अगर आप कभी समाचार देखते हुए "हमास" शब्द सुनते हैं तो सोचेंगे कि यह कोई नया समूह नहीं बल्कि बहुत पुरानी कहानी का हिस्सा है। चलिए आसान भाषा में जानते हैं कि हमास असल में कौन है, क्यों बना, और आज के समय में उसका क्या असर है.
हमास की शुरुआत 1987 में हुई, जब फिलिस्तीनियों ने इज़राइल के खिलाफ पहला अंतर्निहित विद्रोह (इंतिफ़ादा) शुरू किया। इसका पूरा नाम है "हरकत अल-ताक़वा अल‑इस्लामिया" यानी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन। शुरुआती दिनों में यह सामाजिक कार्य, स्कूल और अस्पताल चलाने पर ध्यान देता था, लेकिन धीरे‑धीरे सैन्य पक्ष भी मजबूत हुआ।
मुख्य कारण थे: फिलिस्तीनियों का अपने जमीनों से बेदखल होना, गाज़ा पट्टी में इज़राइल की नाकाबंदी, और शरणार्थी कैंपों में जीवन कठिन होना। इन समस्याओं के जवाब में हमास ने खुद को एक ऐसा समूह बताया जो लोगों के हक़ के लिए लड़ता है.
अब हमास गाज़ा पट्टी पर नियंत्रण रखता है। यह इज़राइल से अक्सर टकराता रहता है – कभी रॉकेट फायर करता है तो कभी सीमा बंदी की कोशिश करता है. इस वजह से कई बार बड़ी लड़ाइयाँ होती हैं, जैसे 2021 का गाज़ा युद्ध और हाल ही में हुए छोटे‑छोटे संघर्ष.
हमास के प्रमुख लक्ष्य दो चीज़ें हैं: पहला, फिलिस्तीनियों को स्वतंत्र राज्य दिलाना, दूसरा इज़राइल को मान्यता न देना. इस कारण कई देशों ने हमास को आतंकवादी समूह माना है, जबकि कुछ मुस्लिम बहुसंख्यक राष्ट्र इसे वैध राजनीतिक शक्ति देखते हैं.
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, अमेरिका, यूरोपीय संघ और इज़राइल अक्सर हमास के खिलाफ सख्त नीतियां अपनाते हैं। वहीं टर्की, क़तर जैसे देश कभी‑कभी मानवीय सहायता या मध्यस्थता की कोशिश करते हैं. इससे स्थिति जटिल बनी रहती है – हर बार जब वार्ता होती है तो दोनों पक्षों की शर्तें अलग‑अलग रहती हैं.
आखिर में आप सोचेंगे कि आम लोगों पर इसका क्या असर पड़ता है? गाज़ा में रोज़मर्रा की जिंदगी बहुत मुश्किल हो गई है। बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाएं अक्सर बंद हो जाती हैं. फिर भी हमास के सामाजिक कार्यक्रम (स्कूल, अस्पताल) कई लोगों को राहत देते हैं, इसलिए स्थानीय समर्थन अभी भी मौजूद है.
अगर आप इस विषय पर अपडेट चाहते हैं तो हमारे "हमास" टैग वाले लेख पढ़ते रहें। यहाँ आपको हर नई खबर, विश्लेषण और विशेषज्ञ राय एक ही जगह मिल जाएगी. समझदारी से पढ़ें, अपने विचार बनाएं और बातों को फैलाते समय तथ्य देखना न भूलें.
इजराइली सेना ने गाजा के खान यूनिस में चार बंधकों की मृत्यु की पुष्टि की है। बंधकों के शवों को अभी भी उग्रवादी पकड़े हुए हैं। हमास के अक्टूबर में किये गए हमले के बाद इजराइल ने गाजा में सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें हजारों लोग मारे गए हैं। हालाँकि, अभी भी कई बंधक लापता हैं।
आगे पढ़ें