ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम ने भारतीय टीम के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में बेहतरीन प्रदर्शन करके एक विशाल स्कोर खड़ा किया। इस मैच का मुख्य आकर्षण था दो खिलाड़ियों का शतक, जिन्होंने भारत के गेंदबाजों को संघर्ष में डाल दिया। जॉर्जिया वॉल और एलीस पेरी की पारियों ने टीम के स्कोर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। खास बात यह है कि यह मैच ऑस्ट्रेलिया और भारत की महिला टीम के बीच खेले जा रहे वनडे सीरीज का हिस्सा था और सदैव की तरह क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक रोमांच का विषय बना।
जॉर्जिया वॉल ने अपनी पारी में दुनिया को दिखा दिया कि वे क्या करने में सक्षम हैं। उन्होंने केवल 84 गेंदों में 100 रन बनाए, जिसमें 12 चौके शामिल थे। उनका यह शानदार प्रदर्शन टीम के लिए एक बड़ा प्लस प्वाइंट साबित हुआ। वॉल के साथ ही एलीस पेरी ने भी बल्ले का जलवा दिखाया। पेरी के नाम 72 गेंदों में 100 रन, जिसमें 6 चौके और 6 छक्के थे। इन दोनों खिलाड़ियों के बीच हुई साझेदारी ने ऑस्ट्रेलिया को मैच में मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।
ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी में केवल वॉल और पेरी ही नहीं, बल्कि फोबे लिचफिल्ड और बेथ मूनी के अर्द्धशतक भी अहम भूमिका निभाई। लिचफिल्ड ने 50 रन 58 गेंदों में बनाए जबकि मूनी ने 42 गेंदों में 50 रन पूरे किए। इन योगदानों की बदौलत टीम का स्कोर 371 तक पहुंच पाया। ऑस्ट्रेलिया की बेहतरीन शुरुआत ने भारत की गेंदबाजों पर काफी दबाव डाला, और टीम का कोई भी प्रमुख गेंदबाज अपने स्तर का प्रदर्शन नहीं कर सका।
भारतीय क्रिकेट के नजरिए से, सैमा ठकुर, दीप्ति शर्मा और मिन्नू मणि ने कुछ हद तक कोशिश की। ठकुर ने लिचफिल्ड का महत्वपूर्ण विकेट लिया, लेकिन अन्य प्रमुख बल्लेबाजों को रोक पाने में नाकाम रहीं। दीप्ति शर्मा और मिन्नू मणि ने भी विकेट लिए, परंतु ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के सामने उनका प्रदर्शन प्रभावी नहीं रहा। भारतीय गेंदबाजों का धीमा प्रदर्शन टीम की रणनीतियों पर सवाल खड़ा करता है।
भारत की पारी की शुरुआत धीमी रही और महत्वपूर्ण बल्लेबाजों के जल्दी आउट हो जाने से टीम पर दबाव बढ़ गया। स्मृति मंधाना को गार्थ ने बोल्ड कर दिया और ऋचा घोष किंग की गेंद पर आउट हो गईं। इन शुरुआती झटकों का भारतीय टीम पर गहरा असर पड़ा, और स्कोर 157 तक ही पहुंच पाया। जमिमाह रॉड्रिग्स ने 31 रन बनाकर नाबाद रहते हुए टीम को संभालने की कोशिश की, लेकिन उनका यह प्रयास पर्याप्त नहीं था।
मैच का यह क्रूसियल मोमेंट तब आया जब कुछ फैसलों का रिव्यू लिया गया, जो विवादास्पद साबित हुए। दोनों टीमों ने डीआरएस का उपयोग किया और यह भी देखा गया कि कैसे ऑन-फील्ड अंपायरिंग को प्रभावित किया जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम का यह शानदार प्रदर्शन बताता है कि टीम कितनी तैयारी के साथ खेल रही है और आगे के मैचों में भी ऐसा ही प्रदर्शन करने की कोशिश करेगी। इस सीरीज का परिणाम नौजवान खिलाड़ियों के लिए और भी प्रेरणादायक हो सकता है।