क्या आपने कभी सोचा है कि एक ही गेंदबाज़ कितनी देर तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में टॉप पर रह सकता है? जेम्स एंडरसन ने यही कर दिखाया है। 2002 में टेस्ट डेब्यू से लेकर आज तक, उन्होंने 170+ मैचों में 600 से अधिक विकेट लिये हैं और अभी भी फिट खेल रहे हैं।
एंडरसन का पहला बड़ा कदम 2001 में इंग्लैंड A टीम के साथ आया, लेकिन असली पहचान 2002 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू से मिली। तब से वह लगातार सालाना 50+ विकेट लेकर अपनी वैल्यू बढ़ाते आए हैं। उनका सबसे यादगार मोमेंट 2013 का एशेज़ कलेक्शन है – सिर्फ दो सीजन में उन्होंने 1000 विकेट्स पार कर लीं, जो आज तक बहुत कम खिलाड़ियों ने हासिल किया है।
सिर्फ टेस्ट नहीं, एंडरसन ODI और T20I में भी अहम भूमिका निभाते रहे हैं। हालांकि फॉर्मेट बदलने से उनकी गेंदबाज़ी शैली को थोड़ा एडेप्ट करना पड़ा, पर उनका सटीक स्विंग और कंट्रोल हमेशा काम आया है।
2024‑25 सीज़न में एंडरसन ने इंग्लैंड के घर वाले पिचों पर फिर से चमका। भारत‑इंग्लैंड टेस्ट में उन्होंने दो पाँच‑विकेट इन्किंग्स लेकर मैच को बराबरी तक ले आए। इस साल उनकी औसत 23.5 और स्ट्राइक रेट 50.2 है, जो उनके शुरुआती वर्षों के मुकाबले बेहतर है। उम्र बढ़ने के बावजूद वह फिटनेस पर बहुत ध्यान देते हैं – रोज़ाना योग, पिलाटेस और स्पीड वर्कआउट उनका रूटीन है।
भविष्य में क्या उम्मीद की जाए? विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर एंडरसन अपनी गति और स्विंग को बनाए रखे तो अगले दो‑तीन साल तक वह टेस्ट टीम का मुख्य स्तंभ रहेंगे। साथ ही, युवा बॉलर्स को मेंटरशिप देने के लिए भी उन्हें अधिक अवसर मिल सकते हैं, जिससे इंग्लैंड की गेंदबाज़ी डिपार्टमेंट मजबूत होगी।
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संक्षेप में, जेम्स एंडरसन सिर्फ एक तेज़ गेंदबाज़ नहीं; वह इंग्लैंड के क्रिकेट इतिहास में स्थायी छाप छोड़ने वाले खिलाड़ी हैं। उनका करियर, मेहनत और लगातार सुधार हमें सिखाता है कि उम्र कोई बाधा नहीं, जब तक आप खुद को अपग्रेड करते रहें।
इंग्लैंड के अनुभवी पेसर जेम्स एंडरसन ने अपने विदाई भाषण में विराट कोहली के खिलाफ अपने यादगार मुकाबलों को याद किया। एंडरसन ने कहा कि कोहली के करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें हर गेंद पर आउट करने का विश्वास था, परंतु अब ऐसा करना लगभग असंभव हो गया है। उन्होंने 2014 और 2018 के दौरों की भी चर्चा की।
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