत्व और उनके प्रस्तावित कदमों ने सम्मेलन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भविष्य की दिशा

इस सम्मेलन के बाद वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए एक नई दिशा तय हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित 'ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट' और अन्य कदमों से यह स्पष्ट है कि उन्होंने भविष्य की चुनौतियों का समाधान निकालने के लिए एक ठोस योजना बनाई है। सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी देशों ने सहमति जताई कि संयुक्त प्रयास ही वर्तमान समस्याओं का समाधान निकालने में सफल होंगे।

10 टिप्पणि

Imran khan

Imran khan

19 अगस्त, 2024 - 14:47 अपराह्न

ये सब बातें तो बहुत अच्छी लगीं, पर असली टेस्ट तो तब होगा जब ये कोष वास्तविक लोगों तक पहुंचेगा। बस घोषणाएं नहीं, असली बदलाव चाहिए।

Abhishek gautam

Abhishek gautam

20 अगस्त, 2024 - 18:57 अपराह्न

हम जिस वैश्विक शासन की बात कर रहे हैं, वो तो अभी भी वेस्टफ़िलिपीन्स और वाशिंगटन के नियंत्रण में है। जब तक हम अपने निर्णय खुद नहीं लेंगे, तब तक ये सब 'ग्लोबल डेवलपमेंट कॉम्पैक्ट' केवल एक रूपक होगा, जिसे शायद विश्व बैंक के एक अधिकारी ने पावरपॉइंट में बनाया होगा। हमें अपने आप को एक स्वतंत्र अस्तित्व के रूप में नहीं, बल्कि एक शक्ति के रूप में देखना होगा।

Neelam Dadhwal

Neelam Dadhwal

22 अगस्त, 2024 - 02:54 पूर्वाह्न

फिर से ये सब नरेंद्र मोदी की बड़ी बातें। जब तक देश में आर्थिक असमानता बनी रहेगी, तब तक ये सब बकवास है। गरीबों के लिए क्या हुआ? कोई जवाब दो!

vishal kumar

vishal kumar

22 अगस्त, 2024 - 13:24 अपराह्न

वैश्विक शासन की आवश्यकता अपरिहार्य है यदि हम सतत विकास को वास्तविकता बनाना चाहते हैं

Oviyaa Ilango

Oviyaa Ilango

23 अगस्त, 2024 - 01:25 पूर्वाह्न

कोष तो बहुत अच्छा है बस देखना होगा कि किसके हाथ में जाता है

Aditi Dhekle

Aditi Dhekle

23 अगस्त, 2024 - 18:43 अपराह्न

इस कॉम्पैक्ट के तहत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए फंडिंग का विस्तार विशेष रूप से रिलेवेंट है, खासकर जब हम ग्लोबल साउथ के ग्रामीण क्षेत्रों की समावेशी डिजिटल एक्सेस की बात कर रहे हैं।

Aditya Tyagi

Aditya Tyagi

24 अगस्त, 2024 - 22:25 अपराह्न

क्या आपने देखा कि भारत में भी बहुत सारे गांव अभी भी बिजली नहीं देख पाए? इतनी बड़ी बातें करने से पहले घर का ख्याल रखो।

pradipa Amanta

pradipa Amanta

26 अगस्त, 2024 - 11:26 पूर्वाह्न

अरे ये सब तो बस एक नाटक है। जब तक चीन और अमेरिका नहीं बदलेंगे तो ये सब बकवास है।

chandra rizky

chandra rizky

27 अगस्त, 2024 - 20:38 अपराह्न

बहुत अच्छा लगा 😊 अगर हम सब मिलकर एक दूसरे की समस्याओं को समझें तो ये कॉम्पैक्ट वाकई काम कर सकता है। अच्छा नेतृत्व दिखाया गया है 👏

Rohit Roshan

Rohit Roshan

28 अगस्त, 2024 - 08:19 पूर्वाह्न

ये कोष अगर छोटे उद्यमियों तक पहुंचे तो वाकई बदलाव आएगा। लोगों को बस एक मौका चाहिए 😊

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