स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा की धमाकेदार पारी से भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास
चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में भारत और दक्षिण अफ्रीका की महिला टीमों के बीच खेले गए टेस्ट मैच के पहले दिन स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा ने रिकॉर्ड तोड़ साझेदारी के साथ भारतीय क्रिकेट के इतिहास में नया अध्याय लिखा। दोनों खिलाड़ियों ने पहले विकेट के लिए 292 रन जोड़ते हुए कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, जो भारतीय महिला क्रिकेट के लिए गर्व की बात है।
शेफाली वर्मा का अनूठा रिकॉर्ड
शेफाली वर्मा, जिन्होंने मात्र 20 साल और 152 दिन में टेस्ट क्रिकेट में 500 रन पूरे करने का कारनामा किया, वह सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। इस उपलब्धि से उन्होंने संध्या अग्रवाल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इसके साथ ही, शेफाली टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाने वाली दूसरे सबसे कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी भी बन गई हैं, इस सूची में उनसे आगे सिर्फ मिताली राज हैं।
शेफाली वर्मा ने इस पारी में 150 से अधिक रन बनाए, जो उन्हें टेस्ट क्रिकेट में 150 प्लस रन बनाने वाली तीसरी भारतीय ओपनर बनाता है। इसके साथ ही, उन्होंने एक पारी में सबसे अधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया, जिसमें उन्होंने 8 छक्के जड़े।
स्मृति मंधाना की अद्भुत बल्लेबाजी
स्मृति मंधाना ने अपनी अद्भुत बल्लेबाजी से टेस्ट क्रिकेट में दूसरा शतक लगाकर महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया। वह तीनों फॉर्मेट में 500 से अधिक रन बनाने वाली दूसरी भारतीय महिला बैटर बन गई हैं, जिसने मिताली राज के साथ उनका नाम जोड़ दिया है।
इसके साथ ही, स्मृति मंधाना तीसरी भारतीय महिला बन गई हैं जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में एक से अधिक शतक लगाए हैं, संध्या अग्रवाल और हेमलता काला के बाद।
ऐतिहासिक साझेदारी
स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा के बीच 292 रनों की साझेदारी ने भी इतिहास रच दिया। यह महिला टेस्ट क्रिकेट में सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी है, जिससे उन्होंने पाकिस्तान की किरन बलूच और सज्जिदा शाह का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह महिला टेस्ट क्रिकेट में दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी भी है और भारत की महिला टेस्ट इतिहास में सबसे बड़ी साझेदारी है।
इस पारी ने भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। दोनों खिलाड़ियों की इस प्रेरणादायक पारी ने भारतीय टीम को मजबूत स्थित में ला दिया है और नए खिलाड़ियों के लिए एक मजबूत मानक स्थापित किया है।
नवोदित खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा
स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा की इस पारी ने नवोदित खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना दिया है। उन्होंने दिखा दिया है कि निरंतर अभ्यास और समर्पण से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। भारतीय महिला क्रिकेट के लिए यह एक बड़ा मील का पत्थर है और भविष्य की सम्भावनाओं को उज्जवल बनाता है।
इस उपलब्धि से भारत की महिला क्रिकेट टीम ने दिखा दिया है कि वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकती है और नए कीर्तिमान स्थापित करने के लिए पूरी तरह सक्षम है। क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह मैच हमेशा यादगार रहेगा और आने वाले समय में भारतीय महिला क्रिकेट की सफलता की कहानियां सभी को प्रेरणा देती रहेंगी।
Imran khan
1 जुलाई, 2024 - 19:10 अपराह्न
ये दोनों लड़कियां तो बस एक नए युग की शुरुआत हैं। जब मैं छोटा था, तो महिला क्रिकेट को बस एक नॉन-विज्ञापन एक्सपेरिमेंट समझा जाता था। आज देखो, ये दोनों ने टेस्ट में ऐसा किया जो अधिकांश पुरुष बैट्समैन भी नहीं कर पाए। इस देश की असली शक्ति यहीं है।
Abhishek gautam
1 जुलाई, 2024 - 23:25 अपराह्न
इस साझेदारी को देखकर मुझे लगता है कि हमारी सामाजिक रचना में एक गहरा रूपांतरण हो रहा है। लड़कियों को अब बस घर के अंदर रहने के लिए नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय मैदानों पर अपने बल्ले से इतिहास रचने के लिए तैयार किया जा रहा है। यह केवल खेल नहीं, यह एक दार्शनिक विद्रोह है - जहां शक्ति का परिभाषित रूप बदल रहा है। जो लोग इसे सिर्फ एक स्पोर्ट्स रिकॉर्ड समझते हैं, वे वास्तविकता को नहीं समझ पाए।
Neelam Dadhwal
2 जुलाई, 2024 - 11:49 पूर्वाह्न
अरे भाई, शेफाली के 8 छक्के? अब तो बस बल्ले से बम फेंक रही है। और स्मृति का शतक? अरे ये तो बस अपने बचपन के सपने को पूरा कर रही है। पर ये सब दिखावा है, असली खेल तो टीम के बाकी खिलाड़ियों का है जो बिना बोले बैठे हैं। ये दोनों को तो फेम दे दिया गया, बाकी लोगों को तो कोई नहीं देख रहा।
vishal kumar
3 जुलाई, 2024 - 00:45 पूर्वाह्न
इतिहास बन गया है। दो खिलाड़ियों ने एक साझेदारी दी जो भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नया मानक स्थापित करती है। यह उपलब्धि आंकड़ों से आगे बढ़ती है। यह एक संस्कृति का परिवर्तन है।
Oviyaa Ilango
3 जुलाई, 2024 - 23:36 अपराह्न
शेफाली का रिकॉर्ड तोड़ना बहुत बड़ी बात है पर अभी भी मिताली राज के बाद दूसरी हैं और ये तो बस शुरुआत है
Aditi Dhekle
4 जुलाई, 2024 - 07:27 पूर्वाह्न
इस साझेदारी का अर्थ अब सिर्फ रन नहीं, बल्कि नैरेटिव शिफ्ट है। ओपनिंग साझेदारी के रूप में ये एक नया डिस्कोर्स लाती है - जहां युवा महिला शरीर अब राष्ट्रीय अभिव्यक्ति का एक एक्टिव साधन है। ये एक सामाजिक एपिस्टेमोलॉजी का बदलाव है।
Aditya Tyagi
4 जुलाई, 2024 - 08:01 पूर्वाह्न
यार बस एक बात बताओ, इन दोनों को जब बचपन में कोच ने बल्ला दिया तो उनके पापा क्या बोले थे? क्या घर में नहीं कहा था 'लड़कियां बल्ला नहीं उठातीं'? अब तो इन्होंने घर की दीवार भी तोड़ दी।
pradipa Amanta
4 जुलाई, 2024 - 23:07 अपराह्न
इतिहास रचा? अरे भाई ये तो सिर्फ एक मैच है। जब तक टीम का अगला मैच नहीं खेलतीं तो ये सब बस एक फोटो फिल्टर है। और फिर भी लोग रिकॉर्ड के आगे झुक जाते हैं। बस दिखावा है।
chandra rizky
5 जुलाई, 2024 - 15:44 अपराह्न
वाह 😍 ये दोनों लड़कियां तो बस बहुत बढ़िया हैं। देखकर लगता है कि हमारा देश असल में बदल रहा है। ये खेल तो बस एक उदाहरण है, असली बात तो ये है कि अब लड़कियां अपने सपनों के लिए लड़ रही हैं। इसके लिए शुभकामनाएं 🙏
Rohit Roshan
6 जुलाई, 2024 - 16:43 अपराह्न
मैंने जब शेफाली को पहली बार खेलते देखा तो सोचा ये तो बस एक तेज़ बल्लेबाज है। पर आज देखा तो ये तो एक फिलॉसफर है जो बल्ले से बात करती है। इतने छक्के लगाना सिर्फ ताकत नहीं, बल्कि विश्वास है। और स्मृति? वो तो शांति की अवतार हैं - जो अपने बल्ले से शांति बनाती हैं। 🌸
arun surya teja
6 जुलाई, 2024 - 16:54 अपराह्न
यह उपलब्धि भारतीय महिला क्रिकेट के विकास के एक अहम चरण को दर्शाती है। यह न केवल खेल के आंकड़ों की बात है, बल्कि समाज में महिलाओं के स्थान के बारे में एक गहरा संदेश है। इस दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है।