अगर आप इंजीनियर बनना चाहते हैं तो IIT का नाम सबसे पहला दिमाग में आता है. लेकिन कई बार प्रवेश प्रक्रिया जटिल लगती है. इस लेख में हम आसान भाषा में बताएँगे कि JEE मैन, JEE एडवांस्ड और काउंसलिंग कैसे काम करती है, किस चीज़ पर ध्यान देना चाहिए और सफलता के छोटे‑छोटे ट्रिक क्या हैं.
पहला कदम है सही समय पे पढ़ाई शुरू करना. अधिकांश सफल छात्र 10‑वी क्लास के बाद ही बेसिक कॉन्सेप्ट्स को मजबूत करते हैं, इसलिए आप भी उसी रूट पर चलें. रोज़ाना दो घंटे हल्के नोट्स बनायें, फिर हर हफ़्ते एक बार पूरा टेस्ट करें. जब कोई टॉपिक समझ न आए तो यूट्यूब या ऑनलाइन क्लासेज़ से फॉलो‑अप करें – वो अक्सर 5‑10 मिनट में बात को साफ कर देते हैं.
दूसरा है मॉक टेस्ट का प्रयोग. हर महीने कम से कम दो बार JEE मैन के मॉक पेपर हल करें, और एडवांस्ड की तैयारी शुरू होते ही उसके भी सेट्स दें. मॉक से आपको टाइम मैनेजमेंट, ट्रिक प्रश्नों की पहचान और अपनी कमजोरी वाले टॉपिक्स पता चलेंगे.
तीसरा टिप है सवाल‑बैंक को सही ढंग से इस्तेमाल करना. एक बड़ा बैनक खरीदें और वही से रोज़ 10‑15 क्वेश्चन हल करें. बार‑बार दोहराने से कॉन्सेप्ट्स दिमाग में बैठते हैं और जब असली परीक्षा आती है तो आत्मविश्वास बढ़ जाता है.
JEE एडवांस्ड के रिज़ल्ट के बाद सबसे महत्वपूर्ण काम काउंसलिंग होता है. सबसे पहले आप अपना JOSAA (Joint Seat Allocation Authority) पोर्टल पर लॉग‑इन करें, प्रोफ़ाइल अपडेट करें और प्राथमिकताएँ डालें. प्राथमिकता में आपको अपने पसंदीदा कॉलेज और ब्रांच को क्रमवार रखें – अगर पहली पसंद नहीं मिलती तो दूसरी या तीसरी जगह भी देखना चाहिए.
काउंसलिंग राउंड दो‑तीन बार होते हैं. पहले राउंड में सबसे उच्च स्कोर वाले छात्रों को उनकी टॉप चॉइस मिलती है, बाद के राउंड में बची हुई सीटें बाँटी जाती हैं. अगर किसी कारण से आप अलॉटेड सीट नहीं ले पाते तो अगले राउंड का इंतज़ार करें या ‘वेटलिस्ट’ पर रह सकते हैं.
ध्यान रखें कि डॉक्यूमेंट्स की वैरिफिकेशन समय पर पूरी होनी चाहिए, नहीं तो आपका एलोकेशन कैंसिल हो सकता है. फीस जमा करने के बाद ही सीट फाइनल होती है, इसलिए डेडलाइन मिस न करें.
एक और बात जो अक्सर भूल जाती हैं वो ‘डिप्लॉमा/ट्रांसफर’ की नीति है. अगर आपने किसी अन्य इंजीनियरिंग कोर्स में पहले से प्रवेश ले रखा है तो JEE एडवांस्ड के बाद उस कोर्स को ड्रॉप करना पड़ सकता है, इसलिए कॉलेज की नीतियों को पढ़ें.
अंत में एक छोटा लेकिन असरदार सुझाव: काउंसलिंग के दौरान अपना मन शांत रखें. अक्सर लोग जल्दी‑बाजी में अपनी पसंदीदा ब्रांच नहीं लेते और बाद में पछताते हैं. अगर आप पहले से तैयार हों तो बेहतर विकल्प चुन पाएँगे.
तो अब आपके पास IIT एडमिशन की पूरी रोडमैप है – तैयारी, मॉक टेस्ट, काउंसलिंग और डेडलाइन मैनेजमेंट. इन स्टेप्स को फ़ॉलो करें और अपने सपनों के IIT में जगह पाने का चांस बढ़ाएँ. पढ़ाई में निरंतरता रखें, समय पर रिवीजन करें और सकारात्मक रहें. सफलता आपके कदमों से ही नहीं, बल्कि आपके रोज़मर्रा के छोटे‑छोटे फैसलों से आती है.
संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) एडवांस्ड के परिणाम रविवार को घोषित किए गए, जिसमें IIT दिल्ली ज़ोन के वेद लाहोटी ने 360 में से 355 अंक प्राप्त कर शीर्ष स्थान हासिल किया है। कुल 48,248 उम्मीदवारों ने परीक्षा उत्तीर्ण की जिसमें 7,964 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। शीर्ष महिला उम्मीदवार, द्विजा धर्मेशकुमार पटेल ने 360 में से 322 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया रैंक 7 हासिल किया।
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